एक न्यूज़ वेबसाइट WION के मुताबिक, 56 वर्षीय आशीष लता रामगोविन पर उद्योगपति एस.आर. महाराज के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है। एस.आर. महाराज ने उन्हें भारत में मौजूद एक कंसाइनमेंट के लिए आयात और सीमा शुल्क के तौर पर 6.2 मिलीयन रैंड एडवांस्ड में दिए थे। आशीष लता रामगोविन पर उस मुनाफे में हिस्सेदारी देने की बात कही थी। आशीष लता रामगोविन जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोविन की पुत्री हैं जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी जी द्वारा स्थापित फिनिक्स सेटलमेंट को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
लता ने निवेशकों से इस तरह की थी जालसाजी
राष्ट्रीय अभियोजन प्राधिकरण(NPA) के ब्रिगेडियर हंगवानी मुलोदजी ने साल 2015 में लता राम गोविन के खिलाफ मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि आशीष लता रामगोविंद ने संभावित निवेशकों को कथित रूप से जाली चालान और कुछ डॉक्यूमेंट दिए थे जिसके जरिए वह निवेशकों को बता रही थी कि लिनन के तीन कंटेनर भारत से भेजे जा रहे हैं।
नताशा कारा, जोकि एनपीए की प्रवक्ता है; उन्होंने बताया कि लता रामगोविन ने कहा था कि उन्हें आयात और सीमा शुल्क का भुगतान करने के लिए फाइनेंशियल संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। उन्हें पोर्ट पर सामान खाली करने के लिए पैसे की आवश्यकता थी इसके बाद उन्होंने लता रामगोविन ने उद्योगपति एसआर महाराज से कहा कि उन्हें 6.2 मिलियन रैंड की आवश्यकता है उन्हें इस बात को समझाने के लिए इससे संबंधित डॉक्यूमेंट भी थे जो कि उन्होंने उद्योगपति महाराज को दिखाए। इसके एक महीने बाद फिर से लता रामगोविन ने एसआर महाराज को एक और डॉक्यूमेंट भेजा, जो नेटकेयर चालान था जिससे यह पता चलता था कि माल डिलीवर हो गया है और उसका भुगतान नहीं किया गया।
फर्जीवाड़ा के बाद आपराधिक मामला दर्ज
नेटकेयर के दस्तावेज के कारण महाराज ने कर्ज के लिए उनसे लिखित समझौता कर लिया लेकिन बाद में जब फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ तो उन्होंने लता रामगोविन के खिलाफ धोखाधड़ी का आपराधिक मामला दर्ज कर लिया।
हुए 7 साल की सजा
मामला दर्ज होने पर उनके खिलाफ दक्षिण अफ्रीका के डरबन में एक कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने माना कि आशीष लता रामगोविंद ने उद्योगपति एसआर महाराज से धोखाधड़ी और जालसाजी करके करीब 6.2 मिलियन रैंड यानी कि करीब 3.22 करोड़ रुपए की ठगी की। इस जुर्म में उनकी भूमिका पाने के बाद कोर्ट ने आशीष लता रामगोविन को 7 साल के कारावास की सजा सुनाई।
कौन है आशीष लता रामगोविन
आशीष लता रामगोविंद जो कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परपोती हैं। लता मशहूर एक्टिविस्ट इला गांधी और दिवंगत मेवा रामगोविंद की बेटी हैं जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में अपने कार्यकाल के दौरान महात्मा गांधी जी द्वारा स्थापित फिनिक्स सेटेलमेंट को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।