महामारी ने एक ओर जहां परिवार के साथ समय बिताने का खूब अवसर दिया, वहीं दूसरी ओर परेशानियां भी लेकर आया है। इसकी वजह से कई कंपनियों को अपने कर्मचरियों को लेकर कठोर फैसले भी लेने पड़े हैं जैसे कि वेतन कटौती और छंटनी। लेकिन अब कंपनियों ने यह फैसला किया है कि वे अगले साल यानी कि 2021 और पढ़ें
कोरोना महामारी के कारण सम्पूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था व्यापक रूप से प्रभावित हुई है। कारोबार और अनेक कम्पनियों ,कल - कारखानों ,उद्योग -धंधों के बन्द होने से बेरोजगारी की समस्या बढ़ी है जिसके चलते इन क्षेत्रों में काम कर रहे कर्मचारियों को भी अपनी रोजी-रोटी से हाथ धोना पड़ रहा है। और पढ़ें
कर्मचारी वर्ग के लिए बनाई गई है इसकी स्थापना भारत में 4 मार्च 1952 को नई दिल्ली में की गई थी । ईपीएफओ सरकार के अधिकार क्षेत्र में काम करता है इसे " केंद्रीय न्यासी "बोर्ड द्वारा प्रशासन व नियंत्रित किया जाता है तथा इसका प्रबंधन" श्रम और रोजगार मंत्रालय" करता है । और पढ़ें
कोरोना काल के चलते रिलायंस ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज ने अपने पेट्रोलियम प्रभाग में वेतन की कटौती जारी की थी, जिसमें कर्मचारियों का वेतन काटा जाना तय था परंतु अब मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली इस कंपनी ने अपने कर्मचारियों की वेतन कटौती का फैसला वापस ले लिया है। और पढ़ें