भारतीय मौसम विभाग(IMD) ने तूफान उठने से पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी। आईएमडी ने कहा था कि अरब सागर के ऊपर बना दबाव का क्षेत्र अब चक्रवाती तूफान ताउते (Tauktae) में तब्दील हो चुका है जो कि भारत के पश्चिमी तट से टकराएगा। मौसम विभाग ने पहले अलर्ट करके चेतावनी जारी कर दी थी कि यह चक्रवाती तूफान 17 से 18 मई को भारत के पश्चिमी तट में बसे राज्यों में तबाही ला सकता है जिससे कि गुजरात के साथ ही महाराष्ट्र, गोवा, केरल, कर्नाटक और लक्षद्वीप में भारी तबाही देखने को मिल सकती है।
सोमवार शाम को हुई तेज बारिश के साथ ही 114 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने लग गई। केरल, कर्नाटक और गोवा में तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान ताउते मायानगरी मुंबई पहुंचा, जहां उसने भारी तबाही का तांडव मचाया। बीएमसी ने कहा कि 120 किलोमीटर प्रति घंटे से ऊपर तक की हवाओं की रफ्तार देखने को मिली। मुंबई के बाद यह तूफान गुजरात पहुंचा जहां सबसे ज्यादा नुकसान इस तूफान से देखने को मिला।तूफान की पूर्व सूचना के कारण एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और कोस्ट गार्ड के जवान पहले से ही तैनात थे जिससे कि बहुत हद तक नुकसान को रोका गया और तुरंत राहत और बचाव कार्य जारी किया गया। ताउते शब्द सुनकर अब सबके मन इस शब्द का अर्थ जानने की जिज्ञासा जरूर हुई होगी कि आखिर इसका यह नाम क्यों और किसने रखा? तो आज आपको हम इस नाम का अर्थ और यह नाम किसने दिया; इस बात की जानकारी देते हैं।
क्या अर्थ है ताउते का ?
ताउते तूफान साल का पहला चक्रवाती तूफान रहा है जो कि अरब सागर के ऊपर बने दबाव से उत्पन्न हुआ। ताउते शब्द का अर्थ है "तेज आवाज करने वाली छिपकली।" Gecko नमक छिपकली म्यांमार में बहुत तेज ध्वनि को पैदा करती है और इसी के नाम पर इस तूफ़ान का नाम ताउते रखा गया है
किसने दिया ताउते नाम?
जब कभी भी तूफान आता है तो उसे उसके नाम से जाना जाता है। अलग-अलग बार आए तूफानों के अलग-अलग नाम सुनने को मिलते हैं जैसे पिछली बार उड़ीसा में आया अंफान तूफान, उससे पहले भारत में आए तितली तूफान और अब जो अगला तूफान आएगा वह है याश तूफान। साल के सबसे पहले आए चक्रवाती तूफान का ताउते या तौकते नाम इस बार म्यांमार की ओर से रखा गया। यह एक बर्मी शब्द है जिसका अर्थ है 'अत्यधिक आवाज करने वाले छिपकली।' अतः इस बार आए इस तूफान को ताउते नाम म्यांमार से मिला।
कैसे रखे जाते हैं चक्रवाती तूफान के नाम
जितनी बार भी तूफान आते हैं तो उन्हें उनकी अलग-अलग नामों से जाना जाता है जिससे कि उनकी पहचान हो सके। कि कौन सा तूफान कहां से आता है और कितना खतरनाक होता है। दरअसल चक्रवाती तूफान का नाम रखने के लिए एक ग्लोबल पैनल है जिसका नाम वर्ल्ड मेट्रोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन/यूनाइटेड नेशंस इकोनामिक एंड सोशल कमिशन फॉर एशिया है। इस पैनल में 13 देश शामिल है जो कि तूफान के नाम के साथ ही तूफान को लेकर दिशा-निर्देश भी जारी करते हैं।
इन 13 देशों में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, म्यांमार, ओमान, सऊदी अरब, यूएई, कतर, ईरान, थाईलैंड और यमन शामिल हैं। तूफान का नाम रखने का कारण उसे याद करना है जिससे कि तूफान को लेकर कन्फ्यूजन ना हो और साथ ही प्रशासन भी लोगों तक तूफान से संबंधित सही-सही सूचना पहुंचा पाए। पिछले साल इन देशों ने 13 नाम सुझाए थे जिसके चलते चक्रवातो के 169 नामों की लिस्ट तैयार की गई थी। सामान्य रूप से ट्रॉपिकल चक्रवातों के नाम क्षेत्रीय स्तर पर नियमों के अनुसार होते हैं।