यूपीएससी संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अखिल भारतीय सेवाओं की परीक्षा आयोजित कराई जाती है।
भारत में अधिकांश युवक-युवतियों का सपना होता है कि वह सिविल सर्विसेज में जाएं ।
जैसा कि आप जानते हैं कि भारत में सिविल सेवा परीक्षा चुनौती से भरी होती है। और इन चुनौतियों में सफल हुए व्यक्तियों को अच्छे पैसों के साथ नाम व प्रतिष्ठा व सम्मान प्राप्त होता है।
आए दिन हम देखते हैं कि यूपीएससी की परीक्षा में ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम के बच्चे सफल हो पाते हैं वही हिंदी माध्यम के परीक्षार्थियों को यह ज्यादा चुनौती भरा लगता है।
आज हम करेंगे ऐसी लड़की जिन्होंने हिंदी माध्यम मैं अथक प्रयासों से ऑल इंडिया रैंक 274 हासिल की है इनका नाम है रिचा रत्नम इनका एजुकेशनल बैकग्राउंड इंजीनियर है इन्होंने अपने पांचवें अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल की । इन्होंने हिंदी माध्यम को यूपीएससी की परीक्षा के लिए चुना !
आइए जानते हैं रिचा रत्नम की यूपीएससी के प्रारंभिक , मुख्य परीक्षा व इंटरव्यू सेस्ट्रेटजी
रिचा रत्नम जी बताती हैं की हिंदी माध्यम के विद्यार्थियों के लिए यूपीएससी की परीक्षा देना चुनौती भरा होता है ,क्योंकि हिंदी माध्यम में सिलेबस से संबंधित कंटेंट अच्छा नहीं मिल पाता है । प्रारंभिक परीक्षा के सी सेट में हिंदी माध्यम के विद्यार्थी अक्सर घबरा जाते हैं कि सीसैट उनसे नहीं हो पाएगा, रिचा रत्नम जी CSAT के लिए बताती हैं कि उन्होंने प्रारंभिक परीक्षा से 3 महीने पहले रोज 2 घंटे एप्टिट्यूड, रिजनिंग, कंप्रीहेंशन से संबंधित प्रश्नों को हल किया ,जिससे उन्हें प्रारंभिक परीक्षा में सीसैट में मुश्किल नजर नहीं आई।
वहीं वह आगे बताती हैं कि प्रारंभिक परीक्षा के GS पोर्सन के लिए उन्होंने राजनीति विज्ञान के लिए लक्ष्मीकांत ,हिस्ट्री के लिए विपिन चंद्र ,व एनसीईआरटी 6 से लेकर 12 तक की पुस्तकें पढ़ती रही ।वहीं करंट अफेयर्स के लिए उन्होंने द हिंदू (the hindu) न्यूज़पेपर को पढ़ा !
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साथ ही साथ वह बताती है कि उन्होंने विभिन्न कोचिंग संस्थानों की टेस्ट सीरीज भी लगाई, जिसमें लगभग 20,000 से 30,000 तक के प्रश्न रहे होंगे ।उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों को करने से हमें यह पता चल जाता है, कि हमारी तैयारी कैसी चल रही है, और हमारे अंदर क्या-क्या कमियां हैं , फिर वह बताती है कि प्रारंभिक परीक्षा के 45 दिन पहले से वह हर रोज एक एग्जाम पेपर को पूरा करती थी ।
जिस दिन उनका प्रारंभिक परीक्षा का पेपर था तो वह बताती हैं कि मैंने जब पेपर देखा तो उस पर 40 प्रश्न ऐसे थे जिसमें 100% मुझे पता था कि यह प्रश्न मेरे सही है, बाकी 60 प्रश्न में मैंने अंदाजा लगाया क्योंकि 2019 का प्रारंभिक परीक्षा काफी कठिन थी और मैंने जो टेस्ट सीरीज लगाई थी उन टेस्ट सीरीज से मुझे प्रारंभिक परीक्षा में इन प्रश्नों को हल करने में मदद मिली।
60 प्रश्नों में से 40 प्रश्न तक अंदाजे से टिक कर पाई आगे वह यह भी बताते हैं कि, जिन प्रश्नों के बारे में आपको बिल्कुल भी नही पता उन्हें छुए भी नहीं। उन्होंने 20 प्रश्न नहीं छुए थे।
मुख्य परीक्षा के बारे में रिचा रत्नम जी की सलाह
रिचा रत्नम जी आगे बताती हैं कि हिंदी माध्यम में मुख्य परीक्षा चुनौतियों से भरी होती है, क्योंकि मेंस में आंसर राइटिंग करनी पड़ती है।
Richa Ratnam UPSC आंसर राइटिंग को दो भागों में विभक्त किया- पहला जनरल स्टडी और दूसरा ऑप्शनल (वैकल्पिक )
वह बताती है कि जनरल स्टडी के लिए मैंने बहुत सारे नोट्स बनाएं अंग्रेजी में कंटेंट पड़ा छोटे-छोटे टॉपिक को तोड़ा, और उनके भी नोट्स बनाएं रोज रिवीजन किया।
वह बताती है कि 2017 में जब उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा दी थी तो उन्हें लगा कि मेरी आंसर राइटिंग इतनी अच्छी नहीं है तो उन्होंने 1 साल ड्रॉप किया
उसके बाद उन्होंने गाइडेंस प्रोग्राम ज्वाइन किया जिसने उन्हें उनके आयुष सर ने उन्हें अच्छे से गाइड किया।
उनके गाइड ने उन्हें आंसर राइटिंग व एस्से राइटिंग के बारे में बताया कि -जब तुम निबंध लिखते हो तो उसका इंट्रोडक्शन , बॉडी व अंत में निष्कर्ष के साथ कोटेशन से अनंत करें ।
फिर वह बताती है जो प्रश्न उन्हें करंट अफेयर्स से संबंधित लगे उनमें उन्होंने अपने उत्तर में तथ्यों को डाला और इन तथ्यों को उन्होंने न्यूज़ पेपर से पढ़ कर के वह कोचिंग संस्थानों की मासिक पत्रिका से पढ़कर तैयार किए थे।
वह आपने ऑप्शनल पेपर के बारे में बताती हैं कि उन्होंने वैकल्पिक विषय में इतिहास लिया था ।
क्योंकि उन्हें इतिहास में पहले से रुचि भी थी ,और इतिहास उन्होंने इसलिए भी लिया था क्योंकि इतिहास से निबंध व जीएस में भी प्रश्न आते हैं ,
भले ही इतिहास का सिलेबस बहुत व्यापक है परंतु इतिहास का कंटेंट हिंदी में बहुत ज्यादा मिल जाता है। इसलिए ऑप्शनल विषय है वही चुने जिसमें आपका अच्छा खासा इंटरेस्ट हो।
इंटरव्यू के बारे में रिचा रत्नम जी की स्ट्रेटजी
उनका कहना था कि उन्होंने इंटरव्यू की तैयारी बहुत सारे मॉक इंटरव्यू देकर की थी ,क्योंकि इन इंटरव्यूज को देखकर जो वीडियोस वह आपको देते हैं उन वीडियो के माध्यम से आप अपनी पर्सनैलिटी को देख पाते हो ,और यह भी विश्लेषण कर पाते हो कि आप किन चीजों में सही नहीं हो, आपको अपने में किन -किन चीजों में सुधार लाना है ,व किन पक्षों में आप बहुत अच्छे से जवाब दे पा रहे हो, यह सब आप अपनी वीडियो स्वयं से देखकर पता लगा सकते हो, इसलिए रिचा रत्नम जी बताते हैं कि उन्होंने अपने साक्षात्कार से पहले बहुत सारे मॉक टेस्ट दिए।
पांच गलतियां आप बिल्कुल भी ना करें
रिचा रत्नम जी यह बताती हैं कि उन्हें सिविल सेवा परीक्षा में पांचवें अटेम्प्ट के बाद ही सफलता मिली है जो गलतियां उन्होंने इससे पहले की है वह गलतियां आपसे ना हो इसलिए वह कहती है कि-
- यूपीएससी का एग्जाम तभी दें जब आप एग्जाम के लिए एकदम रेडी रहो बिना तैयारी के एग्जाम ना दे।
- रिचा रत्नम जी बताती हैं कि वह घर पर ही पड़ा करती थी ,वह कोचिंग सेंटर में जाकर मॉक टेस्ट नहीं देती थी, इस वजह से वह अपने चार अटेम्प्ट में असफल रही ,और जब उन्होंने कोचिंग सेंटर में जाकर अपने मॉक टेस्ट दिए तो अपने पांचवें अटेम्प्ट में सफल रही।
- आगे वह बताती हैं कि बहुत सारे रिसोर्सेज से पढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है एक ही संसाधन को अपने पास रखें और उसी को अच्छे से पढ़े।
- यूपीएससी में गाइडेंस की बहुत आवश्यकता है कृपया किसी अच्छे व्यक्ति से गाइडेंस लें या फिर गाइडेंस प्रोग्राम को ज्वाइन कीजिएगा ।
- हिंदी माध्यम के परीक्षार्थियों के लिए उन्होंने बताया कि आंसर राइटिंग को डिटेल्स में नोट्स बनाएं वह लगातार प्रैक्टिस करें तथा अंग्रेजी कंटेंट को भी पढ़ें ।
यह रिचा रत्नम जी की स्ट्रैटेजी रही है जो कि उन्होंने हिंदी माध्यम के अभ्यर्थियों के लिए बताई है और साथ में बताया है कि अपने आप को रोज मोटिवेट करते रहे मेहनत आपको 1 दिन सफलता जरूर प्रदान करती है।