राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुझाव पर महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय ने अगले साल से एमफिल कोर्स को बंद करने का फैसला लिया है कोर्स के बंद होने का मुख्य कारण छात्रों की एमफिल कोर्स के प्रति रुचि न लेना बताई जा रही है । इसके लिए प्रशासन ने विश्वविद्यालय को निर्देश भी दे दिए हैं ।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रोहिलखंड विश्वविद्यालय के 2 विभागों इतिहास और अर्थशास्त्र में एमफिल में हर साल प्रवेश लिए जाते हैं इतिहास और अर्थशास्त्र के यहां पर 15 सीटें होती हैं ।
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पंजीकरण -इस बार अर्थशास्त्र विषय में एमफिल के लिए 64 और इतिहास में 46 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया था सोमवार को प्रवेश के लिए मेरिट भी जारी कर दी गई ।
एमफिल बंद होने की वजह
महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रवेश समन्वयक प्रोफेसर एसके पांडेय का कहना है कि इस बार आवेदन और प्रवेश होने के बाद एमफिल कोर्स बंद करने का आदेश आया है । विश्वविद्यालय के शिक्षकों का कहना है एमफिल करने से छात्रों को कोई लाभ नहीं मिलता ।
एमफिल करने के बाद छात्रों को करनी पड़ती है पीएचडी
छात्रों का कहना है कि एमफिल करने के बाद उन्हें पीएचडी के लिए नए सिरे से पढ़ाई करनी होती है और इसके साथ-साथ शिक्षक बनने के लिए नौकरी में इसका कोई प्रयोग नहीं होता जिसके परिणाम स्वरूप प्रशासन द्वारा इसे बंद करने का आदेश जारी किया गया है।