लोकप्रिय व प्रसिद्ध बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह से आज हर कोई वाकिफ है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दिया, जिस कारण आज वे किसी पहचान के मोहताज नहीं है। 2011 क्रिकेट विश्व कप में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज सिंह का जन्म 12 दिसंबर 1981 को चंडीगढ़ में हुआ। उनके पिता योगराज सिंह भूतपूर्व क्रिकेटर व पंजाबी फिल्मों में अभिनय के लिए प्रसिद्ध है। बचपन में युवराज सिंह स्कैटर जैसे खेलों में रुचि रखते थे व अंडर-19 नेशनल रोलर स्केटिंग चैंपियन बने। उनके पिता उन्हें एक फास्ट गेंदबाज बनाना चाहते थे इसके लिए उन्होंने खुद युवराज को ट्रेनिंग दी लेकिन युवराज सिंह स्केटर बनना चाहते थे। डीएवी पब्लिक स्कूल से स्कूली शिक्षा इन्होंने प्राप्त की व चाइल्ड स्टार के रूप में दो फिल्मों 'मेहंदी सगण दी' एवं 'पट सरदार' मे भी काम किया। कुछ सालों बाद इनके माता-पिता का तलाक हो गया और युवराज सिंह अपनी माता शबनम सिंह के साथ रहने लगे।
क्रिकेट कैरियर
युवराज सिंह ने क्रिकेट में अपने करियर की शुरुआत 11 वर्ष की उम्र में पंजाब अंडर-12 से और पंजाब अंडर-19 से हिमाचल प्रदेश के खिलाफ मैच खेलकर की। इसी तरह सन 2000 तक भारत में राष्ट्रीय स्तर के मैचों में अपना प्रदर्शन दिया।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण
पंजाब से अंडर-19 राष्ट्रीय स्तर के मैचों में शानदार प्रदर्शन की बदौलत युवराज सिंह का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चयन किया गया। 3 अक्टूबर 2000 को उन्होंने केन्या के खिलाफ खेले गए वनडे मैच में भारतीय क्रिकेट में पदार्पण किया, जिसमें मोहब्बद कैफ की कप्तानी में उन्होंने यह मैच खेला। इस अंडर-19 विश्वकप टूर्नामेंट में भारत को हार का सामना करना पड़ा लेकिन अपने शानदार प्रदर्शन के कारण युवराज सिंह को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' अवार्ड से पुरस्कृत किया गया।
फ्लिंटॉफ की गाली का जवाब व 19 सितंबर का दिन
क्रिकेट में एक के बाद एक अपने शानदार प्रदर्शन से युवराज सिंह क्रिकेट में एक युवा व तूफानी बल्लेबाज के रूप में उभर चुके थे, वे सीमित ओवरों के क्रिकेट में विश्व के सबसे खतरनाक खिलाड़ियों में से एक थे। युवराज ने सार्वजनिक तौर पर इस बात का खुलासा किया कि "जब मैं बल्लेबाजी कर रहा था, तब मुझे इंग्लैंड के मुंहजोर खिलाड़ी एंड्रयू फ्लिंटॉफ ने गाली बकी थी। मैं भी तेश में आ गया और मैंने भी गाली बकी, ताकि हिसाब बराबरी का हो। मेरा दिमाग एकदम गरम हो गया था"
19 सितंबर 2007 का वह दिन था जब इस दिग्गज बल्लेबाज ने छह गेंद पर छह छक्के लगाकर इतिहास रच दिया। यह करिश्मा करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने, जिन्होंने तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड की गेंदों को पवेलियन की ओर भेजा।
व्यक्तिगत जीवन
क्रिकेटर होने के साथ ही इनकी लोकप्रियता भी चरम पर रही। कई कंपनी के ब्रांड एंबेसडर और टीवी विज्ञापन में इन्होंने काम किया। अपने क्रिकेट मैच में शानदार प्रदर्शन से वे कई मैचों में 'मैन ऑफ द मैच' बने। जिसके चलते इनकी फीमेल फॉलोइंग भी जबरदस्त रही। बॉलीवुड की कई अभिनेत्रियों से इनके अफेयर की चर्चा व अफवाह चलती रही किंतु सभी अफवाहों पर ब्रेक लगाकर साल 2015 में इन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री हेजल कीच के साथ सगाई कर ली व 2016 में इन्होंने विवाह किया।
जीवन में एक दुर्लभ मोड़
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साल 2011 के वर्ल्ड कप में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के कारण भारत को 28 साल बाद विश्व कप दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही, लेकिन इसी वर्ष ही उनके जीवन में एक दुर्लभ मोड़ आ पड़ा, जब उन्हें इस बात का पता चला कि उन्हें बाय लंग में कैंसर (मीडियास्टिनल सेमिनोमा) हुआ है जो कि स्टेज-1 में था। वे कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट के लिए यूएस के बोस्टन में कैंसर रिसर्च सेंटर गए। लगभग एक साल के भीतर ही उनका इलाज पूरा हो गया और वर्ष 2012 में भारत वापस आ गए।
महत्वपूर्ण उपलब्धियां और सम्मान
युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के बहुत ही शानदार खिलाड़ी रहे हैं, जिस कारण उन्हें काफी उपलब्धियां व सम्मान प्राप्त हुए-
- 2007 के आईसीसी वर्ल्ड कप T-20 में छह गेंदों पर छह छक्के
- पहले ऑलराउंडर, जिन्होंने सिंगल वर्ल्ड कप में 300+ रन और 15 से ज्यादा विकेट लिए
- साल 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप में 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' अवार्ड
- वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रपति द्वारा दूसरा सबसे बड़ा खेल पुरस्कार "अर्जुन" अवार्ड से सम्मानित
- वर्ष 2014 में "पदमश्री" से सम्मानित
- फरवरी 2014 में सबसे प्रेरणादायी खिलाड़ी के रूप में FICCI अवार्ड
- IPL 2015 में सबसे महंगे खिलाड़ी (16 करोड़)
युवराज सिंह की आत्मकथा
'द टेस्ट ऑफ माय लाइफ : फ्रॉम क्रिकेट टू कैंसर एंड बैक' युवराज सिंह की आत्मकथा है, जिसे 19 मार्च 2013 को लांच किया गया था। इस पुस्तक में युवराज सिंह के क्रिकेट करियर की पूरी जानकारी के साथ ही बीमार होने के बाद वापस क्रिकेट के शुरूआत से है।
क्रिकेट को अलविदा
भारत के लिए दो वर्ल्ड कप (ODI & T-20) में शानदार भूमिका निभाकर जीत दिलाने वाले युवराज सिंह ने साल 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से अलविदा कह दिया। उन्होंने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58T-20 इंटरनेशनल मैच खेले, जिसमें क्रमशः 1900, 8701 और 1177 रन बनाए।
जन्मदिन नहीं मनाएंगे
पूर्व बल्लेबाज युवराज सिंह का आज (12 दिसंबर) जन्मदिन है, उन्होंने अपने 39वें जन्मदिन को नहीं मनाने का फैसला किया है। उन्होंने यह फैसला किसान आंदोलन की वजह से लिया। अपने खास दिन के मौके पर उन्होंने अपनी इच्छा जाहिर कर के कहा कि "किसानों की सभी मांगें जल्द से जल्द पूरी हो जाए" तथा इस दौरान उन्होंने अपने पिता योगराज सिंह के विवादित बयान को उनका खुद का 'निजी' बयान बताया, जिसके लिए युवराज को ट्रोल किया जा रहा था।