GST Update in Hindi
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जीएसटी रजिस्ट्रेशन के फर्जी टैक्सपेयर्स पर लगेगी लगाम | GST Update in Hindi

इस वर्ष एक ओर देश कोरोनावायरस जैसी महामारी से ग्रसित है तो दूसरी ओर कई ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से देश की  इकोनॉमी प्रभावित होती दिख रही है तथा नियमों में बदलाव करने पड़ रहे हैं। ऐसा ही एक कारण है फर्जी इनवॉइस। फर्जी इनवॉइस के मामले देश में लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। देश में फर्जी डीलर इसका गलत इस्तेमाल करके फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं परंतु अब यह ज्यादा दिन तक नहीं चल सकेगा। सरकार की ओर से जीएसटी के डीम्ड रजिस्ट्रेशन को और भी कठोर किया जाना निश्चित किया गया है, जिससे इस तरह के फर्जी इनवॉइस पर रोक लग सकेगी तथा फर्जी डीलर भी गलत तरीके से इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।

दरअसल जीएसटी रजिस्ट्रेशन में कई दिनों से फर्जीवाड़े की अत्यधिक शिकायतें आ रही थी। इसे लेकर सोमवार को केंद्र और राज्य सरकारों में चर्चा हुई। यह चर्चा जीएसटी के बढ़ते हुए फर्जी बिलों को लेकर तथा रजिस्ट्रेशन के कैंसिलेशन और सस्पेंशन की प्रक्रिया को लेकर हुई। इसी तरह से जीएसटी काउंसिल लॉ कमेटी ने फर्जी इनवॉइस के मुद्दे पर भी काफी देर तक महत्वपूर्ण चर्चा की। इस चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को और भी कठोर किया जाएगा। इससे जीएसटी एक्ट में भी संशोधन किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है। अब फर्जी काम पर रोक लगेगी और इस फर्जीवाड़े से देश को मुक्त किया जा सकेगा। इस चर्चा में देश कि केंद्रीय और राज्य सरकारों के टैक्स अधिकारी मौजूद थे।


350 मामले हुए दर्ज तथा 25 लोगों को किया गया गिरफ्तार


आपकी जानकारी के लिए बता दें की हाल ही के दिनों में डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (DGGI) ने फर्जी इनवॉइस और टैक्स चोरी के मामले में कई रैकेट को पकड़ा है और इनमें शामिल आरोपियों को पकड़ने के लिए कई जगहों पर छापेमारी की गई है। इस जांच में करीबन 25 लोगों को हिरासत में लिया गया है तथा इनके खिलाफ मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है और इनकी प्रॉपर्टी भी अटैच की जाने मुमकिन है। 

सूत्रों की मानें तो यह गिरफ्तारी रेडीमेड गारमेंट्स, सोना-चांदी, नॉन फेरस मेटल्स के स्क्रैप आदि के नकली इनवॉइस बनाने के कारण की गई है। आज भी विभिन्न जगहों पर खोज और छापेमारी की जा रही है तथा ऐसे लोगों की जांच की जा रही है जिन्होंने नकली जीएसटी इनवॉइस बनाकर लाभ उठाया है। ऐसे लोगों में एक विधायक का बेटा और दो चार्टर्ड अकाउंटेंट भी हिरासत में लिए गए हैं। इनके खिलाफ भी मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी जैसे केस चलाए जा रहे हैं तथा कंजर्वेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज एंड प्रीवेंशन ऑफ स्मगलिंग एक्टिविटीज के तहत केस दर्ज किया गया है। अब इस पर आगे कार्यवाही की जा रही है।


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कड़े होंगे जीएसटी पंजीकरण की प्रक्रिया के नियम


गौरतलब है कि फर्जी इन्वॉयस और इस तरह के रैकेट के बढ़ने से देश की इकोनॉमी बुरी तरह से प्रभावित हो रही है और इस वजह से देश को कई तरह से नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस  पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा जीएसटी पंजीकरण को सख्त किया जाना तय किया गया है। इसके लिए जिन भी बिजनेस मालिकों और प्रमोटरों के टैक्स देने के पिछले रिकॉर्ड सही तरीके से उपलब्ध नहीं हैं, उनकी कंपनियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने से पहले फिजिकल और फाइनेंशियल वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। इस वेरिफिकेशन को कराने के बाद पंजीकरण सस्पेंड या फिर कैंसिल करने की प्रक्रिया लागू की जाएगी और जब तक सच्चाई का पता नहीं चल जाता तब तक टैक्सपेयर्स रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सकते।


डेटा एनालिटिक्स का किया जाएगा प्रयोग


सूत्रों के अनुसार केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारियों की बैठक में फर्जीवाड़े को रोकने के लिए तथा फर्जी गतिविधियों में मौजूद टैक्सपेयर्स को पकड़ने के लिए डाटा एनालिटिक्स का प्रयोग किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए जिन लोगों पर संदेह है उन्हें सबसे पहले फिजिकल और फाइनेंशियल वेरिफिकेशन कराना होगा तथा वास्तविकता का पता चलने के बाद ही वे अपना पंजीकरण दोबारा करवा सकने में सक्षम होंगे। इस प्रक्रिया को अपनाने के लिए कई नियमों में बदलाव करना आवश्यक होगा। इसके लिए फिर से एक बैठक की जा सकती है। आशा है कि अब इस तरह के फर्जीवाड़े देश में नहीं होंगे तथा देश को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।



डिस्क्लेमर: यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य से लिखा गया है। किसी भी प्रकार इन्वेस्टमेंट करने से पहले आप अपने एडवाइजर से अवश्य परामर्श लें या उस से सम्बंधित दश्तावेज़ों का अध्यन अवश्य करें। हम आपके किसी भी फायदा या नुक्सान के लिए जिम्मेदार नहीं माने जायेंगे।

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