Know the benefits of Digital Detox
हेल्थ

जानिये कैसे डिजिटल डिटॉक्स के प्रयोग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थय को दुरुस्त रखा जा सकता हैं ?

डिजिटलाइजेशन की क्रांति से जहां एक ओर सूचनाओं का आदान प्रदान आसानी से हो रहा है, चैटिंग के जरिए खूब सारी बातें कर मानव एक- दूसरे से 'कनेक्टेड' महसूस कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो असल जिंदगी में  इससे रिश्तो का चार्म काफी कम सा हो गया है अपनी रोजाना जिंदगी में मानव लाइफ इंजॉय करना भूल चुका है और उसने अपने आसपास मौजूद लोगों के साथ वक्त बिताना बहुत कम सा कर दिया है। रिश्तो को बनाए रखने और अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ में संतुलन स्थापित करने के लिए आप डिजिटल डिटॉक्स का उपयोग कर सकते हैं।


क्या है "डिजिटल डिटॉक्स"?

डिजिटल डिटॉक्स से तात्पर्य है स्वयं को डिजिटल दुनिया से दूर करना। अर्थात प्रत्येक क्षण उपयोग में आने वाले स्मार्ट फोन और इंटरनेट से कुछ महीनों, घंटों तक दूरी बनाने का टारगेट सेट करना डिजिटल डिटॉक्स कहलाता है।


आमतौर पर देखा जाता है कि सोशल मीडिया फैंस को फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप आदि एप्स पर हर समय अवेलेबल रहने का क्रेज रहता है और वे अपनी पल-पल की एक्टिविटी अपने फैन्स के साथ शेयर करते रहते हैं। वे अपनी लाइफ के हर इवेंट को कैमरे में कैप्चर करते रहते हैं जिसके चलते वे उस इवेंट को प्रॉपर तरीके से इंजॉय नहीं कर पाते हैं। यथा- अक्सर देखा जाता है कि कोई व्यक्ति हॉलिडे ट्रिप पर है तो वे ट्रिप इंजॉय करने के बजाय सेल्फी लेने में व्यस्त रहते हैं। ऐसे में आप अपना हॉलीडे कहां मना रहे हैं, कौन आपके साथ है, किन लोगों के साथ पार्टी कर रहे हैं,  किसी टॉपिक पर आपके विचार क्या है यह सारी जानकारी अनजान लोगों तक पहुंच जाती हैं जिसके चलते कई बार सोशल मीडिया हैकर्स को आप तक पहुंचना और आसान हो जाता है। वे आपकी पल-पल की खबर रख कर आप को नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं इसलिए अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए और खतरे की संभावना को कम करने के लिए आप डिजिटल डिटॉक्स का उपयोग कर इससे दूरी बना सकते हैं।


वर्तमान समय में डिजिटल उपकरण और इंटरनेट के बिना जिंदगी की कल्पना भी नहीं की जा सकती। जब संपूर्ण विश्व कोविड-19 नामक महामारी से जूझ रहा था तब डिजिटलाइजेशन की इस तकनीकी ने प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए। ऑनलाइन काम करने के क्षेत्र में 48.5 मिनट की औसतन वृद्धि हुई है। मीटिंग में 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी और वीडियो कॉल में 1000 फ़ीसदी तक का उछाल देखा गया है । अर्थात जहां एक और तकनीकी से जुड़ने का सकारात्मक प्रभाव देखा गया वहीं दूसरी ओर यह कहना भी गलत नहीं होगा कि डिजिटल डिटॉक्स वक्त की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी का अत्यधिक इस्तेमाल बेचैनी को जन्म देता है और मस्तिष्क में रिलीज होने वाले "डोपामाइन" को प्रभावित करता है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म का अधिक उपयोग करना आप को प्रोत्साहन देने का कार्य करता है जो मानसिक पीड़ा का कारण  भी बनता है ।


डिजिटल डिटॉक्स  से पाएं अच्छी नींद

उत्तम स्वास्थ्य के लिए पर्याप्त मात्रा में नींद लेना अत्यावश्यक है। नींद शरीर को आराम और राहत देने का कार्य करता है लेकिन तकनीकी और मोबाइल फोन में वर्तमान समय में हमारी नींद को छीन कर रख लिया है देर रात तक मोबाइल फोन लैपटॉप का इस्तेमाल करना आम बात हो गई है जो "मेलाटोनिन" नाम से जाने वाला महत्वपूर्ण केमिकल के स्राव को प्रभावित कर शरीर को आराम और बंद आंखों की तैयारी में मदद करता है अर्थात कहा जा सकता है कि नियमित डिजिटल डिटॉक्स नींद के पैटर्न में व्यापक सुधार लाकर उत्तम स्वास्थ्य प्रदान करता है।

इसके अतिरिक्त डिजिटल डिटॉक्स किसी भी स्थान ,वस्तु पर अपना ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है।


डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)