6 दिसंबर 1965 की रात पाकिस्तान द्वारा भारत पर हमले का बदला लेने के लिए भारतीय सेना के जवान उनका मुकाबला करने के लिए तैयार हो गए। जिनमें अग्रिम पंक्ति पर तैनात होने वाले एक सिपाही थे वीर अब्दुल हमीद। जिनके अभूतपूर्व साहस और संघर्ष ने 1965 को भारत माता की रक्षा की थी। और पढ़ें