हर कोई चाहता है कि उसकी त्वचा में चमक रहे तथा त्वचा हमेशा खिली-खिली और तरोताज़ा दिखे। त्वचा को लोग सबसे ज्यादा चेहरे से संबंधित देखते हैं क्योंकि शायद यही एक भाग है जिस पर किसी भी इंसान की नज़र सबसे पहले जाती है और हर व्यक्ति की एक विशिष्ट पहचान होती है। इस चेहरे की चमक को बरकरार रखने में योगासनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
आजकल हर कोई चाहे वह स्त्री हो या पुरुष सभी अपनी त्वचा या यूं कहें कि चेहरे को लेकर बहुत ही संवेदनशील रहते हैं। दमकते हुए निखार से युक्त चेहरा ही सुंदरता की पहचान माना जाने लगा है परंतु सुंदरता की परिभाषा इन सबसे बहुत अनोखी है। महान पुरुषों की भाषा में जब कोई व्यक्ति व्यवहार से सुंदर हो, विचार से सुंदर हो, मन से सुंदर हो, भाव से सुंदर हो उसे कहा जाता है सुंदर। चेहरा तो सुंदरता का बखान करने के लिए मनुष्यों द्वारा सुझाया गया बस एक साधन मात्र है। फिर भी कई लोगों के चेहरे का निखार कहीं खो जाता है और अच्छी और स्वस्थ त्वचा उनके लिए बस सपना बनकर रह जाती है। इसके लिए इस लेख के माध्यम से हम आपको कुछ योगासनों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको त्वचा का निखार वापस लाने में मददगार सिद्ध होंगे। Yoga For Glowing Skin
सबसे पहले यह जानते हैं, कि आखिर किन कारणों की वजह से त्वचा का निखार खो जाता है?
चेहरे की त्वचा को सुंदर बनाने, स्वस्थ रखने और जवां रखने के लिए आये दिन नये नये प्रोडक्ट्स बाजार में आ रहे हैं। स्त्रियां और पुरुष सभी उनकी ओर खिंचे चले जाते हैं।
कुछ लोगों को सामाजिक होने के कारण उन्हें कई सारी पार्टीज़, फंक्शनस, प्रोग्राम्स में जाना होता है जिस कारण वे दिन भर थक जाते हैं और शाम तक आते-आते उनकी त्वचा भी मुरझाई हुई सी लगती है तथा धीरे धीरे त्वचा अपना निखार खो देती है।
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लोगों के अत्यधिक तनाव में रहने के कारण भी त्वचा का ग्लो फीका पड़ जाता है।
कई बार लोगों की गलत और अस्वस्थ आदतों का प्रभाव उनकी त्वचा पर पड़ता है, जिसमें अत्यधिक सौन्दर्य प्रसाधन का प्रयोग, पोषण की कमी, अस्त-व्यस्त दिनचर्या, प्रदूषण, अपर्याप्त नींद, अत्यधिक धूम्रपान और शराब पीना अहम कारण हैं।
सूर्य की हानिकारक किरणों का प्रभाव भी त्वचा पर पड़ता है और कम उम्र में झुर्रियां पड़ने, काले धब्बे होने और बीमारियों की शिकायत होने जैसी परेशानियां होती हैं।
ये योगासन हैं फायदेमंद:
इन सभी समस्याओं से निजात पाने और निपटने के लिए हम सभी को इन योगासनों को अपनी दिनचर्या में अवश्य शामिल करके जीवन में योग को अपनाना चाहिए।
इन्हें करने के लिए सबसे पहले गहरी सांस लेनी चाहिए। जिससे हमारा मन व चित्त प्रसन्न हो। इसके लिए दायां हाथ सीने पर और बायां हाथ पेट पर रखकर गहरी सांस लेना चाहिए तथा मन किसी भी तरह के विचार से मुक्त होना चाहिए। इसके बाद योग की अवस्था में बैठकर तीन बार ॐ का उच्चारण करना लाभदायक होता है।
त्वचा में कसाव के लिए किया जाने वाला योग:
इस योग से त्वचा का कसाव बढ़ता है एवं झुर्रियां भी कम होती हैं। इसके लिए सबसे पहले मुंह में गहरी सांस लेकर हवा भरने होती है तथा 5 सेकंड तक इसे नियंत्रित करना होता है। यदि आप चाहें तो हवा भरके दायें बायें भी घुमाया जा सकता है। यह चेहरे के लिए बहुत अच्छा व्यायाम है तथा इससे गालों को आराम मिलने के साथ ही फेफड़ों को भी राहत मिलती है।
हलासन है फायदेमंद:
इस आसन से शरीर में रक्त प्रवाह बढ़ता है और त्वचा में निखार आता है। इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट कर अपने पैरों को 90 डिग्री के एंगल में उठाना होता है। उसके बाद पैरों को सबसे पीछे जाकर जमीन पर छूना होता है। इस अवस्था में हाथों को जमीन पर सीधे रखना होता है। इससे शरीर का आकार हल की भांति दिखाई देता है। त्वचा में निखार लाने के लिए यह उत्तम आसान है।
शीर्षासन:
सभी आसनों में शीर्षासन सबसे कठिन माना जाता है। किसी को भी इस आसन को मजबूरी या जबरदस्ती में नहीं करना चाहिए। इसे अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। शीर्षासन में शरीर का निचला भाग ऊपर की ओर और सिर वाला भाग नीचे की ओर हो जाता है। इसके लिए सबसे पहले उंगलियों को एक दूसरे से जकड़ कर अपने सिर को उस पर टिकाना पड़ता है(ज़मीन पर)। अब निचले हिस्से को धीरे धीरे उठाना पड़ता है। जिसके बाद सिर नीचे तथा पैर ऊपर की ओर हो जाते हैं। इस स्थिति में संतुलन बनाना होता है। इस आसन को करने से रक्त संचार उल्टा होने लगता है, जिससे मस्तिष्क भी तेज होता है तथा त्वचा में चमक आ जाती है।
सर्वांगासन:
यदि किसी से शीर्षासन जैसा कठिन आसन नहीं हो पाता है तो उसे सर्वांगासन ही करना चाहिए। सर्वांगासन में पीठ के बल लेटकर पैरों को 90 डिग्री तक उठाकर उसके बाद कमर वाले हिस्से को उठाना होता है। इसके बाद पैरों को सीधे खड़ा करके कमर को हथेलियों पर बैलेंस करना पड़ता है। इसी मुद्रा में शरीर को स्थिर रखना होता है। इस आसन से भी रक्त का प्रवाह सिर की तरफ हो जाता है जिससे त्वचा चमकदार बनती है और चेहरे पर होने वाले मुहांसों से भी मुक्ति दिलाता है।
सिंगासन:
इस आसन में व्यक्ति को वज्रासन में बैठना होता है। इसके बाद घुटनों को थोड़ा सा खोलकर अपने हाथों की उंगलियों को पंजों की भांति खोलकर इन खुली उंगलियों को अपने घुटनों पर रखकर सांस को अंदर खींचना और अपनी जिह्वा को बाहर निकालना होता है। इसके बाद सांस छोड़ते हुए शेर जैसे ही आवाज में गर्जना करना होता है, इसलिए इसे सिंगासन कहा जाता है। इससे गले की मांसपेशियों में खिंचाव आता है। इसका अभ्यास करके चेहरे में ओज उत्पन्न होता है और त्वचा की खूबसूरती बढ़ती है।
चक्रासन से होता है लाभ:
चक्रासन को करने के लिए सबसे पहले खड़े होकर अपने दोनों पैरों को थोड़ा दूरी पर रखना होता है। इसके बाद हाथों को ऊपर उठा कर शरीर के साथ पीछे की ओर जाना होता है और हाथों को जमीन पर टिकाना होता है। इसमें एक चक्र की भांति शरीर का आकार बनता है इसलिए इसे चक्रासन कहते हैं। चक्रासन के अनेक लाभ हैं इससे ऑक्सीजन का शरीर में प्रवाह बढ़ जाता है और रीढ़ की हड्डी और पीठ को यह लचीलापन प्रदान करता है। इससे पाचन प्रणाली भी सुदृढ़ होती है।
हास्यासन करता है फायदा:
हास्यासन अपने नाम से ही स्पष्ट है हंसने वाला आसन। अर्थात इस आसन में अपने हाथों को ऊपर की ओर उठाकर अपने पूरे जोश से और शरीर की ताकत लगाकर हंसना होता है। यह हंसना जोर-जोर से होता है। इससे शरीर की बहुत सारी मांसपेशियों का व्यायाम एक साथ हो जाता है। इस तरह हंसने से फेफड़ों में ऑक्सीजन भी अधिक मात्रा में जाती है और रक्त शुद्ध होता है जिससे चेहरा खिल जाता है। इसे 30 सेकेंड तक करना चाहिए।
त्रिकोणासन:
इस आसन में शरीर त्रिभुज की भांति दिखाई देता है। इस आसन में खड़े रहकर अपने पैरों को चौड़ा करना होता है। इसके बाद हाथों को कंधे की सीध में लाकर एक तरफ झुकना तथा उसके बाद दूसरी तरफ झुकना होता है। इस आसन से चेहरे और सिर में रक्त का प्रवाह तेज़ गति से होने लगता है तथा ऑक्सीजन की ज्यादा मात्रा से त्वचा में चमक उत्पन्न होती है।
भुजंगासन:
इस आसन को कोबरा पोज भी कहते हैं क्योंकि इसमें कोबरा के जैसे शरीर का आकार हो जाता है। इसके लिए सबसे पहले पेट के बल जमीन पर लेट कर अपनी हथेलियों को जमीन पर टिकाना होता है। इसके बाद आधे शरीर को ऊपर उठाने के साथ चेहरे को भी ऊपर की ओर करना होता है। इस स्थिति में शरीर को स्थिर रखना होता है। इस आसन से त्वचा लचीली होती है तथा इसका कसाव बना रहता है। इससे पीठ और कंधे में भी लचीलापन आता है।
प्राणायाम करने से रहता है शरीर स्वस्थ:
कहते हैं यदि आपका शरीर स्वस्थ हो तो ही आप खुश रह सकते हैं और यदि आप खुश रहें तो आपकी त्वचा चमकती रहती है। इसीलिए योग के साथ प्राणायाम भी अति आवश्यक है। यह मस्तिष्क को तरोताजा रखता है और इसके द्वारा शरीर के हर अंग तक ऑक्सीजन आसानी से पहुंच सकता है। प्राणायाम सेहत के लिए अति लाभकारी होते हैं और इनके द्वारा सांस पर नियंत्रण अपने आप आ जाता है।