अनियमित भोजन और खराब जीवनशैली पेट खराब होने का मुख्य कारण है। असमय भोजन और अनहेल्दी फूड के सेवन से पेट में अनेक समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं। इसमें कब्ज, पेट दर्द, एसिडिटी तथा भूख न लगना आदि अनेक प्रकार की समस्याएं शामिल है यदि आपको पेट से संबंधित बहुत ही गंभीर समस्याएं हैं तो आप रोजाना इन योगासनों को करके उत्तम स्वास्थ्य और लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
अपने इस लेख के माध्यम से आज हम आपको पेट की समस्या से छुटकारा पाने के लाभदायक योगासनों के बारे में बताएंगे।Best Yoga Poses For Stomach Problems
उदराकर्षण
पेट दर्द और कब्ज से छुटकारा पाने के लिए उदराकर्षण सबसे उत्तम योगासन माना जाता है। उदराकर्षण शंख प्रक्षालन की क्रिया से जुड़ा हुआ है। इस योग में षष्ठ कर्म की एक प्रक्रिया की जाती है जिसका नाम है शंख प्रक्षालन। जो पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है इस क्रिया में किए जाने वाले चार आसनों में से एक है उदराकर्षण।
उदराकर्षण के फायदे
पेट की चर्बी, कब्ज की बीमारी दूर करने, एसिडिटी तथा भूख न लगना आदि समस्याओं के समाधान हेतु उदराकर्षण योगासन काफी फायदेमंद साबित हुआ है। इसके अलावा इससे स्पाइनल से जुड़ी दिक्कतों, लीवर, डायबिटीज और अन्य पेट के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है।
उदराकर्षण करने का तरीका
उदराकर्षण करने की प्रक्रिया में सबसे पहले घुटने मोड़कर दोनों पैरों की एड़ी और पंजों पर बैठ जाएं और हाथों को घुटनों पर रखें।
फिर गहरी सांस लें।
फिर सांस निकालते हुए दाहिने घुटने को बाएं पंजे के पास जमीन पर टिकाएं और बाएं घुटने को छाती की ओर दबाएं।
ऐसा करने से बाई जाँघ पेट पर दबाव बनाती है।
अब पूरा शरीर गर्दन सहित बाई ओर घुमा दे।
ऐसी स्थिति में दाइयां घुटना पंजे के पास रहेगा। यथास्थिति आसन को रोककर रखें फिर सांस भरते हुए सामान्य अवस्था में लौट आए।
इसी प्रकार दूसरा पैर भी कर लें।
4-6 बार अधिकतम इसका अभ्यास अवश्य करें।
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन को पेट की समस्या का रामबाण इलाज माना जाता है पवनमुक्तासन पेट की हर समस्या का हल है इस क्रिया द्वारा शरीर की दूषित वायु को शरीर से मुक्त किया जाता है। Best Yoga Poses For Stomach Problems
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पवन मुक्त आसन के लाभ
पवनमुक्तासन उदर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इस आसन से गैस्टिक, पेट की खराबी, पेट की बढ़ी हुई चर्बी, हृदय रोग, गठिया, कमर दर्द और स्त्रियों के लिए गर्भाशय संबंधी रोग में पवनमुक्तासन काफी फायदेमंद आसन माना जाता है। इसके अतिरिक्त इस आसन द्वारा मेरुदंड और कमर के निचले हिस्से में मौजूद तनाव भी दूर होता है।
ऐसे करें पवनमुक्तासन
इस आसन को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल लेट जाएं।
हाथ- पैर को सीधा फैलाएं।
शरीर को ढीला छोड़ दें।
अब सांस लेते हुए धीरे-धीरे घुटनों को मोडें और हाथों की मदद से छाती तक लाए।
इसके बाद लेटे हुए अपना सिर उठाएं और माथा घुटनों पर लगाने की कोशिश करें।
कुछ देर ऐसी स्थिति में रुके और कुछ सेकंड के लिए सांस अंदर ही रोकें।
अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए घुटनों को फैला लें।
इस तरह दूसरे पैर के घुटने के साथ इस आसन को दोहराएं।
8 से 10 बार इस आसन का अभ्यास करने के बाद थोड़ी देर के लिए शवासन में जरूर लेट जाएं।
नौकासन
यदि आप अपने पेट की बढ़ी हुई चर्बी से परेशान हो तो रोजाना नौकासन को जरूर करें। इस आसन की अंतिम अवस्था में हमारे शरीर की आकृति नौका के समान दिखाई देती हैं इसलिए इस आसन को नौकासन कहा जाता है।
नौकासन के फायदे
मोटापा- नियमित अभ्यास करने से मोटापा कम होता है।
पेट की चर्बी- नौकासन पेट की बढ़ी चर्बी के साथ-साथ पेट का आकार तथा कमर के आकार को छोटा करता है।
पाचन शक्ति- नौकासन से बदहजमी, गैस, कब्ज, पेट फूलना की समस्या से छुटकारा मिलता है और पाचन शक्ति अच्छी रहती है।
स्नायु- शरीर को सुडौल आकर्षक बनाने में नौकासन का अहम रोल माना जाता है।
किडनी- किडनी के सुचारू रूप से कार्य करने में नौकासन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
मेरुदंड- मेरुदंड मजबूत और लचीला बनता है।
हर्निया- हर्निया के लिए नौकासन अत्यधिक उपयोगी माना जाता है।
नौकासन की विधि
पीठ के बल लेट जाएं।
दोनों पैरों को एक साथ जोड़े।
हाथों को शरीर से सटाकर रखें
एक गहरी सांस लें धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सिर, पैर छाती, हाथों को ऊपर उठाएं। आपके हाथ आपकी जाँघ के ठीक ऊपर होने चाहिए।
पैर को सीधा रखें और घुटने को न मोड़ें।
सिर और पैर को 20 से 30 डिग्री शुरुआत में तक ऊपर उठाएं।
पेट में हो रहे खींचाव को महसूस करें।
शरीर का पूरा वजन नितंब के ऊपर रखें।
अपनी क्षमता अनुसार इस स्थिति में 30 से 40 सेकंड तक रहे।
धीरे-धीरे सांस छोड़ते रहे। Best Yoga Poses For Stomach Problems
यदि आप ही उत्तम स्वास्थ्य लाभ पाना चाहते हैं और पेट की तमाम बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो इन योगासनों के द्वारा अपने दिन की शुरुआत करें।