दिल्ली में गुरुवार को 'सफर' "पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय" के अधीन संस्था द्वारा एक अलर्ट जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि अनावश्यक घर से बाहर ना निकले। यह अलर्ट इसलिए जारी किया गया क्योंकि राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का लेवल गंभीर स्थिति धारण कर चुका है और इसके लिए इसे सीवियर प्लस कैटेगरी में शामिल किया गया है। दिल्ली में सर्दियों की शुरुआत हुई नहीं कि वहां पर वायु प्रदूषण के चलते धुंध ने अपना कोहराम मचा ना शुरू कर दिया है । Air Pollution in Delhi NCR
आइए जानते हैं क्या हैं दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति?
वायु मानक संस्था द्वारा दिल्ली में गुरुवार को पीएम 10 (पार्टिकल पॉल्यूशन) का स्तर करीब 8:00 बजे 560 माइक्रोग्राम घन मीटर दर्ज किया गया। वहीं पीएम 2.5 का स्तर 236 दर्ज किया गया वायु प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होने पर इन दोनों 10 पीएम 2.5 पीएम का स्तर बढ़ जाता है।
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आइए जानते हैं की पीएम 10 और 2.5 में कौन से ऐसे हानिकारक तत्व होते हैं जो वायु प्रदूषण में अहम भूमिका निभाते हैं -
पीएम 10 जिसमें पीएम 'कण प्रदूषण' को निरूपित करता है। इस पीएम 10 में धूल व सूक्ष्म धातु के कण सम्मिलित होते हैं जो कि फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएँ से सीधे वायुमंडल में पहुंचते हैं । वहीं 2.5 पीएम वायु में धुंध की मात्रा को बढ़ा देता है जिससे विजिबिलिटी कम हो जाती है और चारों तरफ धुंध ही धुंध नजर आती है । पराली (गेहूं या धान निकालने के बाद बची हुई घास ) जलाने से धुंध की मात्रा में वृद्धि होती है साथ ही साथ कंस्ट्रक्शन वर्क भी धुंध के लिए कई हद तक जिम्मेदार है। पराली के विषय में 'वायु मानक संस्था' द्वारा बताया गया है कि पंजाब व हरियाणा में पराली को अत्यधिक मात्रा में जलाने से इसका सीधा असर दिल्ली में हुआ। दिल्ली में धुंध की मात्रा में 27% वृद्धि केवल पराली जलाने से ही हुई है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया प्रदूषण से बचने के लिए हेल्थ अलर्ट
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक अनावश्यक घर से बाहर ना निकले। बच्चे, बुजुर्ग तथा गर्भवती महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें तथा वह लोग सतर्क रहें जिन्हें सांस लेने से संबंधित बीमारियां हैं। वह अनावश्यक घर से बाहर जाने का रिस्क बिल्कुल भी ना लें। यह हेल्थ अलर्ट इसलिए जारी किया गया है क्योंकि पीएम 10 और पीएम 2.5 सांस के माध्यम से फेफड़ों में घुस जाता है, जिससे वह शरीर के अंगों को प्रभावित कर देता है । जैसे कि आंखों की रोशनी का कम होना, फेफड़ों का कमजोर होना, नासिका छिद्रों का ब्लाॅक होना आदि। इससे किसी भी व्यक्ति की जान को खतरा हो सकता है। डॉक्टरों ने यहां तक कहा है अपने घर के खिड़की दरवाजे भी ज्यादा देर के लिए खुला ना रहने दें इससे आपके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। और अधिक जानकारियों के लिए जुड़े रहे हमारी इस वेबसाइट पर।