महिलाओं के सम्मान, उनके कार्यों की प्रशंसा, महिलाओं के अधिकारों के साथ शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आधिकारिक रूप से सर्वप्रथम संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1996 में आयोजित किया गया जिसकी थीम "अतीत का जश्न भविष्य की योजना" थी।
इतिहास (History Behind Women's Day Celebration)
महिलाओं के चहुमुखी विकास के लिए 1908 से प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यदि इतिहास के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का बीजारोपण एक मजदूर आंदोलन से हुआ। 1908 में 15,000 महिलाओं द्वारा अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में बेहतर, काम के समयाअवधि की सीमा कम करने और मताधिकार पाने के लिए मार्च किया गया था जिसके फलस्वरूप 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी द्वारा 28 फरवरी को महिला दिवस मनाने का ऐलान किया गया। इसके करीब 1 साल बाद क्लारा जेटकिन नामक महिला ने विश्वभर में महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया।
कैसे आया महिला दिवस मनाने का आईडिया?
सर्वप्रथम 1910 में कोपनहेगन में क्लारा जेटकिन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का सुझाव दिया गया। क्लारा जेटकिन ने 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं कि एक इंटरनेशनल कांफ्रेंस के दौरान यह सुझाव दिया। इस कॉन्फ्रेंस में विश्व भर के 17 देशों की 100 महिलाएं उपस्थित थी जिन्होंने क्लारा के इस सुझाव का समर्थन किया परिणाम स्वरूप विश्व भर में महिला दिवस मनाया जाने लगा। सर्वप्रथम 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।
8 मार्च को महिला दिवस मनाने का कारण
सन 1914 की बात है जब प्रथम विश्वयुद्ध का आगाज हुआ जिसमें लगभग 2 मिलियन रूसी सैनिक मारे गए। रूसी सैनिकों की इतनी बड़ी संख्या में मृत्यु के कारण 1917 के फरवरी माह के आखिरी रविवार को रूसी महिलाओं ने "ब्रेड एंड पीस" नाम से 4 दिनों तक स्ट्राइक किया। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर प्रचलित था जिसके अनुसार यह 23 फरवरी का दिन था जबकि ग्रेगोरियन कैलेंडर के मुताबिक यह 8 मार्च की तिथि थी। इसके बाद 8 मार्च 1921 को दुनिया भर में एक साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
भारत में महिला दिवस मनाए जाने का कारण
भारत ही नहीं अपितु विश्व भर में महिलाओं के हितों की रक्षा करने और भेदभाव को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। वर्तमान परिदृश्य में महिलाओं को पुरुषों से कम नहीं आंका जा सकता, महिलाएं भी पुरुषों के साथ कदम से कदम मिलाकर संपूर्ण विश्व का चहुमुखी विकास करने में अपनी सहभागिता का उत्तम प्रदर्शन कर रही हैं। इनके हौसले को बुलंद करने और सामाजिक असमानता को दूर करने के उद्देश्य से भी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाना अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
क्या होगी वर्ष 2021 "विमेंस डे की थीम" (Women's Day 2021 Theme)
इंटरनेशनल विमेंस डे डॉट कॉम के मुताबिक इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम "Women in leadership: Achieving an equal future in a covid-19 world" है।
कैसे मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस? (How International Women's Day is Celebrated)
नारी के सम्मान और उसकी प्रशंसा के लिए 8 मार्च को भिन्न भिन्न प्रकार से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को स्पेशल बनाया जाता है। कॉलेज, स्कूल, दफ्तरों और अन्य स्थानों पर महिलाओं का सहृदय अभिवादन और सम्मान किया जाता है। इस दिन को स्पेशल बनाने के लिए अनेक इंतजाम गिफ्ट, कार्ड और फूल भी प्रदान किए जाते हैं। सोशल मीडिया के इस युग में महिला दिवस के मैसेज, संदेश और फोटोस के माध्यम से उन्हें शुभकामनाएं प्रेषित की जाती हैं।,, घरों में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर बच्चे अपनी मां को गिफ्ट भी देते हुए देखे जाते हैं। रूस, चीन, कंबोडिया, नेपाल और जॉर्जिया में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को खास बनाने के लिए 1 दिन का अवकाश रहता है। वहीं चीन की बात की जाए तो चीन में महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन काम के आधे दिन का अवकाश मिलता है।
महिलाओं के सम्मान और उनके महत्व को समझते हुए कुछ बेहतरीन उद्धरण (Quotes on International Women's Day)-
"किसी भी समाज की उन्नति उस समाज की औरतों की उन्नति से मापी जा सकती हैं।" – बी आर अम्बेडकर
"स्त्रियों की स्थिति में सुधार न होने तक विश्व के कल्याण की कोई कल्पना नहीं हो सकती. किसी पंक्षी का एक पंख के सहारे उड़ना बिलकुल असम्भव हैं." – अज्ञात
"नारी सदैव अजेय रही हैं." – महादेवी वर्मा
"पवित्र नारी सृष्टिकर्ता की सर्वोत्तम कृति होती है; वह सृष्टि के सम्पूर्ण सौन्दर्य को आत्मसात किये रहती हैं." – रवीन्द्रनाथ ठाकुर
"नारियाँ इसलिए अधिकार चाहती हैं कि उनका सदुपयोग करें और पुरूषों को उनका दुरूपयोग करने से रोकें." – प्रेमचंद
"नारी को अबला कहना उसका अपमान करना हैं." – महात्मा गांधी
"जब हम चुप हो जाते हैं तो हमें अपनी आवाज के महत्व का एहसास होता है।" - मलाला यूसूफ़जई
"आपको अपने डर को कभी भी ऐसा नहीं करने देना चाहिए जो आपको पता है कि आप सही हैं।" - ऑंन्ग सैन सू की
"महिलाओं के रूप में हम क्या कर सकते हैं, इसकी कोई सीमा नहीं है।" - मिशेल ओबामा