ड्राइविंग लाइसेंस अप्लाई करने वालों के लिए एक राहत भरी खबर है। उन्हें अब ड्राइविंग टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी और इससे बड़ी राहत वाली बात यह है कि अब बार-बार उन्हें रीजनल आरटीओ ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अगले महीने यानी कि जुलाई माह से डीएल से जुड़े नियमों में बदलाव होने जा रहा है जिससे कि अब आपको आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। अब डीएल बनवाते समय सड़क परिवहन मंत्रालय से मान्यता प्राप्त ड्राइविंग टेस्ट से ट्रेनिंग सर्टिफिकेट लेने के बाद आपको टेस्ट देने की आवश्यकता नहीं है। ट्रेनिंग पूरी करने के बाद इसी सर्टिफिकेट को आधार मानकर ड्राइविंग लाइसेंस बनाया जाएगा।
ऐसी ड्राइविंग ड्राइविंग लाइसेंस
साल 2021 में काफी कुछ बदलने के बाद अब सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में कुछ बदलाव करने जा रहा है। दरअसल मंत्रालय ने लर्निंग लाइसेंस बनवाने के संबंध में नया आदेश जारी कर दिया है। 1 जुलाई 2021 से लागू होने वाले नियमों के अनुसार जुलाई माह से डीएस अप्लाई करने वालों को मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर से प्रशिक्षण लेना होगा। ड्राइवरों को ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने में यह मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग संस्थान मदद करेंगे, जिससे कि उन्हें ड्राइविंग में पूरा प्रशिक्षण मिल जाएगा। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद टेस्ट लिया जाएगा और टेस्ट पास करने पर उन्हें सेंटर से सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जिसके बेस पर ड्राइविंग लाइसेंस बन जाएगा।
देशभर में 22 लाख ड्राइवरों की कमी
एक सर्वे के मुताबिक, भारत में सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसे के कारण होती हैं और सड़क हादसों का एक बड़ा कारण है अयोग्य व अनट्रेंड ड्राइवर्स का ड्राइविंग करना। इसी को देखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ड्राइविंग प्रशिक्षण सेंटर को खोलने जा रहा है जहां ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण पूरा करने पर उन्हें सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा। मंत्रालय के मुताबिक देशभर में इस समय 22 लाख ड्राइवरों की कमी है और लगभग देश में कई ट्रेंड ड्राइवरों क्ष की भी भारी किल्लत है जिससे सड़क हादसों में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। अब देश में ड्राइवरों की कमी को पूरा करने और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने तय गाइडलाइन के मुताबिक देशभर में ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर खोलने की अनुमति प्रदान कर ली है।
ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की कुछ अहम बातें
- ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए कुछ जरूरी व अहम बातें सामने आई हैं जिससे कि उम्मीदवारों को हाई क्वालिटी ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण केंद्र सिमुलेटर और खास ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक से युक्त होगा।
- इन प्रशिक्षण केंद्र पर मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत आवश्यकताओं के अनुसार रेमेडियल और रिफ्रेशर कोर्स का लाभ उठाया जा सकता है।
- प्रशिक्षण केंद्र में ढलान, रिवर्स ड्राइविंग, ड्राइविंग पार्किंग ट्रेनिंग के लिए ड्राइविंग ट्रैक अनिवार्य होंगे और इसके साथ ही सेंटर में थ्योरी और सेगमेंट कोर्स भी होंगे।
- भीड़भाड़ में चलने, ग्रामीण इलाकों, बरसात में लेन में चलने, कोहरा और रात में वाहनों के चलाने के लिए सेंटर में ट्रेनिंग दी जाएगी।