इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (IRCTC) के शेयरों में पिछले कुछ दिन बड़ी गिरावट देखने को मिली। गुरुवार को कारोबार के एनएसई पर शेयर 11.42 फ़ीसदी गिरकर 1,433.00 रुपए पर बंद हुआ, जबकि उससे एक दिन पहले बुधवार को आईआरसीटीसी के शेयर 1618.05 रुपए प्रति शेयर पर बंद हुए थे। आईआरसीटीसी रेलवे की टिकटों की ऑनलाइन बिक्री देती है। ओएफएस में रिटेल निवेशकों को शेयर खरीदने का मौका नहीं मिलता है। कंपनी संस्थागत निवेशकों को शेयर बेचती है इसके लिए बोलियां आमंत्रित की जाती है।
सरकार IRCTC में हिस्सेदारी बेचने जा रही है। वह ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचेगी, इसकी प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक ऐसेट मैनेजमेंट (DIPAM) ने इसके लिए मर्चेंट बैंकर और ब्रोकर से बोली (बिड) मंगाई है। सरकार अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचेगी, IRCTC पिछले साल शेयर बाजार पर सूचीबद्ध हुई थी। दरअसल, केंद्र सरकार ऑफर फॉर सेल के जरिए IRCTC में 20 फ़ीसदी तक हिस्सेदारी बेच रही है। ऑफर फॉर सेल के लिए विंडो 10 और 11 दिसंबर को खुला रहेगा। 11 दिसंबर को केवल रिटेल निवेशक के लिए विंडो खुलेगा। सरकार ने ऑफर फोर सेल के लिए फ्लोर प्राइस 1367 ₹ प्रति शेयर तय किया है, जो मंगलवार के बंद भाव के मुकाबले 15.51 फीसद नीचे है।
सरकार ने ऑफर फॉर सेल के जरिए 2.4 करोड़ शेयर बेचने का प्रस्ताव रखा है। यह कंपनी के पेडअप इक्विटी का 15 फ़ीसदी है। सरकार अपनी हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल के जरिए ही बेचेगी। 10 दिसंबर को नॉन रिटेल इन्वेस्टर यानी बड़े और संस्थागत निवेशक के लिए खुला था, जबकि 11 दिसंबर को रिटेल निवेशक के लिए ओएफएस खुलेगा। यही नही, OFS और सब्सक्रिप्शन होने पर सरकार 0.8 करोड़ अतिरिक्त शेयर बेच सकती है जो IRCTC के कुल पेडअप कैपिटल का 5 फ़ीसदी है। कुल मिलाकर सरकार आईआरसीटीसी में ऑफर फॉर सेल के जरिए 20 फ़ीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है।
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IRCTC कंपनी पर पूरी तरह से भारतीय रेलवे का अधिकार है, जिसके पास ट्रेनों में टूरिज्म, कैटरिंग, ऑनलाइन टिकट बुकिंग ऑफ ड्रिंकिंग वाटर बेचने के एक्सक्लूसिव राइट्स हैं। सरकार के विनिवेश एजेंडे में अभी आईआरसीटीसी सबसे ऊपर है। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में विनिवेश के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 1.20 लाख करोड़ रुपए सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने से मिलेगी और बाकी का 90,000 करोड रुपए वित्तीय संस्थानों के स्टेक से जुटाया जाएगा।
बता दें कि सरकार की IRCTC में फिलहाल 87.40 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। सेबी के दिशा निर्देशों के तहत सरकार को कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 75 फीसदी पर लानी है। IRCTC अक्टूबर 2019 में सूचीबद्ध हुई थी और इसने आईपीओ के जरिए 645 करोड़ रुपए जुटाए थे।
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