कुम्भ 2021

Blog Post Image

सनातन धर्म में साधु संतो के अखाड़े क्या हैं और कैसे आये यह चलन में


कुंभ की दिव्यता का दर्शन कराने में अखाड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। कुंभ और अखाड़ों को एक दूसरे का पर्याय भी माना जाता है। अखाड़े कुंभ को भव्यता के साथ -साथ संपूर्णता प्रदान करते हैं। व्यवहारिक रूप से कुंभ का शुभारंभ अखाड़ों के कुंभ नगर में प्रवेश करने के साथ ही माना जाता है। और पढ़ें

Blog Post Image

हरिद्वार कुम्भ 2021 में आज बैसाखी के दिन होगा तीसरा शाही स्नान


कुम्भ मेले में आज तीसरा शाही स्नान हो रहा है। 11 वर्षों बाद आया कुम्भ मेला वैसे तो हर 12 सालों में एक बार आता है परन्तु इस बार मेले का आयोजन 11 सालों के बाद ही आया है। जानते हैं की महायोग क्या है और इसका कुम्भ मेले के 11 सालों से क्या सम्बन्ध है, यह भी जानते हैं कि आज के स्नान का क्या समय सारिणी है और पढ़ें

Blog Post Image

कुम्भ 2021 अपडेट- आज 12 अप्रेल को है सोमवती अमावस्या का शाही स्नान


कुम्भ मेला मुख्य रूप से शाही स्नान के लिए ही जाना जाता है, मुख्यतः इस मेले में शाही स्नान का ही महत्व है। आज सोमवती अमावस्या है और इस अवसर पर साधुओं के द्वारा गंगा जी में लगायी गयी डुबकी का अलग ही फल मिलता है। साधू संतों के शाही स्नान के बाद आम लोग भी इस बेला पर स्नान का लाभ लेते हैं और पढ़ें

Blog Post Image

क्यों ख़ास है ब्रह्मचारियों का पंचाग्नि अखाडा और क्या हैं इसके नियम


कुंभ में अखाड़ों का विशेष महत्व रहता है। कुंभ के 14 अखाड़े अपने महामंडलेश्वरओं की अगुवाई में शाही स्नान का कार्य संपन्न करते हैं। हर अखाड़ा अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हुए कुंभ के शाही स्नान में शामिल होता है। कुंभ के इन 14 अखाड़ों में से एक है अग्नि अखाड़ा। और पढ़ें