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हेनरी फोर्ड: संघर्ष से सफलता तक की कहानी | Success Story of Henry Ford

हेनरी फोर्ड एक ऐसा व्यक्तित्व है जिन्होंने अमेरिका के मध्यमवर्गीय समुदाय के लिए पहला "ऑटोमोबाइल" निर्मित किया। एक महंगे ऑटोमोबाइल को हेनरी ने सुलभ वाहन के रूप  में परिवर्तित कर अमेरिका के मध्यमवर्गीय समाज के समक्ष प्रस्तुत किया। अमेरिकी उद्योग जगत में "असेंबली लाइन तकनीकी" के जनक  का श्रेय भी हेनरी फोर्ड को ही जाता है।


जीवन परिचय (Henry Ford Biography)  


बीसवीं शताब्दी के परिदृश्य को गहराई से परिवर्तित करने वाले हेनरी फोर्ड का जन्म 30 जुलाई 1863 को संयुक्त राज्य अमेरिका के मिशिगन राज्य के डियरबॉर्न नामक नगर में हुआ था। इनकी माता का नाम मैरी फोर्ड और पिता का नाम विलियम फोर्ड था। अपने छह भाई-बहनों में हेनरी फोर्ड सबसे बड़े थे। वर्ष 1888 में हेनरी का विवाह क्लारा जैन ब्रायंट से हुआ इनका एक पुत्र है जिसका नाम ऐडसेल फोर्ड है।

"कारों का पितामह" कहलाने वाले हेनरी फोर्ड का प्रारंभिक जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा। वे एक मामूली किसान के बेटे थे। हेनरी के पिता भी हेनरी को उनकी तरह एक किसान बनाना चाहते थे जिसके चलते 15 वर्ष की उम्र तक हेनरी ने स्कूल के साथ-साथ खेतों में भी काम किया। बचपन से ही हेनरी का सभी प्रकार के यंत्रों के साथ विशेष कौतूहल रहा। इलेक्ट्रिक उपकरण उन्हें अपनी ओर आकर्षित करते थे। हेनरी अपने पड़ोसियों और अन्य लोगों की खराब घड़ियों को एकत्र कर उनमें नए यंत्र लगाकर मुफ्त में उनकी मरम्मत किया करते थे। पूरे मोहल्ले में हेनरी "वॉच रिपेयर मैन" के नाम से जाने जाते थे।

मशीनों के प्रति खास रुझान होने के कारण अपने पिता की इच्छा के विरुद्ध हेनरी घर छोड़ कर चले गए। 16 वर्ष की उम्र में उन्होंने "डीड्राईट डाक कंपनी" में प्रशिक्षु के तौर पर कार्य किया जिससे हेनरी को 2:30 डॉलर प्रति सप्ताह के तौर पर वेतन दिया जाने लगा। पैसों की पूर्ति को कम करने के लिए हेनरी रात में घड़ी सुधारने का कार्य भी किया करते थे जिससे उन्हें $2 सप्ताह की अतिरिक्त आमदनी भी मिलने लगी थी। अब हैैनरी का 3 साल का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका था और वे यंत्रविद्या मेंं भी पारंगत हो चुके थे। पुनःः वे अपने पिता के घर वापस लौट आए। घर आकर उन्होंने "वेस्टिंगहाउस इंजन कंपनी" में नौकरी की। जहां पर उनका काम  "स्टीम इंजन" का परिचालन तथा प्रदर्शन करना रहता था उसी समय हेनरी के मन में स्टीम इंजन के प्रति जुनून जागृत हुआ।

फोर्ड मोटर्स की दुनिया में अपनी बेमिसाल गाड़ियों की वजह से जाने जाने वाले हेनरी फोर्ड को अपने शुरुआती करियर में 5 बार नाकामियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। कड़ी मेहनत और संघर्ष के बल पर वे लगातार कार्यरत रहे। फोर्ड मोटर कंपनी की स्थापना करने का सफर उनका इतना आसान नहीं था लगातार हो रही नाकामियों के बावजूद भी हेनरी फोर्ड का आत्मविश्वास कभी कम नहीं हुआ उनका मानना था कि यदि आप सोचते हैं कि आप कर सकते हैं या आप नहीं कर सकते हैं तो -आप दोनों ही बार सही हैं। जीवन में सबसे महत्वपूर्ण अनुभव होता है, गलतियों का कोई मूल्य नहीं होता। वह कहते थे कि कुछ भी कठिन नहीं है। समस्या का समाधान खोजना सीखो। अपने अडिग मनोबल और कर्तव्यनिष्ठता के बल पर आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है।




हेनरी का पहला निर्माण कार्य (Henry Ford's Career)  


1891 में हेनरी को "एडिशन इल्यूमिनेशन कंपनी" में इंजीनियरिंग की नौकरी मिल गई अपनी पत्नी को साथ लेकर वे पुनः ड्रेडाइट चले गये। उनके सिर पर "गैसोलिन इंजन" का जुनून सवार था जिसके लिए उन्होंने अनेक प्रयोग किए अपने लगातार प्रयोगों के फल स्वरुप उनकी यह खोज पूरी हुई और उन्होंने "फोर्ड क्विड साइकिल" नाम से एक गाड़ी का निर्माण किया और 4 जून को क्विडसाइकिल का सफल परीक्षण किया।

वर्ष 1893 में हेनरी ने "डिड्राइट एडिशन इलेक्ट्रॉनिक" कंपनी में कार्य करना प्रारंभ किया और यहां पर उन्होंने 25 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उत्पन्न, चार अश्वशक्ति तक चलने वाली पहली पेट्रोलियम चलित गाड़ी का निर्माण किया। इसके बाद उन्होंने 1899 में इलेक्ट्रॉनिक कंपनी को छोड़कर डीड्राइट इलेक्ट्रॉनिक कंपनी की स्थापना की जिसमें उन्होंने काफी प्रसिद्धि प्राप्त की और वर्ष 1903 में इन्होंने "फोर्ड मोटर कम्पनी" की स्थापना की।


फोर्ड मोटर कंपनी (About Ford Motor Company)  


1930 में हेनरी फोर्ड द्वारा स्थापित फोर्ड कंपनी अमेरिका की एक बहुराष्ट्रीय वाहन निर्माता कंपनी है जिसका मुख्यालय मिशीगन के डियरबोर्न में है। फोर्ड मोटर कंपनी वृहत मात्रा में ऑटोमोबाइल्स और वाणिज्यिक वाहनों के साथ-साथ लिंकन ब्रांड के तहत लग्जरी कारों का निवेश करती है। कंपनी में एस्टन मार्टिन की 8% और जंगलिंग मोटर्स की 32% हिस्सेदारी है। इसके अतिरिक्त चीन के चंगान फोर्ड, ताइवान के फोर्ड लियो, थाईलैंड की ऑटोअलाइंस, टर्की की ऑटोसोंन,और रूस की फोर्ड सोलर्स का फोर्ड मोटर्स में सयुंक्त उद्यम है। कम्पनी के पास 256.54 बिलियन अमिरिकी डॉलर की सम्पति है।


जनसाधारण के लिए उतारी "मॉडल- टी" कार (Model T Car by Ford Motor)  


जब हेनरी की ऑटोमोबाइल कंपनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अच्छी कमाई करने लगी तो हेनरी को लगा कि जनसाधारण के लिए इन कारों को खरीद पाना आम बात नहीं है फोर्ड की कारें अभी भी विलासिता की वस्तुएं मानी जाती थी इसलिए फोर्ड ने अपनी कारों में सुधार करने का फैसला लिया और कम लागत में कारों का निर्माण कर वैनेडियम स्टील धातु के प्रयोग से अपने सपनों की कार का निर्माण किया और मॉडल -टी नाम से मार्केट में नई कार उतारी। इस कार की कीमत फोर्ड ने आम आदमी की आमदनी के हिसाब से रखी इस प्रकार अमीरों की तरह मॉडल-टी आम आदमी का भी वाहन बन गई।


असेंबली लाइन का सर्वप्रथम प्रयोग ( Henry Ford Started Assembly Line in Auto Production)




हेनरी फोर्ड की असेंबली लाइन के प्रयोग ने कार निर्माण कार्य में क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। वर्ष 1913 में हेनरी ने "असेंबली लाइन" के नाम से ऑटोमोबाइल्स वर्ल्ड को अनोखी सौगात दी। असेंबली लाइन के प्रयोग से कारों का व्यापक स्तर पर उत्पादन संभव हुआ है और फोर्ड कंपनी के कार निर्माण कार्य में दुगुना वार्षिक वृद्धि हुई है। असेंबली लाइन के प्रयोग से फोर्ड कंपनी का मुनाफा 3,00,00,00,0 डॉलर से $60,000,000 तक पहुंच चुका है। फोर्ड कंपनी की कार अमेरिका सहित अंतरराष्ट्रीय बाजार में पूर्ण स्वामित्व कर चुकी हैं 1998 के दशक में अमेरिका में आधी से अधिक कारें फोर्ड की ही थी।


प्रेरणादाई विचार धाराएं


"दुनिया में कोई भी कार्य कठिन नहीं है, हर समस्या का समाधान निश्चित है"।

"गलती वह है जिससे हम कुछ नहीं सीखते"।

" दुनिया आपके लिए जितना करती है आप दुनिया के लिए उससे अधिक करें -यही सच्ची सफलता है"।

"एक नेता बनने के लिए आपको किसी पद पर होने की जरूरत नहीं होती है"।

"जीवन में अनुभव सबसे महत्वपूर्ण है अनुभव के बल पर उठाया गया अगला कदम हमेशा सफल और परिवर्तनकारी होता है"। 

इस प्रकार कहा जा सकता है कि एक मामूली से किसान का बेटा अपने संघर्ष, जुनून और कार्य निष्ठा के बल पर विश्व पटल पर अपना परचम लहराने में सफल हुआ। $2 शुरुआती आमदनी के साथ अपना कार्य प्रारंभ करने वाले हेनरी फोर्ड आज विश्व के सबसे अमीर व्यक्तियों की श्रेणी में शुमार है। लगातार प्रयास करना, असफलताओं का विश्लेषण कर उनमें सुधार करना "कारों के पितामह" कहलाने वाले हेनरी फोर्ड  के जीवन का मूल मंत्र है।

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