केंद्र शासित प्रदेश J&K में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवाओं के लिए अच्छी खबर है। नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए सीटों को 500 से बढ़ाकर 1100 कर दिया गया है।
5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त किया गया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया। केंद्र शासित बनने के बाद से जम्मू-कश्मीर विकास के नए आयामों को छू रहा है। केंद्र सरकार की लगातार कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर को हर क्षेत्र से विकास की राह पर ले जाया जा सके।
इसी कड़ी में सरकार ने जम्मू कश्मीर में इस साल मेडिकल सीटों को 2018-19 के लिए 500 से बढ़ाकर 2020-21 के शैक्षणिक सत्र में 1100 कर दिया है। जिससे डॉक्टर बनने का सपना देख रहे युवा छात्रों के लिए राह आसान हो जाएगी और वे अपने सपनों को पूरा कर सकेंगे। इस साल से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की सीटों में दोगुना से ज्यादा इजाफा किया गया है। नए शैक्षणिक सत्र 2020-21 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 1100 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा।
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जम्मू-कश्मीर सरकार के आधिकारिक बयान के अनुसार सरकारी मेडिकल कॉलेज राजौरी और सरकारी मेडिकल कॉलेज कठुआ को पहले ही 115 और 110 सीटों के साथ दूसरे बैच के लिए अनुमति मिल गई है। जिससे जम्मू-कश्मीर में कुल एमबीबीएस की सीटें अब 500 (2018-19) से बढ़ाकर वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान सीटें 1100 हो गई है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सीटें बढ़ने से युवाओं में मेडिकल क्षेत्र के प्रति अधिक जोश व दोगुनी मेहनत की आकांक्षा उत्पन्न होगी, जिससे वे अपने सपनों को उड़ान दे सकेंगे।
विकास के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया जा रहा है, जिसमें की मेडिकल सीटों में 50% सीटें महिलाओं उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी। 2014 में, यूपीए में स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने जम्मू और कश्मीर को 5 नए मेडिकल कॉलेज आवंटित किए थे। केंद्र सरकार ने 2018 में 5 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के लिए जम्मू-कश्मीर स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को 260 करोड़ से अधिक जारी किए।
इस साल केंद्र-शासित प्रदेश के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग, नई दिल्ली से 100 एमबीबीएस छात्रों को डोडा के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की अनुमति मिली है, जबकि अनंतनाग और बारामूला के कॉलेजों को वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2020-21 में 100 छात्रों के दूसरे बैच को स्वीकार करने की अनुमति दी गई है।
मेडिकल सीट बढ़ने से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में, स्वास्थ्य क्षेत्र के प्रति मील का पत्थर साबित होगा।