देश में चल रहे लॉकडाउन में जहां हर प्रकार के अपराध में गिरावट दर्ज की गई तो वहीं महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में कोई खास बदलाव देखने को नहीं मिला। जहां लॉकडाउन में हिंसा में कमी आनी चाहिए थी तो वहां प्राथमिकी शिकायत दर्ज में कमी पाई गई और पढ़ें