कोरोना महामारी के बीच देश का बजट पेश हो चुका है। इस बजट में कई उत्पादों पर कर घटाया/बढ़ाया गया है जिससे कई चीजें सस्ती तो वहीं कई चीजें महंगी हो गई है। देश में एलईडी लाइट्स अब 10 फ़ीसदी तक महंगी हो सकती है। क्योंकि सरकार ने कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी कर ली है जिससे यह चीजें 5 से 10% तक महंगी हो सकती है। घरेलू मैन्युफैक्चर्स ने इस बात की जानकारी दी, हालांकि उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर समाधान की मांग भी की। इलेक्ट्रिकल लैंप एंड कंपोनेंट मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (एल्कोमा) के अध्यक्ष सुमित जोशी ने कहा सरकार के एलइडी लाइट प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग के लिए इनपुट और कलपुर्जों पर शुल्क बढ़ाने के फैसले से स्थानीय रूप से निर्मित लाइट उत्पादों के लिए कम अवधि में मूल्य वृद्धि होगी। ऐसा इसलिए है कि भारत में स्थानीय फैक्टर्स की कमी के चलते करीब सभी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का आयात किया जाता है।
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महंगे होंगे स्थानीय प्रोडक्ट :
एलईडी लाइट बनाने में प्रयोग होने वाले ड्राइवर और एमसीपीसीबी सहित कंपोनेंट के आयात पर सीमा शुल्क में 5 से 10 फीसदी तक की वृद्धि से लोकल रूप में बने उत्पादों की कीमतें बढ़ जाएंगी। जिसका असर यह होगा कि लगभग सभी इलेक्ट्रॉनिक चीजें 10 फ़ीसदी तक महंगी हो सकती हैं।
हैवेल्स इंडिया के सीनियर उपाध्यक्ष और एसबीयू प्रमुख परार भटनागर ने कहा कि सरकार का यह फैसला उद्योग जगत को हैरान करने वाला है। यह कदम गलत दिशा में उठाया गया है क्योंकि शुल्क बढ़ोतरी से घरेलू विनिर्माण को किसी भी प्रकार की सहायता और प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। वे सरकार से तत्काल ही इस समस्या का समाधान करने की मांग करेंगे।