"मां" एक ऐसी रचना है उस परमात्मा की, जिसका स्थान कभी कोई भी नहीं ले सकता। भारतीय समाज में मां के स्थान को ऊंचा दर्जा दिया गया है। "सफर संघर्षों का" कृत्य में कवि ने मां के संघर्ष की व्यथा को बड़े ही मार्मिक व शाब्दिक ढंग से अपनी भावना में पेश किया है। और पढ़ें
यह गुलजार थोड़े अलग मिजाज के हैं, गीतकार ऐसे कि रुमाल और जुबान से हमें नवाजा है; उससे भी कई अलग। ये जो उनकी नज्में सीधे सवाल भी ना करें तो भी कई सवाल छोड़ कर चले जाते हैं। और पढ़ें
हाल के कुछ दिनों में नेहरू के नाम पर कई भ्रम फैलाए जा रहे हैं। नई- नई झूठी कहानियां रची जा रही हैं और सूचनाएं गठित करके इन्हें आगे बढ़ाने का प्रयत्न किया जा रहा है। यह कार्य राष्ट्रवादी भावना से पूर्ण लोगों का है। जो नेहरू और गांधी की छवि को बदलने की कोशिश में लगे हैं। और पढ़ें
हिंदी साहित्य का "महाप्राण" कहे जाने वाले सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने हिंदी साहित्य में अपनी कृतियों और रचनाओं के माध्यम से अलग छटा बिखेरी है जिनमें से एक है "गहन है यह अंधकारा:" आइए जानते हैं इस कृति में क्या लिखा गया है। और पढ़ें