एक ऐसा उपन्यास जिसमें मराठा राज्य के राजा जाति प्रथा के खिलाफ लड़ाई को लड़ते हैं। उपन्यास "प्रत्यंचा" महाराष्ट्र के छत्रपति शाहूजी महाराज की जाति प्रथा के खिलाफ लड़ाई की अद्भुत कहानी को बताता है। और पढ़ें
"मां" एक ऐसी रचना है उस परमात्मा की, जिसका स्थान कभी कोई भी नहीं ले सकता। भारतीय समाज में मां के स्थान को ऊंचा दर्जा दिया गया है। "सफर संघर्षों का" कृत्य में कवि ने मां के संघर्ष की व्यथा को बड़े ही मार्मिक व शाब्दिक ढंग से अपनी भावना में पेश किया है। और पढ़ें
कहते हैं कि जब आप एक पुरुष को शिक्षित करते हो तो आप सिर्फ एक 'व्यक्ति' को शिक्षित करते हो, परंतु यदि आप एक स्त्री को शिक्षित करते हो तो आप एक 'परिवार' को शिक्षित करते हो। इस कथन को पूरा किया स्वाति लाहोटी ने, जिन्होंने अपने बड़े बेटे को आई.आई.टी. की राह दिखाकर "उसके पंखों को उड़ान दी।" और पढ़ें
कोई चपरासी हो या व्यापारी कोई मंत्री हो या जुडिशरी में काम करने वाला कोई भी व्यक्ति हर कोई भ्रष्टाचार से ग्रसित है। इसी भ्रष्टाचार के मामले में लोकतंत्र की खुली आलोचना करती और उसकी पोल खोलती हुई किताब है-: खुली किताब। और पढ़ें