स्मोकिंग या तंबाकू की लत एक बहुत ही बुरी लत है। कुछ दिन ही सिगरेट पीने से इसकी लत लग जाती है परंतु कई सारे उपाय अपनाने के बाद भी इस लत से पीछा छुड़ाना लगभग नामुमकिन सा लगता है। कुछ लोग इसके लिए अनेक घरेलू उपायों को भी अपनाते हैं लेकिन उनसे भी ना के बराबर फर्क पड़ता है। लेकिन फिर भी इस लत को छुड़ाना मुश्किल जरूर है पर नामुमकिन नहीं। एक बार लत लगने के बाद लोगों को इसके नुकसान पता चलते हैं आइये जानते हैं क्या हो सकते हैं स्मोकिंग और तंबाकू के नुकसान: How to Quit Smoking
स्मोकिंग से होती हैं अनेक बीमारियां
स्मोकिंग और तंबाकू से अनेक बीमारियां होती हैं जैसे फेफड़ों की बीमारी, दिल की बीमारी, चिंता बढ़ना, तनाव तथा अस्थमा आदि बड़ी बीमारियों का खतरा बना रहता है।
सिगरेट पीने के बाद उसकी आदत बन जाती है। कुछ लोग तो चाय और सिगरेट एक साथ पीते हैं जिससे उनके शरीर को ज्यादा नुकसान होता है क्योंकि चाय में केफीन और सिगरेट में निकोटिन पाया जाता है।
सिगरेट और तंबाकू की लत को छुड़ाया जा सकता है?
सिगरेट और तंबाकू की लत से परेशान हर व्यक्ति इसे छोड़ने के अथक प्रयास करता है हाल ही में हुई एक रिसर्च से सिगरेट छोड़ने का सबसे अच्छा तरीका सामने आया है। यह साबित हुआ है कि सिगरेट छोड़ने के लिए ई-सिगरेट काफी हद तक प्रभावी है, इसे हम वेपोराइजर भी कह सकते हैं। आइए जानते हैं क्या है ई-सिगरेट और इसके फायदे?
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ई-सिगरेट: ई-सिगरेट का अर्थ है इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट जिसे हम पर्सनल वेपराइजर भी कह सकते हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम होता है जो कि एक बैटरी से चलता है। इसके माध्यम से निकोटीन या गैर-निकोटीन पदार्थ को भाप के रूप में लिया जाता है। इसमें आम तरह के सिगरेट के जैसे धुआं नहीं निकलता तथा इसको पीने से ऐसा लगता है जैसे कि आप सच में कोई सिगरेट या तंबाकू पी रहे हो, परंतु ई-सिगरेट में किसी भी प्रकार का तंबाकू नहीं होता बल्कि निकोटीन (जो कि तंबाकू के पौधे से लिया जाता है) का प्रयोग किया जाता है। एक सर्वे के मुताबिक सिगरेट पीने की बजाय वेपिंग एक सुरक्षित तरीका है परंतु इसके दीर्घकालिक प्रभावों का अभी तक पता नहीं चला है।
एक यूनिवर्सिटी की समीक्षा के आधार पर कहा जाता है कि ऐसे लोग जो बिना किसी ठोस वजह के सिगरेट पीते हैं उनकी संख्या 48% है और उनके लिए ई-सिगरेट पीना काफी हद तक ठीक रहता है। इससे उनकी स्मोकिंग करने की इच्छा भी धीरे-धीरे कम हो जाती है और अंततः यह आदत छूट जाती है। इसके साथ-साथ इस आदत के छूटने के बाद होने वाली परेशानियों से भी उन्हें राहत मिलती दिखाई देती है।
साइंटिफिक रिसर्च के जरिए मदद करने वाले सर्वे ऑर्गेनाइजेशन 'cochrane' द्वारा एक रिसर्च की गई जिसमें दुनिया भर के 50 अध्ययनों को शामिल किया गया। इस रिसर्च में यह साबित हुआ कि स्मोकिंग करने वाले की संख्या को कम करने में सबसे ज्यादा मदद वेपिंग से मिलती है और सिगरेट या स्मोकिंग छोड़ना लोगों की सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
इस रिसर्च में मौजूद जेमी हार्टमेन-बॉयस ने बताया कि-"अब सबूत सामने है कि निकोटीन के साथ इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट का उपयोग करना निकोटिन वाले च्युइंग गम आदि के इस्तेमाल की बजाय बेहतर है। ई-सिगरेट से सफलतापूर्वक स्मोकिंग छोड़ने की संभावना ज्यादा है।"
इस पर खड़े किए जा चुके हैं कई सवाल
पिछले साल अमेरिका ने इस तरह की ई-स्मोकिंग पर सवाल उठाए कि वेपिंग से फेफड़ों को नुकसान पहुंचता है। इसके बाद पूरे देश में इसे प्रतिबंधित कर दिया। परंतु cochrane ऑर्गेनाइज़ेशन के दावे के अनुसार इसका कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है और फेफड़ों को जो कुछ भी नुकसान पहुंचता है उसका एक दूसरा कारण विटामिन-ई एसिटेट भी हो सकता है जिसका प्रयोग मारिजुआना वेप्स में होता है।
इसके साथ-साथ दृढ़ संकल्पित रहना, पॉजिटिव रहना, डॉक्टर से सलाह लेते रहना और कोशिश करते रहने से सिगरेट जैसी किसी भी लत से छुटकारा पाया जा सकता है।
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