भारत का असली इतिहास' नामक पुस्तक श्री पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित की गई है और इस पुस्तक का संपादन डॉ प्रवीण तिवारी ने किया है। डॉ प्रवीण तिवारी एक जाने-माने टीवी पत्रकार हैं और उन्होंने भारत की धरोहर तथा भारत के इतिहास को एक बार फिर से पन्नों के माध्यम से लोगों से रूबरू करवाया है।
'भारत का असली इतिहास' एक पुस्तक का शीर्षक है जो हाल ही में प्रकाशित हुई है। इस पुस्तक में यह बताने का प्रयास किया गया है कि कैसे इतिहास दिन प्रतिदिन कई सारी परतों में धंसता जा रहा है और इतिहास के यह पन्ने कहीं नीचे दबे पड़े हुए हैं। इन पन्नों को बाहर निकालने का प्रयास इस पुस्तक के माध्यम से किया गया है, जो कि भारत के असली इतिहास को दर्शाता सा दिख रहा है। इस पुस्तक में 250 पृष्ठ हैं तथा इसका मूल्य भी ₹250 ही रखा गया है। History Of India
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इस पुस्तक में उन्होंने बताया है कि भारत का एक सुख समृद्धि और अद्वितीय इतिहास रहा है, परंतु अंग्रेजों और मुगलों की रणनीति विचारों ने भारत को पराजित साबित कर दिया और इतिहास में भारत को पराजय देश बना दिया। जबकि भारत एक अखंड रूप में सदैव वैश्विक सनातन धर्म के इतिहास को सहता आया है और भारत की जितनी भी बची हुई संस्कृति और धरोहर है, वह भी अब हाथ से निकलने को तैयार है। भारत के इतिहास का सर्वाधिक दुखद पल यह कि जो कभी योद्धा रहा करते थे, आज उन्हें अछूत बना दिया गया है और यहां तक कि इतिहास को भी परतंत्र कर दिया गया है। भारत के बड़े विश्वविद्यालयों में मौजूद विज्ञान और साहित्य के ज्ञान की भी विदेशियों द्वारा नकल करके प्रतिकृति बना दी गई और अब वे उस पर अपनी रचनाएं लिख-लिख कर विश्वभर में प्रकाशित कर रहे हैं।
महाराजा हेमचंद्र विक्रमादित्य जैसे राजा जिन्होंने विदेशियों और अंग्रेजों जैसे प्रभुत्व जमाने वाले शक्तिशाली योद्धाओं से लड़ने के बाद भी अपनी धरोहर को संजोए रखा, आज इतिहास में उनका नाम कहीं भी नहीं है। यह जानबूझकर किया जाने वाला कृत्य है ताकि भारत के इतिहास को धूमिल किया जा सके।
भारत के सामाजिक विचारक मनु जोकि अपने आर्थिक और सामाजिक विचारों के लिए विश्व प्रसिद्ध थे। आज उनके बारे में कोई नहीं जानता। उन्होंने कई तरह से राजनीति में अपना योगदान दिया है। उस समय भारत के विज्ञान और पाश्चात्य विज्ञान की इस भिन्नता की ओर किसी का ध्यान आकर्षित नहीं किया गया। इसके बावजूद आधुनिक विज्ञान ने पूर्व में ही जन्म लिया था यही सत्य है। History Of India
पूरी दुनिया को गणित का ज्ञान देने वाली अद्वितीय संस्कृति और धरोहर इस भारत भूमि की है। वैदिक काल में विज्ञान में माइक्रोबायोलॉजी, मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ सस्टेनेबल डेवलपमेंट यहां तक कि सस्टेनेबल एग्रीकल्चर की संकल्पना भी प्रस्तुत की गई थी। यह संकल्पना गो कृषि से सामने आई थी, अर्थात इस तरह से सबके कल्याण के लिए शुरू से ही कार्य करना भारतीयों की परंपरा रही है।
उस समय के भारत के रसायन शास्त्र और विमान शास्त्र जैसे किसी भी शास्त्र की बस कल्पना ही नहीं होती बल्कि यह एक सच्चाई है कि भारत एक समृद्ध देश पहले से ही रहा है और उसका इतिहास धूमिल किया गया है तथा इतिहास को कई तरह की पर्वतों और मानो किसी पुस्तक की जिल्द के नीचे दबा दिया गया हो जो उभरकर सामने ना आ सकता हो। हजारों वर्ष पूर्व बने भारत के मंदिर, भारत की सत्ता यह सब कुछ एक गौरवशाली इतिहास को दर्शाता है। एक इतिहास को पूरी तरह से समृद्ध बनाने और उसे साबित करने के लिए सभी को उस गौरवशाली इतिहास को जानना और पढ़ना अति आवश्यक है। इसी उद्देश्य से बनाई गई यह पुस्तक कई प्रसिद्ध लेखकों इतिहासकारों और पत्रकारों के द्वारा भारत के इतिहास पर चढ़ाए गए इस जिल्द को चीरते हुए, उस सच्चाई को बाहर लाने और असली इतिहास को एक बार फिर नए तरह से संजोए रखने का एक उत्कृष्ट प्रयास है।