जौहर नाम से तो आप सभी परिचित होंगे। माना जाता है कि चित्तौड़़ का प्रथम जौहर रानी पद्मिनी द्वारा किया गया था जो 1303 में दूसरा 1535 और तीसरा 1568 में हुआ था तथा पुरुषों के द्वारा किए गए इस आत्मदाह को शाका कहा जाता था। यह बात उस शोध लेख में स्पष्ट हुई है जिसके आधार पर इस पुस्तक की रचना हुई। और पढ़ें
गंदगी और प्रदूषण के आतंकवाद से निपटने के लिए सरकार द्वारा समय-समय पर अनेक योजनाएं व स्वच्छता संबंधी कार्यक्रम चलाए जाते हैं प्रत्येक मानव के भीतर स्वच्छ रहने और स्वच्छता का भाव जगाने के लिए लेखक पंकज के सिंह द्वारा एक पुस्तक "स्वच्छ भारत समृद्ध भारत" की रचना की। और पढ़ें
एक कहानी जो बयां करती है मरने से पहले किसी व्यक्ति के मन में चल रही उधेड़बुन को, वह कहां तक सोच सकता है किस प्रकार से उसके विचार उसके मन में सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से बिजली की तरह कौंधते हुए भीतर ही भीतर उसे झकझोर कर रख देते हैं। और पढ़ें