"शक्ति जीवन है ,निर्बलता मृत्यु है ,विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है और द्वेष मृत्यु है"।
इन विचारों को देने वाले 'स्वामी विवेकानंद' जी जो एक व्यक्ति ही नहीं बल्कि जीवनधारा है व जीवन शैली है ऐसे ही मूल्यवान विचारों को अपने में समाहित करने वाले विवेकानंद जी पूरे भारतीय समाज व वैश्विक समाज के लिए भी आदर्श हैं। अपने ज्ञान और दर्शन के लिए प्रख्यात स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का अनावरण आज शाम 6:30 बजे 'जेएनयू परिसर' में देश के प्रधानमंत्री 'मोदी' जी के द्वारा किया जाएगा उनके साथ ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री 'रमेश पोखरियाल निशंक' जी भी कार्यक्रम में भाग लेंगे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में यह कार्यक्रम आज दिनांक 12 नवंबर 2020 को शाम 6:30 बजे होगा। मूर्ति का अनावरण करने के पश्चात मोदी जी अपने विचारों को सबके सम्मुख रखेंगे यह कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगा यह जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा दी गई है।
आइए जानते हैं कि जेएनयू में स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का क्या है इतिहास
JNU में स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति को स्थापित करने हेतु छात्रों ने अपना लंबा संघर्ष किया इस लंबे संघर्ष के चलते 15 साल कब बीत गए यह पता ही ना चला। जेएनयू में विवेकानंद जी का 'दर्शन' पढ़ाया जाता है साथ ही साथ स्वामी विवेकानंद जी के जीवन के बारे में छात्रों को बताया जाता है। यह हर कोई जानता है कि विवेकानंद जी के पढ़ने के पश्चात हर कोई व्यक्ति उनसे प्रभावित हो जाता है ऐसे ही जेएनयू के छात्रों के साथ भी हुआ वह उनके विचारों से अत्यधिक प्रभावित हुए उन्होंने यह मांग करनी शुरू कर दी कि उनके परिसर में विवेकानंद जी की मूर्ति होनी ही चाहिए । यह मांग 15 साल से चलती रही पर इस मांग को मूर्त रूप तब मिला जब सन् 2014 में जब 'एम जगदीश कुमार' जी ने जेएनयू के कुलपति पद का भार संभाला उसी समय 'एबीवीपी' के छात्रों ने विवेकानंद जी की मूर्ति को स्थापित करने की सिफारिश शुरू कर दी। 2017 में कार्यकारी परिषद से यह प्रस्ताव पास हुआ और विवेकानंद जी की मूर्ति को जेएनयू परिसर में स्थापित करने के लेकर मंजूरी दे दी गई। Statue of Swami Vivekananda JNU
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जेएनयू में स्थापित होने वाली स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का स्वरूप
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति की लंबाई लगभग '11.5' फीट की है व चबूतरे की ऊंचाई 3 फीट तक बताई जा रही है। यह मूर्ति 'पंडित जवाहरलाल नेहरू' जी के सामने स्थापित की जाएगी जो कि नेहरू जी की मूर्ति से थोड़ी बड़ी होगी। वैसे तो स्वामी विवेकानंद जी की इस मूर्ति का उद्घाटन साल की शुरुआत में होना था परंतु कोविड-19 के चलते इस मूर्ति का अनावरण आज शाम 6:30 बजे जेएनयू परिसर के एडमिट बिल्डिंग में किया जाएगा। यहां पर लगभग 400 से 500 लोग उपस्थित होंगे जिसमें कि सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाएगा। Statue of Swami Vivekananda JNU
कार्यक्रम की रूपरेखा
जेएनयू में स्थापित होने वाली स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का अनावरण के लिए जेएनयू परिसर के छात्र-छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों से कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी इसके पश्चात ठीक 6:30 बजे स्वामी विवेकानंद जी की मूर्ति का अनावरण प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा किया जाएगा व उसके पश्चात मोदी जी पूरे देश को संबोधित करेंगे।