Coronavirus and Your Eyes
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क्या कोर्निया करता है कोरोनावायरस की बढ़त | Coronavirus and Your Eyes

हाल ही में हुए एक शोध में पता चला है कि आंखों का कॉर्निया कोरोनावायरस से प्रभावित नहीं होता और उसके बढ़ने की प्रक्रिया को रोकता है। अभी यह जानना बाकी है कि कॉर्निया और उसके आसपास के अन्य उत्तक इस वायरस से प्रभावित होते हैं या अप्रभावित ही रहते हैं।


कोरोनावायरस महामारी के चलते पूरा देश और दुनिया अस्त-व्यस्त पड़ी हुई है। दुनिया पर इसका असर एक व्यापक पैमाने पर हुआ है। जिससे लोगों की जीवन शैली पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ा है, या तो वह जीवन शैली पूरी तरह से बदल चुकी है या उसमें धीरे-धीरे बहुत सारे बदलाव शामिल हो रहे हैं। इसीलिए इस वायरस को हराना बहुत आवश्यक हो गया है। इसके लिए दुनिया भर में अनेक शोध किए जा रहे हैं और उन शोधों से कई तरह की बातें सामने आई हैं। इस वायरस को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रांतियां फैली हुई हैं, परंतु अब शोध के कारण सच्चाई को साबित किया जा सकता है जिससे इसे लेकर किसी भी तरह की भ्रांति दुनिया में न फैले।


अमेरिका में हाल ही में हुए एक शोध से पता चला था कि कोरोनावायरस आंखों के जरिए भी शरीर में पहुंच सकता है और आंख से निकलने वाले आंसुओं से भी इसका संक्रमण फैल सकता है। इस तरह का दावा अमेरिका की एक बहुत ही प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी जॉन्स हापकिंस ने रिसर्च करके किया है। उनका यह कहना है कि-"यह इसीई-2 नाम का एंजाइम जोकि फेफड़ों, श्वसन के मार्ग तथा दूसरे अंगों में एक तरह से वायरस के लिए रिसेप्टर का काम करता है। इस एंजाइम का निर्माण आंखों में भी होता है, जिसकी मदद से यह वायरस शरीर की कोशिकाओं को जकड़ कर इंसान की आंखों से शरीर में प्रवेश कर सकता है। इसी वजह से आंखों में कंजेक्टिवाइटिस का खतरा भी बन सकता है। Coronavirus and Your Eyes


हाल ही में एक नई रिसर्च हुई है, जिसे वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने किया है। उनके अध्ययन में यह बात सामने निकल कर आई है कि- आंखों का कॉर्निया कोरोनावायरस के संक्रमण में प्रतिरोधक का कार्य करता है। इसका अर्थ है कि जिस तरह से अन्य वायरस जैसे- सिंपलेक्स और जीका वायरस कॉर्निया को प्रभावित करते हैं और वहां पर अपनी अधिक से अधिक बढ़त करते हैं, उस तरह से कोरोनावायरस नहीं कर सकता। कोरोना यहां खुद की बढ़त करने में असमर्थ है और यह कॉर्निया को प्रभावित नहीं कर सकता। इनके निष्कर्षों के मुताबिक अभी भी यह पता नहीं चल पाया है कि कॉर्निया और उसके आसपास के अन्य उत्तक इससे प्रभावित होते हैं या अप्रभावित ही रहते हैं। इसीलिए यह शोध अभी पूरी तरह से निष्कर्षित नहीं है।


आवश्यक नहीं कि सभी कॉर्निया प्रतिरोधी हों


हाल में की गई इस रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार इनके निष्कर्ष यह साबित नहीं करते कि सभी कॉर्निया प्रतिरोधी हैं या नहीं हैं। इस रिपोर्ट के लेखक जॉनाथन जे माइनर बताते हैं कि-"हमारे निष्कर्ष साबित नहीं करते कि सभी कॉर्निया प्रतिरोधी हैं, लेकिन हमारे द्वारा जांच किया गया हर डोनर कॉर्निया कोरोनावायरस का प्रतिरोधी था। यह अभी भी संभव है कि लोगों का एक समूह, जिसमें ऐसा कॉर्निया हो जो वायरस को बढ़ने में मदद करते हों, लेकिन हमने जिनका भी अध्ययन किया है उनमें कोई भी SARS-COV-2 को बढ़ने में मदद करने वाला कॉर्निया नहीं था।


रोगियों की आंखों में मिलने वाले लक्षणों के हो सकते हैं कई कारण


दरअसल बात यह है कि कई तरह के रोगियों में आंखों में मिलने वाले कई लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे- गुलाबी आंखें होना, परंतु यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह लक्षण कोरोनावायरस के कारण ही हैं या इनका कोई और कारण है। क्योंकि इनका कोई और कारण हो सकता है इसलिए स्पष्टतः यह बिल्कुल नहीं कहा जा सकता कि यह लक्षण कोरोनावायरस के ही हैं।


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जॉन एफ हार्नेस में नेत्र और दृश्य विज्ञान विभाग के मुताबिक कॉर्निया और कंजेक्टिवा को रिसेप्टर्स के रूप में जाना जाता है, जो कि कोरोनावायरस के रिसेप्टर्स होते हैं, लेकिन इनके द्वारा जो भी अध्ययन किए गए उनमें यह पाया गया है कि कोरोनावायरस ने कॉर्निया में अपना कोई भी प्रतिकृति नहीं बनाई है अर्थात उसकी बढ़त नहीं हुई है।


शोध का है शुरुआती स्तर


इस शोध में हुए अध्ययन से कॉर्निया में पाए जाने वाले प्रमुख पदार्थों का भी अध्ययन किया गया। इसमें यह देखा गया कि ये वायरस के विकास को प्रभावित करते हैं या उसे बाधित करते हैं। अंत में निष्कर्ष में लेखकों द्वारा यह बताया गया कि अभी भी यह अध्ययन एक शुरुआती दौर में है। इसके लिए अभी आंखों के साथ-साथ कोरोना के ट्रांसमिशन से संभावित सभी जानकारियों को समझने की जरूरत है। जिसके लिए और ज्यादा क्लिनिकल स्टडी की आवश्यकता है और तभी इस शोध का निष्कर्ष स्पष्टतः बताया जा सकता है।


डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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