आजकल कोरोनावायरस महामारी की वजह से संक्रमण से बचने के लिए अधिकतर लोगों द्वारा डिजिटल पेमेंट का ऑप्शन सुना जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा भी डिजिटलीकरण अभियान के तहत पिछले कुछ समय से डिजिटल लेनदेन पर जोर दिया गया है। जिसकी वजह से आज भारत के अधिकतर लोग डिजिटल पेमेंट का सहारा लेते हैं।
इन तमाम चीजों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ऑनलाइन लेन-देन की सुविधा को और अधिक सरल बनाने का निर्णय लिया गया है। दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार 14 दिसंबर से आरटीजीएस की सुविधा को सातों दिन तथा 24 घंटे उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। इसका अर्थ यह हुआ कि कोई भी ग्राहक किसी भी वक्त आरटीजीएस के जरिए अपने फंड को ट्रांसफर कर सकता है तथा इंटरनेट मोबाइल बैंकिंग सेवा ले रहे ग्राहकों को 24 घंटे यह सुविधा मिलेगी।
आरटीजीएस सुविधा क्या है (What is RTGS Service)
आरटीजीएस डिजिटल फंड ट्रांसफर करने का एक अच्छा तरीका है। इसमें आरटीजीएस का मतलब होता है रियल टाइम ग्रॉस सेटेलमेंट ,जिसमें 'रियल टाइम' का अर्थ 'तुरंत' से है। अर्थात् जैसे ही कोई ग्राहक पैसा ट्रांसफर करते हैं, तो कुछ ही देर में वो पैसे दूसरे खाते में पहुंच जाते हैं। इसके माध्यम से बेहद ही कम समय में लेनदेन तथा बडे फंड ट्रांसफर कर दिए जाते हैं।
फंड ट्रांसफर के लिए नहीं देना होगा शुल्क (No Fee Needed for Fund Transfer)
आरटीजीएस सर्विस किसी बड़े ट्रांजैक्शन में फंड ट्रांसफर के काम का कार्य करती है। इस सर्विस के जरिए न्यूनतम ₹2 लाख ट्रांसफर किए जा सकते हैं। इसकी अधिकतम सीमा ₹10 लाख निर्धारित की गई है। इसे ऑनलाइन तथा बैंक ब्रांच द्वारा दोनों तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है। आरबीआई द्वारा आरटीजीएस के जरिए 2 लाख से 5 लाख तक के पैसे ट्रांसफर करने के लिए अधिकतम शुल्क 24.5 रुपये तथा 5 लाख से अधिक फंड ट्रांसफर करने का अधिकतम शुल्क 49.5 रूपये है। इसके साथ-साथ इसमें जीएसटी देनी भी अनिवार्य होती है।
जबकि एसबीआई ऐसे देश के बड़े बैंक की बात की जाए तो इसमें आरटीजीएस के लिए किसी भी प्रकार का शुल्क देय नहीं है। इन सबके अलावा एक बैंक से दूसरे बैंक के अकाउंट में फंड ट्रांसफर करने के लिए कई सारे ऑप्शन होते हैं। इसमें सबसे अधिक आरटीजीएस, एनईएफटी, और आइएमपीएस का प्रयोग किया जाता है। पहले ही दिसम्बर में NEFT यानी कि नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर को भी 24 घंटे की सुविधा बना दिया गया था।
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इस समय यह है आरटीजीएस की टाइमिंग (What is Current RTGS Timing)
अभी के समय में ग्राहकों के लिए आरटीजीएस सर्विस की सुविधा सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक ही उपलब्ध है। दूसरे और चौथे शनिवार को बैंक का अवकाश होता है तथा यह सुविधा इन दिनों बंद रहती है। इसके साथ-साथ रविवार को भी यह बंद ही रहती है। मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसलों की घोषणा के समय आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने ग्राहकों को इस समय में बदलाव करके बड़ा तोहफा दिया है।
लेनदेन की यह सबसे तेज सर्विस (RTGS Service is Fast for Transactions)
दरअसल आरटीजीएस का आरंभ 26 मार्च 2004 को हुआ था। उस समय इस सर्विस से केवल 4 बैंक ही जुड़े थे, परंतु अब देश के लगभग 237 बैंक इस सर्विस के माध्यम से 4.17 लाख करोड़ रुपए के लेनदेन को हर दिन पूर्ण करते हैं।गौरतलब है कि नवंबर माह में आरटीजीएस में औसत 57.96 लाख रुपए का फंड ट्रांसफर हुआ था। अतः सरकार की यह प्रणाली सबसे तेज लेनदेन का लाभ ग्राहकों को देती है।