केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन्स के बीच दिल्ली सरकार ने स्कूलों को खोलने को लेकर फैसला लिया है कि 5 Oct तक दिल्ली के सभी प्राइवेट और सरकारी विद्यालय बन्द रहेंगे। इसके अलावा ऑनलाइन क्लासेज जारी रखने के भी निर्देश दिल्ली सरकार द्वारा जारी किए गए हैं।
भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना जैसी बड़ी महामारी का आतंक छाया हुआ है। इस कारण कई महीनों से लॉकडाउन चल रहा है। इस महामारी के कारण पहले पहल भारत की राजधानी दिल्ली को कोरोना की अत्यधिक मार झेलनी पड़ी थी। यहाँ बहुत जल्दी कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढ़ गयी। इसी तरह अब भी जबकि अनेक मामले सामने आ रहे हैं परंतु ठीक होने वालों की संख्या अच्छी है। अब समाजिक जीवन को पटरी पर लाने के लिए भी सरकार द्वारा कई परिवर्तन किए जा रहे हैं तथा समय-समय पर नई गाइडलाइन्स जारी की जा रही है। इसी दौर में केंद्र सरकार द्वारा विद्यालयों को लेकर जारी गाइडलाइन (21 सितम्बर से कक्षा 9-12 के बच्चे गाइडेन्स लेने स्कूल जा सकते हैं) के संदर्भ में यह फैसला लिया है कि 5 Oct तक सभी विद्यालय बन्द रहेंगे। Delhi School Closed Till October 5
दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों जैसे हरियाणा, आंध्र-प्रदेश, मध्य-प्रदेश ने अपने राज्य के विद्यालयों को खोलने का निर्णय लिया है परंतु वहीं दूसरी ओर कुछ राज्य जैसे गुजरात, हिमांचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्य भी दिल्ली की तरह अभी स्कूलों पर पाबंदी जारी रखेंगे।
दिल्ली सरकार का अध्यापकों और स्टाफ को लेकर लिया गया निर्णय
दिल्ली की राज्य सरकार द्वारा लिए गए नये निर्णय के अनुसार अध्यापकों और स्टाफ के लोगों को पुरानी गाइडलाइन्स के अनुसार और जरूरत पड़ने पर बुलाया जा सकता है। इस कारण सभी प्राइवेट, सरकारी तथा एमसीडी और एडेड विद्यालयों को निर्देश दिए गए हैं कि अभिभावकों और विद्यार्थियों को फोन करके या एसएमएस की मदद से इस नए सर्कुलर की जानकारी पहुँचा दी जाए।
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क्या थी दिल्ली सरकार की पुरानी गाइडलाइन्स
दिल्ली सरकार की पुरानी गाइडलाइन्स के मुताबिक यह कहा गया था कि कक्षा 9-12 तक के छात्र छात्राएं अपने अध्यापकों से परामर्श लेने या किसी प्रकार की सहायता के लिए विद्यालय में आ सकते हैं। विद्यालयों को वॉलेटरी आधार पर खोलने का निर्णय लिया गया था जिसमें विद्यालय जाने का फैसला पूरी तरह से शिक्षार्थियों तथा उनके माता-पिता पर निर्भर करता है।
दिल्ली सरकार द्वारा करवाये गए सर्वे के परिणाम
इन सबसे पहले दिल्ली सरकार ने एक प्रकार का सर्वे करवाया जिसमें अभिभावकों की राय ली गयी। इस सर्वे के अनुसार 62% अभिभावक अपने पाल्यों को विद्यालय भेजने के लिए बिल्कुल भी सहमत नहीं थे तथा 33% ऐसे अभिभावक थे जो अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए तैयार थे।
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