आप सभी जानते होंगे कि कोरोना जैसी भयंकर महामारी की वजह से देश के सभी शिक्षण संस्थान बंद कर दिए गए थे। कोरोना ने जैसे-जैसे देश में अपने पांव पसारे तो इन शिक्षण संस्थानों के खुलने का समय भी लगातार बढ़ता रहा और इनके खुलने के फैसले पर विराम लगता रहा। अनलॉक 5 के दौरान केंद्र सरकार ने स्कूलों एवं कॉलेजों को खोलने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार को दे दी। राज्य सरकार अपने विवेक से स्कूलों को खोलने की तिथि तय कर सकती है इसीलिए कुछ राज्यों की सरकारों ने स्कूल खोले और कुछ नहीं, पर धीरे-धीरे कोरोना महामारी का संकट गहराता गया और अभी तक भी कई राज्यों के स्कूलों को नहीं खोला गया है। अब मध्य प्रदेश राज्य सरकार द्वारा यह घोषणा की गई है कि राज्य में स्कूल 31 मार्च तक बंद रहेंगे।
दरअसल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 5 दिसंबर को स्कूली शिक्षा विभाग की एक समीक्षा बैठक ली, जिसमें उनके द्वारा यह निर्णय लिया गया कि कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश में 1 से लेकर 8 तक की कक्षाएं नए सेशन में फिर से चलेंगी। यह नया सत्र 1 अप्रैल 2021 से शुरू होगा। सरकार द्वारा क्या घोषणा की गई कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों का मूल्यांकन प्रोजेक्ट या फिर असाइनमेंट के आधार पर होगा। 10वीं तथा 12वीं की कक्षाएं जल्दी से जल्दी प्रारंभ की जाएंगी। 9वीं एवं 11वीं कक्षाओं के बच्चों को हफ्ते में केवल 1 या 2 दिन ही विद्यालय में बुलाया जाएगा तथा इस दौरान पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सभी सावधानियों का पूर्ण रूप से पालन होगा।
इसे भी पढ़ें : जानिये किन किन पदों के लिए निकली हैं SBI में रिक्तियां
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करवाई जाएगी। इसके लिए उनकी जरूरी कक्षाएं चलाई जाएंगी तथा स्कूल आधारित नियमों का पालन अनिवार्य होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मध्य प्रदेश राज्य में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए विद्यालय खोले जा रहे हैं, जो आंशिक रूप से खुलने वाले हैं। राज्य में विद्यालयों की कुल संख्या 1.5 लाख है, जो कि सरकारी और प्राइवेट दोनों तरह के विद्यालय हैं।
मुख्यमंत्री द्वारा यह भी कहा गया कि राज्य की स्कूली शिक्षा में एक मौलिक परिवर्तन लाना अत्यंत आवश्यक हो गया है। इससे यहां की शिक्षा उत्तम होगी और हर सरकारी स्कूल श्रेष्ठ बनेगा। इसके लिए मार्गदर्शन की अति आवश्यकता है। यह मार्गदर्शन शिक्षाविदों की एक समिति द्वारा किया जाएगा तथा राज्य में एक ऐसी शिक्षा पद्धति लागू होगी, जिससे विद्यार्थियों के ज्ञान और कौशल में वृद्धि हो तथा वे संस्कारवान और अच्छे नागरिक बन सकें। इसके लिए उनकी नैतिक शिक्षा पर प्रमुख रूप से बल दिया जाएगा। इसके अलावा मुख्यमंत्री द्वारा बच्चों के स्कूल ड्रेस तैयार करने की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह को दी गई है।
मुख्यमंत्री द्वारा विभिन्न निर्देशों का सख्ती से पालन करने के लिए कहा गया है। इनमें सबसे प्रमुख है कि कोरोनावायरस चलते जितने भी वक्त विद्यालय बंद रहे हैं, उस समय की ट्यूशन फीस को छोड़कर विद्यालय द्वारा और कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा।
इस तरह से केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को स्कूल खोलने का निर्णय सौंपने के बाद विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कोरोना के कारण विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को देखते हुए विभिन्न निर्णय लिए जा रहे हैं।