पैन कार्ड की फुल फॉर्म 'परमानेंट अकाउंट नंबर 'होती है जिसका उपयोग मुख्यतः वित्तीय लेनदेन के कार्यों में किया जाता है पैन कार्ड पहचान पत्र या आइडेंटी कार्ड के रूप में भी कार्य करता है। पैन कार्ड में 10 डिजिट अल्फान्यूमैरिक नंबरों का प्रयोग किया जाता है इन अल्फा न्यूमैरिक डिजिट के बारे में पैन कार्ड धारकों को जानकारी रखनी चाहिए कि आखिर क्या रहस्य है इन 10 अल्फान्यूमैरिक नंबर्स का और क्यों आवश्यक होता है पैन कार्ड बनाना।
पैन कार्ड बनाने की आवश्यकता (Why do you Need to have a Pan Card)
जैसा कि हम जानते हैं पैन कार्ड की फुल फॉर्म होती है परमानेंट अकाउंट नंबर पैन कार्ड वित्तीय लेनदेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है यदि आप कहीं भी 50000 से ऊपर की पेमेंट करते हैं तो आपको बैंक में पैन कार्ड की जानकारी देनी होती है यदि आप चार पहिया वाहन लेते हैं तो भी आपको पैन कार्ड की जानकारी देनी होती है यदि आप सरकारी नौकरी में नियुक्त होते हैं तो वहां पर भी आयकर विभाग द्वारा आपका पैन कार्ड बनाना आवश्यक होता है यदि आप किसी बड़े फाइव स्टार होटल में 25,000 से अधिक बिल का भुगतान करते हैं तो वहां पर भी आप से पैन कार्ड मांगा जाता है पैन कार्ड आपका परमानेंट अकाउंट नंबर होता है जो आप के वित्तीय स्टेटस को दर्शाता है इसमें छिपे 10 नंबर आपके वित्तीय स्टेटस से संबंधित होते हैं जिन्हें आपका जानना भी आवश्यक है आइए जानते हैं पैन कार्ड में छिपे 10 अल्फान्यूमैरिक नंबर का रहस्य
पैन कार्ड में अल्फान्यूमैरिक डिजिट का इस्तेमाल किया जाता है अर्थात अंग्रेजी वर्णमाला वह गणितीय संख्याओं का समायोजन करके पैन कार्ड धारक को 10 नंबर का पैन कार्ड नंबर दिया जाता है जिन का रहस्य निम्नलिखित प्रकार से है
पैन कार्ड के शुरुआती 3 डिजिट (First 3 Digits of PAN Card)
पैन कार्ड में शुरुआती 3 डिजिट अंग्रेजी की वर्णमाला से प्रारंभ होते हैं इनमें A से लेकर Z तक के अक्षरों को शामिल किया जाता है जिसमें शुरुआत के 3 डिजिट एक जैसे होते हैं उदाहरण के तौर AAA,BBB, DDD, ZZZ आदि यह सीरीज आयकर विभाग तय करता है।
आयकर धारक की श्रेणी से संबंधित है चौथा नंबर
पैन कार्ड के चौथे नंबर से आयकर धारक की श्रेणी या स्टेटस की पहचान होती है इसमें अंग्रेजी वर्णमाला के विभिन्न अक्षर दिए होते हैं जिनका अपना अलग अलग अर्थ होता है जैसे की 'B' का संबंध बॉडी ऑफ इंडिविजुअल (BOI) 'C' का संबंध कंपनी, 'F 'का संबंध फर्म से है 'G' अक्षर का संबंध गवर्नमेंट से है 'H' का संबंध अविभाजित हिंदू परिवार, 'L' का संबंध लोकल, 'P' का संबंध पर्सनल व 'J 'का संबंध आर्टिफिशियल ज्यूडिशियल पर्सन से है।
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पांचवा अक्षर का संबंध है व्यक्ति के सर नेम से
पैन कार्ड का पांचवा नंबर व्यक्ति के सरनेम से संबंध रखता है उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति का सरनेम मोदी है तो यहां पर M पांचवें अक्षर के रूप में व्यक्ति के सरनेम को निरूपित करेगा।
6 से लेकर 9 तक का संबंध है सीरीज से
पैन कार्ड में पांचवी अक्षर के पश्चात छठ में नंबर से लेकर नवंबर तक गणितीय संख्याएं आती है जो कि आयकर विभाग की पैन कार्ड सीरीज को दर्शाती हैं।
दसवां नंबर होता है गुप्त
दसवीं नंबर की जानकारी आयकर विभाग द्वारा एक जटिल गणना के पश्चात दिया जाता है जिसका संबंध ग्राहक से ना हो करके आयकर विभाग से संबंधित गुप्त जानकारी से होता है।