आमिर खुसरो जब अपने मुर्शिद हज़रात निजजामुद्दीन के सामने सज धज कर मिलने के लिए गए और मुर्शिद ने उनकी तरफ एक नज़र से देखा तो वो उनके चेहरे का तेज देखते ही रह गए और इसी वक्तव्य का सार है यह कविता या कलाम और पढ़ें
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