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टेक ज्ञान

सूअर पर ब्रेन डाटा जुटाने वाले चिप | Neuralink Chip Brain Implant Work

याददाश्त बढ़ाने, ब्रेन स्ट्रोक या दूसरी न्यूरोलॉजिकल बीमारियों से ग्रसित हो या मेमोरी लॉस, सुनने की क्षमता खोना, अवसाद और अनिद्रा जैसी समस्याओं के हल के लिए "एलन मस्क" द्वारा एक खास ब्रेन चिप का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया।


आज विज्ञान ने अभूतपूर्व सफलता हासिल कर ली है। अंतरिक्ष से लेकर समुद्र तक तथा जीव से लेकर मनुष्य के शरीर तक का, लगभग सभी जानकारियां व प्रयोग हासिल कर लिए हैं। नई नई खोज करके इंसानी जीवन को सरल व सुखद बना लिया है। इसी कड़ी में मशहूर कंपनी एलन मस्क ने दिमाग पढ़ने वाली चिप का सूअर पर सफलतापूर्वक प्रयोग कर लिया है। Neuralink Chip Brain Implant Work इस सिक्के जैसे आकार के चिप को "गेर्टर्ड" नाम दिया गया, जिसे सूअर के सिर पर फिट करके दिमाग की हरकतों को कंप्यूटर की स्क्रीन पर देखा गया। 


टेस्ला के चीफ एग्जीक्यूटिव और स्पेस-एक्स के फाउंडर एलन मस्क द्वारा लाइव स्ट्रीम के जरिए इसे दिखाया गया। जैसे ही चिप लगे सूअर ने सिर हिलाया और खाना चबाना शुरु किया वैसे ही दिमाग की हरकतें पास लगे कंप्यूटर स्क्रीन पर नजर आने लगी। यह चिप दिमाग को कंप्यूटर से जोड़ने का काम करेगा।


इसी साल जुलाई में न्यूरोलिंक ने कहा कि वह एक खास ब्रेन चिप पर काम कर रही है जो कि आने वाले समय में हेडफोन को पूरी तरीके से खत्म कर देगी। इसके जरिए इंसान के दिमाग में सीधे ही चिप इम्प्लॉट की जा सकेगी और फिर वह बिना हेडफोंस के भी संगीत सुन सकेगा। यह चिप रिमूवेबल पॉड से जुड़ी होगी, जिन्हें कान के पीछे लगाया जाएगा और वह वायरलेस कनेक्टिविटी के माध्यम से दूसरे डिवाइस से कनेक्ट होगी। 


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यादाश्त बढ़ा सकेंगे:

ब्रेन स्ट्रोक, याददाश्त बढ़ाने या दूसरे न्यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके अलावा लकवाग्रस्त मरीजों के लिए तथा डिप्रेशन जैसी बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकेगा। एलन का कहना है कि हम मरीज के दिमाग को पढ़कर डाटा जुटा सकेंगे। यह स्पाइनल कार्ड में चोट लगने की वजह से शरीर के अंग ना हिला पाने वाले मरीजों के लिए भी मददगार साबित होगा।


यह चिप कैसी है और इसे कैसे फिट किया जाएगा :

बेहद पतली चिप, जिसमें 1000 तार है। इसमें लगे तार चौड़ाई में इंसान के बाल के दसवें हिस्से के बराबर हैं। इसके निर्माण में 2 वर्ष से अधिक का समय लगा।

डिवाइस को रोबोट के जरिए दिमाग में इंस्टॉल किया जाएगा। इंसान के सिर में 2 मिली मीटर का छेद करके इस चिप को लगाया जाएगा

तार या थ्रेडस के‌ इलेक्ट्रोड्स न्यूरल स्पाइक्स को मॉनिटर कर सकेंगे।

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