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भारत और पाकिस्तान अलग-अलग दिन मनाते हैं आजादी का जश्न जानें, ये है वजह

भारत और पाकिस्तान दोनों देश एक ही दिन स्वतंत्र हुए थे। कहा जाता है कि पाकिस्तान ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को ही मनाया था और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना ने देश के नाम का अपना पहला संबोधन इसी तरह से दिया था की -"ढेर सारी खुशियों के साथ मैं आपको बधाई देता हूं 15 अगस्त, स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र पाकिस्तान का आज जन्मदिन है।"  लेकिन यह सिर्फ जिन्ना के रहने तक ही हुआ। 

आज आप लोग जानते ही हैं कि पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाता है पर आखिर ऐसा क्यों??

इस सवाल के जवाब की शुरुआत होती है पंडित जवाहर लाल नेहरू की घोषणा से जवाहरलाल नेहरू ने 1919 में कांग्रेस के अध्यक्ष रहते हुए पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। उसके बाद से 26 जनवरी को देश का स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा, आजादी मिलने तक यही स्वतंत्रता दिवस रहा। द्वितीय विश्वयुद्ध के पश्चात इंग्लैंड के कमजोर पड़ने के बाद उसने लॉर्ड माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत की सत्ता हस्तांतरण का जिम्मा सौंपा। 

देश के बंटवारे की बात जानकर जगह-जगह पर अनेक धार्मिक हिंसाएं होने लगी। तब सी राजगोपालाचारी ने कहा कि यदि हम इस तरह से जून का इंतजार करेंगे तो कुछ भी नहीं बचेगा। इसलिए लॉर्ड माउंटबेटन ने अगस्त 1947 में ही सत्ता देने का फैसला किया, क्योंकि देश में हिंदू और मुसलमानों के बीच दंगों को खत्म करना मुसीबत बन चुका था। इसके बाद ब्रिटिश संसद में 4 जुलाई 1947 को स्वतंत्रता अधिनियम पेश किया गया और 15 दिनों में ही इसे पारित कर दिया गया। इसके अनुसार 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन का अंत और भारत और पाकिस्तान दो स्वतंत्र देश बनेंगे। आजादी के 10 महीने तक लॉर्ड माउंटबेटन भारत में ही रहे। वह 10 महीने तक भारत के पहले गवर्नर जनरल थे।

अब बात करते हैं कि जब दोनों देश एक साथ आजाद हुए थे तो यह अपना स्वतंत्र दिवस अलग-अलग क्यों मनाते हैं?

इस प्रश्न के जवाब में अनेक लोगों द्वारा अनेक मत दिए जाते हैं, 


अनेक धारणाएं:


कुछ इतिहासकारों के अनुसार दोनों देशों का हस्तांतरण तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को करना था। परंतु वह एक ही दिन दोनों जगह दिल्ली और कराची में उपस्थित नहीं हो सकते थे इसीलिए उन्होंने 14 अगस्त को कराची में सत्ता हस्तांतरित कर दिया और झंडा फहरा दिया। 

अन्य इतिहासकारों का मानना है कि आजादी तो दोनों को एक ही दिन मिली बस पाकिस्तान को दस्तावेज 1 दिन पहले मिल गए थे।

अन्य रिपोर्ट के मुताबिक 1947 में 14 अगस्त को रमजान का 27 वां दिन यानी रमजान का आखिरी शुक्रवार था, जिसे सबसे बड़ा पवित्र दिन मानते हैं। इस्लामिक मान्यता के मुताबिक कुरान को इसी रात उतारा गया था, इसके बाद से ही पाकिस्तान 14 अगस्त को अपना स्वतन्त्रता दिवस मनाने लगा।

एक अन्य तर्क में यह कहा जाता है कि 15 अगस्त को नई दिल्ली में 12:00 बजे समझौते को लेकर हस्ताक्षर किए गए थे। परंतु पाकिस्तान का समय हिंदुस्तान के समय से 30 मिनट पीछे है इसलिए ऐसा कहा जाता है कि जब पाकिस्तान को आजादी मिली उस समय रात के 11:30 बज रहे थे, इसलिए पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाया जाता है।


इतिहासकारों के अलग विचार:


इस तरह से पाकिस्तान के इतिहासकार स्वयं ही इस बात पर एकमत नहीं है क्योंकि पहले पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता था और अब यह 14 अगस्त को कर दिया गया। परंतु इसे इतिहास के हिसाब से मान्य ना मानते हुए यह बताया जाता है कि पाकिस्तान हिंदुस्तान से अलग हुआ है, ना कि ब्रिटिश इंडिया से। 

  

इस तरह से पाकिस्तान का स्वतंत्रता दिवस 14 को तथा भारत का 15 अगस्त को हर साल मनाया जाता है।


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