यदि कोई व्यक्ति अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो इसके लिए काफी अधिक फंडिंग की आवश्यकता होती है। कोई छोटा-मोटा कार्य आरंभ करने के लिए यदि पैसे की समस्या आती है तो इसके लिए सरकार द्वारा समर्थित माइक्रो लोन स्कीम के बारे में अवश्य सोचना चाहिए। इससे सरकार द्वारा कुछ ऐसे ही जरूरतमंद व्यक्तियों को लोन देकर उनकी सहायता की जाती है। दरअसल सैलून, ब्यूटी पार्लर, मरम्मत की दुकान, ड्राई क्लीनिंग की दुकान, फोटो कॉपी करने की दुकान या दवाई आदि कार्य शुरू करने के लिए सरकार द्वारा कुछ पैसों का लोन देकर सहायता की जाती है। यह माइक्रो लोन अन्य प्रकार की सुविधाओं के लिए भी दिया जाता है। जैसे ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ई-रिक्शा आदि कमर्शियल वाहनों को खरीदने तथा कृषि से जुड़ी सभी गतिविधियों से संबंधित व्यवसाय को आरंभ करने के लिए आदि।
इस प्रकार के लोन देने के लिए सरकार कई बैंकों, गैर मुनाफा संस्थाओं, MFI तथा NBFC आदि एजेंसियों की सहायता लेती है। माइक्रो लोन की योजना के फलस्वरूप आर्थिक या सामाजिक रुप से कमजोर लोगों को अपने नए कारोबार की शुरुआत करने के लिए कुछ रुपयों का कर्ज इन एजेंसियों द्वारा दिया जाता है। सामान्यतः इस प्रकार के कर्ज में कोई भी चीज गिरवी नहीं रखी जाती है तथा कम राशि का लोन प्रदान किया जाता है। दरअसल इस लोन को देने का एकमात्र उद्देश्य यह है कि गरीब और बेसहारा लोगों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा कुछ मदद की जाए।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC)
इस योजना के अंतर्गत किसानों को कम ब्याज पर काफी सरलता से कर दिया जाता है। इस कर्ज को कई विभिन्न व्यवसायों को करने वाले किसान अपने पैसों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लेते हैं। यह विभिन्न व्यवसाय मछली पालन, मुर्गी पालन, पशुपालन या डेयरी आदि कुछ भी हो सकता है। इस योजना में आवेदन कर्ता को हर वर्ष निम्नतम 2% तथा औसतन 4% के ब्याज पर 5 हजार से तीन लाख तक का कर्ज मिलता है। इसके अलावा इस योजना के माध्यम से किसान अपनी उगाई गई फसल का बीमा भी करवाता है। इसके अलावा यदि लाभार्थी किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है तो उसे बीमा कवर भी दिया जाता है।
नेशनल हैंडीकैप्ड फाइनेंस एवं डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
NHFDC के द्वारा विकलांग व्यक्तियों को अपने आर्थिक विकास के लिए भारत सरकार की ओर से ऋण दिया जाता है। इस कॉरपोरेशन का गठन भारत सरकार की ओर से विकलांग व्यक्तियों को उनके विभिन्न कार्यों में मदद देने के लिए किया गया था। कॉरपोरेशन ऐसे व्यक्तियों को कर्ज देता है जो विकलांग होने के बाद भी स्वयं का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं या फिर अपनी शिक्षा को पूरा करना चाहते हैं। इस व्यवस्था में चैनल पार्टनर्स के जरिए लाभार्थियों के लिए लोन की व्यवस्था की जाती है।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना
PMMY यानी कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत किसी भी व्यक्ति, SME तथा MSME को कर्ज दिया जाता है। दरअसल इस योजना में मुद्रा (MUDRA) यानी कि माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी इस प्रकार के लोन की पेशकश करती है। इस स्कीम में 3 तरह से लोन दिया जाता है।
शिशु लोन- इसके तहत अधिकतम 5 हजार रुपये तक का लोन मिलता है। जिसे 5 वर्ष में ही पूरा करना होता है और इसमें हर वर्ष 12% की दर से ब्याज अनिवार्य रूप से चुकाना होता है। यह लोन नया व्यवसाय शुरू करने के लिए दिया जाता है।
किशोर लोन- ऐसे लोग जो पहले से ही एक व्यवसाय को कर रहे हों उन्हें इस लोन को लेने के योग्य माना जाता है। इस प्रकार में 5 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। इस स्कीम में लोन लेने वाली संस्था ही लोन पर ब्याज तय करती है।
तरुण लोन- कुछ ऐसे व्यक्ति जिन्होंने पूरी तरह से अपना व्यवसाय सेट किया हुआ है और वे अपना काम बढ़ाना चाहते हैं तो उनके लिए तरुण लोन दिया जाता है। इसमें 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। हालांकि अपना कारोबार स्टार्ट करने वाला देश का कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम
NBCFDC के अंतर्गत पिछड़े वर्ग से संबंधित गरीब तबके के लोगों को लोन दिया जाता है। इस तरह के लोन में कृषि संबंधित गतिविधियां, छोटे-छोटे व्यवसाय, कारीगर, परिवहन क्षेत्र, व्यवसायिक ट्रेड अथवा पाठ्यक्रम के लिए भी ऋण दिया जाता है। इसके अलावा जिन परिवारों की सालाना आय तीन लाख से कम है वे भी इस लोन के हकदार होते हैं। फिर चाहे वे ग्रामीण क्षेत्र से संबंध रखते हों या शहरी। इस प्रकार के लोन को लेने के लिए आवेदन कर्ता के पास सरकार द्वारा जारी आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि दस्तावेज होने आवश्यक हैं। NBCFDC राज्य सरकारों, बैंकों तथा संघ राज्य क्षेत्रों की विभिन्न एजेंसियों की सहायता से लोन देते हैं। इसके अलावा स्वयं सहायता समूह के जरिए भी इस योजना में लोन दिया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत कई स्कीम आती हैं जो योजना के अनुसार लोगों को ऋण प्रदान करती हैं। इन योजनाओं में नई स्वर्णिम योजना (महिलाओं के लिए), सूक्ष्म वित्त योजना (स्वयं सहायता समूह के लिए), महिला समृद्धि योजना (महिला लाभार्थियों एवं स्वयं सहायता समूह के लिए), लघु ऋण, सामान्य ऋण योजना, शिक्षा ऋण योजना (छात्रों के लिए) आदि शामिल हैं। इन योजनाओं के चलते पिछड़े वर्ग के किसी भी क्षेत्र से संबंधित गरीब लोगों को कर्ज दिया जाता है।
नेशनल शेड्यूल्ड कास्ट्स फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन
NSFDC की इस स्कीम में गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लोगों को लोन दिया जाता है। यह लोन भारत सरकार की ओर से उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए दिया जाता है। इसमें अलग-अलग गतिविधियों के लिए विभिन्न तरह से लोन की धनराशि दी जाती है। जिसमें मियादी ऋण, महिला समृद्धि योजना, महिला किसान योजना, लघु ऋण योजना, लघु व्यवसाय योजना, नारी सशक्तिकरण योजना, शिल्पी समृद्धि योजना आदि शामिल हैं।
इस तरह से विभिन्न प्रकार की योजनाओं का बेहतर लाभ उन व्यक्तियों द्वारा सरलता से उठाया जा सकता है जो अपने कारोबार को शुरू करना चाहते हैं परंतु कम पैसों के कारण यह कार्य नहीं कर पा रहे हैं।