मैथिलीशरण गुप्त की कविता किसान में किसान की मेहनत के साथ साथ किसान की दशा को प्रदर्शित किया गया है। और पढ़ें
"माँ कह एक कहानी।"
बेटा समझ लिया क्या तूने मुझको अपनी नानी?"
"कहती है मुझसे यह चेटी, तू मेरी ना�... और पढ़ें
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की कविता नर हो न निराश करो मन को सोते हुए में भी जोश भरने वाली कविता है, यह कविता किसी क्षोभ से भरे हुए मन में जरूर सकारात्मकता लेकर आती है और पढ़ें