Story of Joe Biden
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Joe Biden 46वें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति | New President of America 2020

अपने नए राष्ट्रपति का निर्वाचन परिणाम देखने के लिए बेताब अमेरिकी जनता व साथ ही संपूर्ण विश्व समुदाय भी नजरें गड़ाए बैठे हैं। आखिरकार शनिवार देर शाम अमेरिका को अपना 46वा नव निर्वाचित राष्ट्रपति मिल गया। देर शाम जारी हुए निर्वाचन परिणाम में डेमोक्रेटिक पार्टी उम्मीदवार 'Joe Biden' ने रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार व निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हरा लिया। अमेरिकी राजनीति में करीब पांच दशकों से सक्रिय 'Joe Biden' ने सबसे युवा सीनेट से लेकर सबसे उम्रदराज अमेरिकी राष्ट्रपति बनने तक का शानदार सफर तय करके शनिवार को इतिहास रच दिया। 

एक मध्यमवर्गीय परिवार से लेकर सीनेटर और फिर सीनेटर से लेकर व्हाइट हाउस तक का उनका ये सफर बेहद ही कठिन व जटिल रहा। उनके जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते रहे, तो कभी वे डिप्रेशन जैसी घातक बीमारी के शिकार भी हुए, लेकिन उन्होंने कभी भी गिरना नहीं सीखा। उन्होंने जितनी बार परेशानियों का सामना किया उतनी ही बार वे और अधिक मजबूती से अपने पथ पर अग्रसर हुए। सबसे कम उम्र के युवा सीनेटर और सबसे अधिक उम्रदराज के राष्ट्रपति बनने तक जो बाइडेन का राजनीतिक व निजी जीवन काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। New President of America 2020


कौन हैं जो बाइडेन ?


जो बाइडेन, जिनका पूरा नाम जोसेफ रॉबीनेट बाइडेन जूनियर है। ‌इनका जन्म 20 नवंबर 1942 को अमेरिका के पेंसिलवेनिया राज्य के स्कैंटन में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। इनके पिता जोसेफ बाइडेन कारखानों की भट्टीयो में सफाई के काम के साथ ही सेकंड हैंड कारों के विक्रेता थे। ‌ इनके माता कैथरीन यूजेनिया जीन फिगनेन एक ग्रहणी थी। ये तीन भाई-बहन है जिनमें एक बहन व दो भाई हैं।


शिक्षा  


जो बाइडेन की शुरुआती शिक्षा स्कैटन‌ के सेंट पॉल एलिमेंट्री स्कूल से हुई और बाद में जब वे 13 वर्ष के हुए तो तब इनका पूरा परिवार सन् 1955 में  मेंफील्ड डेलावेयर चला गया। ‌ वहां उन्होंने सेंट हेलेना स्कूल से अपनी पढ़ाई जारी रखी लेकिन उनका सपना आर्कमेरे अकैडमी में प्रवेश लेना था जो कि उन्होंने बाद में ले लिया था। यहां उन्होंने अपनी पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए स्कूल की खिड़कियां धोने के साथ-साथ बगीचे में भी काम करना शुरू किया।आर्कमेरे स्कूल के होनहार छात्रों में से एक जो बाइडेन फुटबॉल भी बहुत अच्छा खेला करते थे। ‌

स्कूली शिक्षा पूरी होने के बाद उन्होंने डेलावेयर यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया जहां पर उन्होंने इतिहास, पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई के साथ-साथ फुटबॉल भी खूब खेला। बाद में उन्हें पॉलिटिक्स में रूचि हो गई थी और बीए की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने जूरिस डॉक्टर की उपाधि ली। 


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पारिवारिक मुश्किलों के साथ लड़ कर मुकाम हासिल किया  


1972 में जो बाइडेन सीनेट के लिए सबसे कम उम्र के लोगों में से एक थे। लेकिन कुछ ही हफ्तों बाद बाइडेन के परिवार में एक भारी त्रासदी हुई, जिसमें एक कार एक्सीडेंट में उनकी पत्नी नीलिया और बेटी नाओमी की मौत हो गई, जबकि उनके बेटे हंटर और ब्यू गंभीर रूप से घायल हो गए थे। बेटों के गंभीर रूप से घायल होने के कारण वे सीनेट पद की शपथ के लिए वॉशिंगटन डीसी नहीं जा सके और हॉस्पिटल से ही उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ ली। बाइडेन अपने बेटों को देखने के लिए विल्मिंगटन और वॉशिंगटन डीसी के बीच रोजाना 'एमट्रेक ट्रेन' से सफर किया करते थे। जिसके बाद वे "एमट्रैक जो" के नाम से लोकप्रिय हो गए। पांच साल तक बाइडेन ने अपनी बहन वैलेरी और उनके परिवार की मदद से ब्लू और हंटर को सिंगल फादर के तौर पर पाला था। पत्नी नीलिया की मौत के पांच वर्ष बाद बाइडेन ने जिल से शादी की और उनसे एक बेटे का जन्म 1981 में हुआ, जिसका नाम है एस्ली रखा। साल 2015 में 46 साल की उम्र में बाइडेन के बड़े बेटे ब्लू की ब्रेन कैंसर से मौत हो गई। उनके छोटे बेटे हंटर की बात करें तो एक वकील और लॉबिस्ट के रूप में उनका करियर भ्रष्टाचारो के आरोपों का निशाना रहा है।


राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में पहले भी उतर चुके हैं बाइडेन 


डेलावेयर से छह बार सीनेटर रह चुके बाइडेन इस बार राष्ट्रपति चुनाव में तीसरी बार उतरे हैं। उन्होंने पहले कोशिश 1988 के राष्ट्रपति चुनाव में की थी,  जिसमें उन्हें साहित्यिक चोरी के आरोप के कारण पीछे हटना पड़ा था। फिर दूसरी बार साल 2008 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए दौड़ में शामिल हुए, जिसमें वे बराक ओबामा के आगे हार गए। तब बाद में उन्हें उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन किया गया था। Story of Joe Biden


जो बाइडेन का विवादों से भी रहा नाता  


  • मार्च 2020 में तारा रेडी ने जो बाइडेन पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने साल 1993 में उनका यौन शोषण किया था और यह घटना उस समय घटी थी जब यह महिला उनके सीनेट ऑफिस में काम किया करती थी। 
  •  इसके अलावा उन पर नील किनोक के भाषण चुराने का आरोप भी है, जोकि एक ब्रिटिश लेबर पार्टी से जुड़े हुए हैं।
  • बाइडेन ने यह बात भी स्वीकार की थी कि उन्होंने अपने लॉ की पढ़ाई के दौरान प्रथम वर्ष में एक लेख चोरी किया था। 
  • साल 2007 में बाइडेन ने यह दावा किया था कि उन्हें इराक के ग्रीन जोन में गोली लगी थी, लेकिन बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह उस जगह के पास थे जहां 'गोली चली' थी।

 विवादों, पारिवारिक मुश्किलों व राजनीतिक जीवन से भरा हुआ उनका यह जीवन बेहद ही कठिन रहा। अंततः इस राष्ट्रपति चुनाव में उन्हें डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर डोनाल्ड ट्रंप के सामने टक्कर के लिए खड़ा किया गया और एक बड़े अंतर से डोनाल्ड ट्रंप को हराकर उन्हें 46वें अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में जनता द्वारा चुना गया।


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