Mumbai Bomb Blast 12 March,1993
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12 March 1993 - जब बम धमाकों से दहल उठा था पूरा देश

12 मार्च, जब भी साल का यह दिन आता है तो एक बुरे सपने की याद ताजा हो जाती है, वह सपना जिसमें कई बेगुनाह लोगों ने अपनी जान गवाई। यह महज एक सपना नहीं बल्कि हकीकत की दास्तां है जिसमें सैकड़ों निर्दोषों को अपनों से दूर होना पड़ा। 12 मार्च 1993 का दिन, हमेशा की तरह कभी ना सोने वाला और कभी ना रुकने वाला शहर इस दिन 2 घंटे के लिए ऐसा बंधक बनेगा, जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।12 मार्च 1993 के दिन मुंबई शहर में सिलसिलेवार तरीके से एक के बाद एक लगातार 12 अलग-अलग स्थानों पर 12 बम धमाके हुए, जिसमें लगभग 257 लोगों की जान चली गई। 


दहशत के वह दो घंटे (Mumbai Bomb Blast 1993)


दौड़ते-भागते भारत के सबसे बड़े शहर व देश की आर्थिक राजधानी मुंबई दो घंटे से ज्यादा दहशत में रही। इन दो घंटों में व्यस्त मुंबई शहर अपनों को तलाशती रही। चारों ओर हाहाकार, चीख-पुकार और भगदड़ मची हुई थी। इस अटैक को सबसे ज्यादा ऑर्गनाइज्ड टेरर अटैक माना जाता है, जिसमें एक के बाद एक सिसिलेवार तरीके से 12 अलग-अलग स्थानों पर 12 बॉम्ब धमाके हुए।


1:30 बजे पहला धमाका


इस घटना में भीड़-भाड़ वाले इलाकों को ज्यादा निशाना बनाया गया, जिससे अधिक से अधिक जनहानि हो सके। 1:30 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में पहला ब्लास्ट हुआ, जिसमें 84 लोगों की जान चली गई। इसके बाद कालबादेवी में ठीक 2:15 मिनट पर दूसरा ब्लास्ट हुआ, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई। 2:30 बजे शिवसेना भवन में तीसरा ब्लास्ट, जहां चार लोगों की मौत हो गई। 2:33 पर एयर इंडिया बिल्डिंग नरीमन प्वाइंट पर चौथा धमाका हुआ जिसमें 20 लोग मारे गए। पांचवा ब्लास्ट 2:45 मिनट पर फिशरमैन कॉलोनी महिम में हुआ, जहां 3 लोगों की मौत हो गई।


छठा ब्लास्ट 245 वर्ली सेंचरी बाजार में हुआ, यहां ज्यादा भीड़-भाड़ होने के चलते सबसे ज्यादा 113 लोगों की मौत हो गई। सातवा ब्लास्ट 3 बजे जवेरी बाजार में हुआ जहां 17 लोगों की मौत हो गई। 3:10 पर आठवां ब्लास्ट हुआ, जहां कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ। नौवा ब्लास्ट 3:10 पर ही सिनेमा दादर में हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। दसवां ब्लास्ट होटल जूहू सेंटर में 3:20 पर हुआ जिसमें 3 लोग घायल हुए। इसके बाद एयरपोर्ट पर 3:30 बजे 11 ब्लास्ट हुआ, जिसमें कोई भी हताहत नहीं हुआ। बारवा व आखरी ब्लास्ट 3:40 पर होटल एयरपोर्ट सेंटर में हुआ, जिसमें 2 लोगों की जान चली गई।


एक के बाद एक लगातार 12 अलग-अलग स्थानों पर बम धमाकों से लगभग 257 बेगुनाह लोगों की मौत हो गई तो वही 1400 लोग घायल हुए। इतने बम धमाकों से पूरे मुंबई के साथ ही देश भर में हाहाकार मच गया।


पुलिस ट्रायल केस (Mumbai Bomb Blast Case)


इतनी बड़ी तादाद में हुए बम ब्लास्ट और सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो जाने के बाद राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक की पुलिस और जांच एजेंसियां हरकत में आई। 4 नवंबर 1993 को पुलिस ने 189 लोगों के खिलाफ 10,000 पन्नों की प्राथमिक चार्जशीट दायर की। 19 नवंबर 1993 को यह केस महाराष्ट्र पुलिस से सीबीआई को ट्रांसफर किया गया। अप्रैल 1995 को मुंबई की टाडा कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू हुई। अगले दो महीनों तक आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए गए।  लगभग 11 साल की लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाना शुरू किया। 5 सितंबर 2006 को मामले में 123 अभियुक्त थे, जिनमें से 12 दोषियों को निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई, 20 लोगों को जहां उम्र कैद की सजा तो वही 68 लोगों को उससे कम की सजा सुनाई गई। 30 अभियुक्तों को मामले में निर्दोष पाया गया, जिन्हें बाइज्जत बरी किया गया। इसी फैसले में मुंबई अदालत ने मेमन परिवार के चार सदस्यों को दोषी पाया। धमाकों के दोषी टाइगर मेमन के भाई याकूब मेमन को इसी फैसले में सजा सुनाई गई। जिसे 30 जुलाई 2015 को महाराष्ट्र के यरवदा जेल में फांसी दी गई।


संजय दत्त को हुई सजा (Sanjay Dutt and Mumbai Blast)


बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त को मुंबई बम ब्लास्ट के दौरान अवैध रूप से हथियार रखने के तहत सजा सुनाई गई। कोर्ट में संजय दत्त ने कहा कि उन्होंने हिंदू-मुस्लिम दंगों के चलते हथियार लिए थे, जिसमें कि उन्हें मुंबई शहर में हुए बम ब्लास्ट के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उस दौर में बाबरी विध्वंस के चलते देश में हिंदू-मुस्लिम दंगे बड़े पैमाने पर चल रहे थे।


बाबरी मस्जिद और मुंबई बम धमाका‌ (Babri Masjid and Mumbai Blast)


6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहा दिया गया था, जिसके बाद मुंबई के साथ ही देश भर में हिंदू-मुस्लिम दंगे भड़क गए। बाबरी मस्ज़िद ढहाए के बाद दाऊद इब्राहिम, टाइगर मेमन, मोहम्मद दोसा और मुस्तफा दोसा ने बाबरी मस्जिद ढहाए जाने का बदला लेने की ठान ली। इस बदले के लिए उन्होंने 1993 में मुंबई शहर में 12 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए, जिसमें लगभग 257 लोगों की मौत हो गई। इतने बड़े पैमाने पर हुए इस हमले से मुंबई शहर के साथ ही पूरा देश दहल उठा।

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