Indian Tourism
स्टोरीज

मन में नई उमंग भरता भारतीय पर्यटन | Indian Tourism

पर्यटन दिवस, नाम से ही प्रसिद्ध पर्यटन को सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से मजबूत बनाने के लिए किया जाने वाला एक प्रयास है। यह प्रयास किसी एक देश द्वारा नहीं बल्कि पूरे विश्व के द्वारा किया जाता है। इसी के आधार पर पूरे विश्व की संस्कृति और समाज को एक दूसरे लोगों द्वारा समझा जाता है, परखा जाता है और उसे सीखने का प्रयास किया जाता है। Indian Tourism

विश्व पर्यटन दिवस मनाने का उद्देश्य मात्र यही नहीं है कि इसे पर्यटन दिवस के रूप में लेकर पर्यटन का विकास किया जाए बल्कि इसके द्वारा विश्व के सामाजिक सांस्कृतिक राजनीतिक मूल्यों के प्रति संभ्रांत जनता को जागरूक किया जाना चाहिए। एक यही कारण है कि विश्व में पर्यटन दिवस जैसा दिन हर साल मनाया जाता है। हर साल 27 सितंबर का दिन पर्यटन दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस भारत ही नहीं बल्कि विश्व स्तर पर पर्यटन को समृद्ध करने के लिए मनाया जाता है।

भारत पहले से ही अपनी अद्वितीय प्रकृति, अपने भौगोलिक सौंदर्य और ऐतिहासिक स्थलों के लिए पूरे विश्व भर में प्रसिद्ध है। इन्हीं कारणों से भारत एक पर्यटन देश के रूप में भी काफी तरक्की कर चुका है। हर राज्य की अलग-अलग विलक्षणता है, अपना अपना सौंदर्य है और पर्यटकों के लिए अपना आकर्षण है। पर्यटक हमेशा से ही रोमांच, ऐतिहासिक भवनों, सौंदर्य और शांत माहौल के प्रेमी रहे हैं। इसी वजह से भारत को उन्हें पर्यटन अधिक आकर्षित कर जाता है परंतु भारत में पर्यटन की स्थिति में सुधार ना के बराबर है। आज भी पर्यटक देश माने जाने वाले भारत में पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार ना किया जाना, दूसरे देश के लोगों को अलग समझना और अन्य कारण पर्यटन की इस दुर्दशा के लिए शामिल हैं। Indian Tourism

इस दुर्दशा से छुटकारा पाने के लिए भारत के पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में एक नया अभियान शुरू किया। इस अभियान को 'अतुल्य भारत' नाम दिया गया। इसका उद्देश्य भारत में पर्यटन को बढ़ावा देना तथा इसे वैश्विक मंच पर अधिक प्रोत्साहन देना था। इसने हिमालय, कश्मीर, आयुर्वेद, योग, वन्यजीवों आदि की ओर ध्यान को आकर्षित किया गया। जिससे भारत देश में पर्यटन की नई-नई संभावनाएं विकसित हुई और भारत के विलक्षण इतिहास, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक परंपरा तथा ऐतिहासिक स्थल और आध्यात्मिक शांति से सारे पर्यटक परिचित हुए हैं। एक यही कारण है कि भारत आज विश्व के सिर्फ पर्यटक स्थलों में से पांचवें स्थान पर अपनी जगह कायम किए हुए है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विश्व पर्यटन संगठन और वर्ल्ड टूरिज्म एंड ट्रैवल काउंसिल तथा पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी संगठनों ने सबसे ज्यादा तेजी से विकसित होने वाले पर्यटन की श्रेणी में भारत को सबसे उच्च स्थान दिया है। 


इसे भी पढ़ें : उसके पंखों की उड़ान


भारत ने पर्यटकों को आकर्षित करने का जो तरीका अपनाया है उसमें यात्रा साहित्य की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका रही है यात्रा। साहित्य में जैसे राहुल सांकृत्यायन की मेरी तिब्बत यात्रा, कपूरचंद कुशल का मैं देखता चला गया, धर्मवीर भारती का ठेले पर हिमालय आदि यात्रा वृतांत और संस्मरण लोगों की भावनाओं को जागृत कर और उन में रोचकता का संचार कर उन्हें भारत घूमने पर मजबूर कर देते हैं।

भारतीय पर्यटन एक फूलदान में सजे फूलों के गुलदस्ते के समान है जिसमें अलग-अलग रंग के फूल सजते हैं। वैसे ही भारत में अलग-अलग क्षेत्र अलग-अलग भाषा जैसी अनेकताओं के साथ विविध रंगी लोग बसते हैं। कोई कश्मीर से होता है, तो कोई पंजाब जैसे राज्य से, कोई मध्य प्रदेश, तो कोई श्याम रंग में रंगी कान्हा की भूमि मथुरा से। इन राज्यों के विभिन्न सरकारें पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है तथा इसके लिए अनेक योजनाएं भी बनाती रहती है। 'पैलेस ऑन व्हील' ऐसी ही एक योजना है जिसे सरकार द्वारा बनाया गया है। Indian Tourism

एक रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश में पिछले साल 6.5 मिलियन पर्यटक पहुंचे थे। यह आंकड़ा राज्य की आबादी के बराबर बैठता है। इन पर्यटकों में से 2.04 लाख पर्यटक ऐसे थे जो कि विदेशी थे और इन आंकड़ों को देखते हुए यह लगता है कि पर्यटन की दृष्टि से सफल प्रयास हो रहे हैं तथा यह तेजी से विकसित हो रहा है। 2004 में पर्यटन से लगभग 21,000 करोड रुपए से भी ज्यादा की कमाई हुई है। अब देश की कुल श्रमशक्ति में 6% लोग पर्यटन में कार्य करते हैं और इस उद्योग के कारण ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी रोजगार बखूबी मिल रहे हैं।

अब हम यह कह सकते हैं कि भारत की समग्र विभिन्नता, नवीनता, बहुरूपी समाज, बहुआयामी संस्कृति का वास्तविक स्वरूप देखने का यह सबसे अच्छा तरीका है। इसके कारण ही भारत का पर्यटन दुनिया के सभी देशों से भिन्न है और उसे अद्वितीय बनाता है।


Trending Products (ट्रेंडिंग प्रोडक्ट्स)