कोरोनावायरस संकट के कारण 4 से 5 महीने तक का देश भर में लॉकडाउन रहा है। अभी भी लॉकडाउन पूरी तरह से हटा नहीं है बल्कि अनलॉक की प्रक्रिया धीरे - धीरे चरणबद्ध तरीके से पूरी हो रही है। इसी प्रक्रिया में अब स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटी के खुलने की तैयारी देशभर में की जा रही है। इसी प्रक्रिया के चलते जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भी खुलने जा रहा है। जिसके खुलने की तारीख 2 नवंबर 2020 तय की गयी है। इस यूनिवर्सिटी के खुलने पर छात्रों को विश्वविद्यालय में प्रवेश की अनुमति दी गई है परंतु यह अनुमति भी चरणबद्ध तरीके से दी जा रही है, अर्थात यूनिवर्सिटी को चरणबद्ध तरीके से खोला जा रहा है।
आइए जानते हैं कि इस यूनिवर्सिटी में किन नियमों का पालन किया जाएगा तथा इसी के जैसी दूसरी यूनिवर्सिटीज का हाल खुलने के बाद क्या क्या होने वाला है
इस बात को तो आप सभी जानते हैं कि कोरोनावायरस की वजह से देश भर के स्कूल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज मार्च से बंद है अर्थात 7 से 8 महीनों से सभी शिक्षण संस्थान देश में बंद है। अनलॉक के चरणबद्ध तरीके से होने के बाद अब शिक्षण संस्थानों को खोलने की इजाजत दी गई है। कई प्रदेशों में 15 अक्टूबर से ही शिक्षण संस्थान स्कूल खुल गए हैं। अब जेएनयू को भी 2 नवंबर से खोला जा रहा है परंतु इसे चरणबद्ध तरीके से खोलने का निर्णय लिया गया है। चरणबद्ध तरीके का अर्थ है कि पहले, दूसरे, तीसरे इस तरह से विभिन्न चरणों में यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से खोला जाएगा। College Reopening News
क्या होगी चरणबद्ध तरीके से खुलने की प्रक्रिया
पहले चरण में शोधार्थियों और पीएचडी के छात्रों को ही कैंपस में आने का मौका मिलेगा। जेएनयू ने अधिकारिक बयान देते हुए यह जानकारी दी है कि पहले चरण में फाइनल ईयर के शोधार्थियों और पीएचडी के छात्रों और परियोजना कर्मचारियों को मौका मिलेगा जिन्हें प्रयोगशालाओं में जाने की अनुमति मिली है तथा अपनी पीएचडी की थीसिस जमा करवानी है।
इसी तरह से जेएनयू के प्रशासन के अनुसार दूसरे चरण की 16 नवंबर से शुरुआत की जाएगी। इस चरण में हॉस्टल में रहने वाले अंतिम वर्ष के पीएचडी के छात्र छात्राओं को ही विश्वविद्यालय के कैंपस में आने का मौका प्रदान किया जाएगा। इसके बाद प्रशासन ने यह जानकारी दी है कि यदि दोनों चरण सफलतापूर्वक ठीक से संपन्न हो जाते हैं तो इसके बाद इनकी समीक्षा के आधार पर ही आगे के चरणों की तैयारी प्रशासन द्वारा की जाएगी।
इन नियमों का करना होगा पालन
जेएनयू प्रशासन ने देशभर में कोरोनावायरस के संक्रमण तथा इसके खतरे को देखते हुए विभिन्न नियमों को भी लागू किया है जिनका पालन करना अति अनिवार्य होगा।
विश्वविद्यालय खुलने के दौरान केंद्रीय पुस्तकालय और कैंटीन व कैंपस में उपस्थित सभी ढाबे बंद रहेंगे।
विश्वविद्यालय परिसर में स्थानीय जिला प्रशासन की सहायता से एक कोविड-19 परीक्षण शिविर को नियमित अंतराल पर आयोजित करवाया जाएगा तथा इसमें नियमित जांच की जाएगी।
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कोई भी व्यक्ति कोविड-19 के दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं करेगा। यदि ऐसा करते हुए कोई भी पाया गया तो उस पर अनुशासनात्मक कार्यवाही का किया जाना निश्चित है।
अन्य विश्वविद्यालयों ने भी कर ली है तैयारी
अनलॉक के इसी चरण में सभी विश्वविद्यालय धीरे-धीरे खुल रहे हैं। इसी तरह दिल्ली विश्वविद्यालय का 1 नवंबर से खुलने का प्रावधान है और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय तथा उत्तर प्रदेश राज्य के कई और विश्वविद्यालय 15 अक्टूबर से खोले जा चुके हैं। इन विश्वविद्यालयों में रिसर्च छात्रों को प्रयोगशाला के काम से या फिर थीसिस जमा करने जैसे कामों से कैंपस में आने की अनुमति दी गई है तथा छात्रों पर निर्भर है कि वे विद्यालय आना चाहते हैं या नहीं। इसी तरह कर्नाटक राज्य में भी सरकार ने 17 नवंबर से डिग्री कॉलेज को खोलने की अनुमति दे दी है। इसके अलावा ऑनलाइन लर्निंग जैसे विकल्प भी छात्रों के लिए खुले रखे जाएंगे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, असम, मध्य प्रदेश जैसे सभी राज्यों में स्कूल और कॉलेज 15 अक्टूबर से खुल गए हैं तथा इन सब के लिए एसओपी जारी की गई है। जिसमें शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय सरकार द्वारा कोरोनावायरस से जुड़ी सावधानियों के बारे में गाइडलाइंस दी गई हैं।