विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में से भूकंप एक खतरनाक और अचानक आने वाली है। भूकंप ही एक ऐसा डिजास्टर है जिसका अभी तक पहले से जानकारी नहीं मिल पाती है। हालांकि वैज्ञानिकों ने इस पर काफी शोध किए हैं जिससे भूकंप आने का पहले से अनुमान लगाया जा सके। अब इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण अपडेट या अलर्ट आपको भूकंप आने से पहले मिल सकेगा। दुनिया भर में भूकंप के खतरे को देखते हुए गूगल जल्द ही कुछ देशों में अलर्ट फीचर लॉन्च करने वाला है, यानी कि भूकंप आने से कुछ समय पहले आपको भूकंप का अलर्ट मिल जाएगा। इस तकनीक से समय पूर्व कई लोगों को बचाव का मौका मिल सकेगा।यह फीचर भारत में भी आने की उम्मीद है मगर अभी तक इस फीचर के देश में आने की समय सीमा तय नहीं की गई। अभी तक यह फीचर अमेरिका के कुछ इलाकों के बाद अब ग्रीस और न्यूजीलैंड में जारी किया गया है जहां से गूगल के इस फीचर के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
भारत में भूकंप के झटके लगातार महसूस किए जाते रहते हैं, अभी हाल ही में भारत के असम, लेह, लद्दाख आदि स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। टेक्नॉलॉजी काफी विकसित हो चुकी है परंतु अभी तक भूकंप के बारे में सटीक जानकारी नहीं मिल पाती है। अब यदि गूगल का यह फीचर दुनिया के साथ-साथ भारत में भी लांच होता है तो इससे काफी बड़ी मात्रा में जन-धन की हानि को रोका जा सकता है। अमेरिका, ग्रीस व न्यूजीलैंड के साथ ही अब इस फीचर का भारत में आना लगभग संभव है। हालांकि इस विषय पर कोई समय निश्चित नहीं है कि यह भारत में कब तक आएगा। गूगल के इस फीचर को सबसे पहले एंड्रॉयड यूजर्स के लिए लाया जाएगा। तो चलिए जानते हैं गूगल के इस फीचर के बारे में कुछ और बातें.....
भूकंप के अलर्ट को बंद करने का विकल्प
भूकंप का यह अलर्ट गूगल द्वारा अमेरिका के कुछ जगहों पर लांच किया जा चुका है और अब इसे न्यूजीलैंड व ग्रीस में भी जारी किया गया है। एंड्रॉयड यूजर्स के पास भूकंप के अलर्ट को ऑन और ऑफ करने का विकल्प मौजूद रहेगा।
गूगल के इस फीचर के कुछ लिमिटेशंस
तकनीकी के क्षेत्र में गूगल का अहम योगदान रहा है, अगस्त 2020 में गूगल ने पहली बार एंड्रॉयड यूजर्स के लिए भूकंप का अलर्ट फीचर जारी किया था। बीते साल वाशिंगटन में कुछ यूजर्स को भूकंप के बारे में अलर्ट गूगल के जरिए मिल गया था। हालांकि एक रिपोर्ट के मुताबिक गूगल की इस सेवा की कुछ सीमाएं भी हैं जिससे यह उन सीमा के बाहर काम नहीं कर सकता।
गूगल का यह अलर्ट भूकंप आने से कुछ सेकंड पहले मिल सकेगा, हालांकि यह कुछ ज्यादा समय नहीं है परंतु इसके जरिए ऐसे लोगों को जानकारी मिल सकेगी जो भूकंप के केंद्र से दूर हैं। इससे समय रहते हुए लोगों को बचाया जा सकता है और जन धन की क्षति को कुछ हद तक रोका जा सकता है।
क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप पृथ्वी के अंदर होने वाला एक वाइब्रेशन है जो काफी भयानक होता है। कहा जाता है कि जब पृथ्वी के अंदर कई प्लेट्स अपना स्थान बदलती हैं तो यह प्लेट्स 40 मिली मीटर प्रतिवर्ष की गति से इधर उधर खिसकती रहती हैं जिससे भूकंप के झटके आते हैं। जब प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं तो ज्यादा प्रेशर बनता है जिससे प्लेट्स टूटने लगती है, इसी डिस्टरबेंस के बाद भूकंप काम आता है। भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है जिससे काफी जन-धन की हानि देखने को मिलती है। भारत के उत्तरी राज्यों में सबसे ज्यादा भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
कैसे मापा जाता भूकंप ?
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से की जाती है, इसे रिक्टर मेग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है और इसी आधार पर भूकंप की तीव्रता को ज्ञात किया जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है।