आज के समय में अत्यधिक तनाव और मानसिक थकान की वजह से कई लोगों में एंग्जायटी, घबराहट और बेचैनी जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हालांकि आजकल की लाइफ स्टाइल कुछ ऐसी है जिससे चिंता और तनाव होना स्वाभाविक है परंतु यदि इस तरह की घबराहट और बेचैनी की समस्या लगातार बनी रहती है तो इसे सामान्य नहीं लेना चाहिए। घबराहट का मतलब है किसी बात के होने और न होने की संभावना को लेकर अत्यधिक डर, तनाव तथा परेशानी का होना। इससे व्यक्ति हर समय चिड़चिड़े स्वभाव में रहता है। इस तरह के लक्षण यदि किसी व्यक्ति में दिखाई देते हैं तो उन्हें अपने खाने पर विशेष ध्यान देने के साथ-साथ हर संभव इलाज करना आवश्यक होता है।
एंग्जायटी के लक्षण
एंग्जायटी या घबराहट होना एक मानसिक और भावनात्मक तरह की परेशानी है। हालांकि यह परेशानी सभी व्यक्तियों में अलग-अलग रूप से पाई जाती है। जैसे इस परेशानी के कारण किसी व्यक्ति को सांस लेने की समस्या हो सकती है, किसी को बेचैनी तो किसी को अन्य कोई भी दूसरी समस्या हो सकती है। एंग्जायटी के दौरान कांपना, हाथों में पसीना आना, मुंह सूखना, अचानक से ठंड और गर्मी महसूस होना, मांसपेशियों में खिंचाव होना और झटके लगना आदि कई सारी समस्याएं एक साथ हो सकती हैं।
कारण
वैसे तो किसी जॉब के लिए इंटरव्यू देने या फिर परीक्षा में बैठने से पहले घबराहट होना एक सामान्य बात है, परंतु यदि यह घबराहट सामान्य से अधिक होने लगे तो यह हानिकारक समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लोग अत्यधिक सोचकर स्वयं को तनाव ग्रस्त कर लेते हैं और मानसिक रूप से शांत नहीं होते। इस कारण लगातार इनके मूड में परिवर्तन आता रहता है। इसके अलावा यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से दवाओं का सेवन कर रहा है तो वह भी इस प्रकार की समस्या से ग्रसित हो सकता है। अत्यधिक नशा करने वाले या फिर मानसिक विकार से ग्रसित व्यक्ति को भी घबराहट जैसी समस्याओं की शिकायत हो सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार घबराहट और चिंता की वजह से सीधा ब्लड शुगर लेवल पर असर हो सकता है। इसके लिए कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए जो रक्त में शर्करा के स्तर को बढ़ाते हैं। ऐसे खाद्य पदार्थों को इस्तेमाल करने से चिंता और उदासी जैसी समस्याएं भी बढ़ने लगती हैं जो आगे चलकर तनाव का रूप धारण कर लेती हैं। आइए देखते हैं किन चीजों को चिंता और घबराहट के समय नहीं खाना चाहिए।
कैफीन युक्त पदार्थों से रहें दूर
आजकल अधिकतर लोग एनर्जी के लिए कॉफी तथा अन्य कैफीन युक्त पदार्थों का प्रयोग ज्यादा करते हैं परंतु वे लोग यह नहीं जानते कि कैफीन युक्त ये पदार्थ उनकी उदासी, घबराहट और चिंता को बढ़ाने का प्रमुख कारण हो सकते हैं। क्योंकि कैफीन के अत्यधिक सेवन से शरीर में सेरोटोनिन के स्तर में कमी आती है, जिससे व्यक्ति में अधिक चिड़चिड़ाहट और चिंता दिखाई देती है। अमेरिका में हुए एक शोध के मुताबिक कॉफी, चाय और अन्य कैफीन युक्त पेय पदार्थों को अधिक प्रयोग करने वाले लोगों में अधिक चिंता, एंग्जायटी और घबराहट जैसे लक्षण देखे गए हैं। इसके अलावा कैफीन व्यक्ति के सेंट्रल नर्वस सिस्टम तथा एडेनोसाइन रिसेप्टर्स को भी एक्टिवेट कर देता है, जिस वजह से लोगों में अनावश्यक कारणों से चिंता बढ़ जाती है और अत्यधिक एंग्जायटी होने लगती है।
प्रोसैस्ड भोजन से बचें
यदि किसी व्यक्ति को लगातार घबराहट और चिंता जैसे लक्षण रहते हैं तो उन्हें प्रोसैस्ड भोजन से दूर रहने की आवश्यकता है। दरअसल ऐसे प्रोसैस्ड खाद्य पदार्थों की वजह से पेट में सूजन तथा अपच जैसी परेशानियां हो सकती हैं, जिन से आगे चलकर व्यक्ति के स्वभाव में कई तरह के परिवर्तन आ सकते हैं। इनका मुख्य कारण यह है कि ऐसे खाद्य पदार्थों में फाइबर बहुत ही कम पाया जाता है और इनके सेवन से व्यक्ति की आंत के काम करने की प्रणाली धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। इससे शारीरिक क्षमता पर काफी अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए कहा जाता है कि एंग्जायटी, चिंता और घबराहट से ग्रसित व्यक्ति को प्रोसैस्ड फूड का सेवन नहीं करना चाहिए।
सॉफ्ट ड्रिंक्स का न करें प्रयोग
एंग्जायटी, घबराहट तथा चिंता से ग्रसित व्यक्तियों को सॉफ्ट ड्रिंक्स या मीठे पेय पदार्थ ना पीने की सलाह दी जाती है। क्योंकि केवल मीठे खाद्य पदार्थ से ही नहीं बल्कि मीठे पेय पदार्थों से भी रक्त में शर्करा के स्तर में बदलाव आने लगता है। ब्लड शुगर लेवल में होने वाले इन बदलावों के कारण चिंता और एंग्जायटी जैसी समस्याएं खतरनाक रूप ले लेती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई तरह के फलों के रस में फाइबर की कमी के अलावा चीनी बहुतायत में पाई जाती है, जो कि व्यक्ति के शरीर के लिए हानिकारक होती है। इसलिए कम फाइबर वाले पदार्थों के सेवन से मनुष्य के शरीर में अपच, चिंता तथा रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
शराब के सेवन से बनाएं दूरी
लंबे समय तक चिंता और एंग्जायटी से ग्रस्त लोगों को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसे लोगों को शराब के इस्तेमाल से खतरा हो सकता है। क्योंकि शराब शरीर में चिंता और एंग्जायटी जैसे लक्षणों को बढ़ाने का कार्य करती है। हालांकि कई लोग शराब पीने के बाद अच्छा महसूस होने और चिंता दूर होने जैसी बातें करते हैं। परंतु यह कुछ समय के लिए ही होता है। शराब पीने से चिंता दूर नहीं होती बल्कि और बढ़ने लगती है। विशेषज्ञों के अनुसार शराब से रक्त के शुगर लेवल पर प्रभाव पड़ता है, जिस वजह से लोग शराब पीकर हैंगओवर के शिकार हो जाते हैं। इस प्रकार के लोगों को नींद पूरी ना होना और अन्य दिक्कतों के चलते चिंता और तनाव जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसलिए ऐसे लोगों को शराब के सेवन से जितनी हो सके दूरी बनाए रखनी चाहिए।
प्रोटीन रहित स्मूदी का न करें प्रयोग
हालांकि कहा जाता है कि स्मूदी के सेवन से शरीर को पोषण और भरपूर ऊर्जा मिलती है, परंतु यदि इसमें प्रोटीन की कमी हो जाती है तो इसका खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है। इस तरह की प्रोटीन रहित स्मूदी के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बदल जाता है। ब्लड शुगर के बढ़ने या कम होने से व्यक्ति को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए प्रोटीन रहित स्मूदी के प्रयोग से चिंता और घबराहट जैसी समस्याएं उत्पन्न होने की संभावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं।