Third shaahi snaan in kumbh 2021 haridwar
कुम्भ 2021

हरिद्वार कुम्भ 2021 में आज बैसाखी के दिन होगा तीसरा शाही स्नान

कुंभ मेले में शाही स्नान का सिलसिला जारी है श्रद्धालु और अखाड़ों की भीड़ लगातार हर की पैड़ी पर देखने को मिल रही है। "हर- हर गंगे", "बम- बम भोले" के जयघोष से हर की पैड़ी "ब्रह्मकुंड" पर सनातनी आस्था का वैभव अलौकिक आध्यात्म की अनुभूति का कारक बना हुआ है। अध्यात्म और धर्म नगरी के चारों दिशाओं में सनातनी, बैरागी और उदासीन अखाड़ों की शान -शाही से परिपूर्ण सनातन धर्म संस्कृति की पराकाष्ठा का वैभव कनखल नगरी में लगातार देखने को मिल रहा है।


14 अप्रैल यानी वैशाखी के दिन नव वर्ष का क्रमानुसार तीसरा शाही स्नान है। भक्तों का हर की पैड़ी पर आस्था की डुबकी लगाने का तांता लगातार बना हुआ है। महाकुंभ 2021 का आज हिंदू नव वर्ष चैत्र संक्रांति का पवित्र शाही स्नान होने जा रहा है। आस्था और अध्यात्म के सबसे बड़े जमघट के साथ हालांकि  मंगलवार के दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ हो चुका है नव वर्ष के साथ-साथ चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी हो चुकी है जिससे गंगा स्नान का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। आस्था के सैलाब के आगे गंगा घाटों पर लगातार भीड़ का कोहराम मचा हुआ है साधु- संत तथा महात्मा मां गंगे की पूजा -अर्चना कर देश- दुनिया में फैले कोरोना से मुक्ति और सुख- समृद्धि की कामना कर रहे हैं।


वैशाखी मेष सक्रांति पर कुम्भ तीसरा शाही स्नान


हरिद्वार कुंभ का बुधवार 14 अप्रैल यानी बैसाखी के दिन मेष सक्रांति पर तीसरा शाही स्नान होने जा रहा है जिसके लिए मेला प्रशासन ने 20 बिंदुओं की गाइडलाइन के साथ देहरादून- हरिद्वार पर ट्रैफिक को सीमित दायरे में पहुंचने का ऐलान किया है। 14 अप्रैल को चैत्र सक्रांति पर महाकुंभ के इस महापर्व के आयोजन का प्रमुख कारण बृहस्पति के कुंभ राशि और सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करना है।


कुंभ नगरी में प्रचलित कुंभ के शाही स्नान निश्चित मुहूर्त पर पड़ते हैं। इस निश्चित और निर्धारित महायोग में सभी अखाड़ों का  शाही स्नान होता है। वैशाख पूर्णिमा के दिन कुंभ का अकेला महायोग बनने जा रहा है जिससे बड़ी संख्या में ब्रह्म कुंड पर आस्था की डुबकी लगाते हुए साधु संतों का कारवां देखने को मिलेगा।

 

क्या है महायोग?


हरिद्वार कुंभ का आयोजन 12 वर्ष के निर्धारित महायोग पर किया जाता है हालांकि इस बार महायोग 11 वर्षों में ही बन चुका है हरिद्वार कुंभ में ग्रहों के राजा बृहस्पति का कुंभ राशि में जाना महायोग को जन्म देता है और इन महायोग पर शाही स्नान करने से अमृत फल की प्राप्ति होती है। कुंभ के शाही स्नान का तीसरा महायोग वैशाख पूर्णिमा के दिन बनने जा रहा है।


स्नान में देखने को मिलेगा संतों का शाही अंदाज


रथों, घोड़ों और पालकियों पर सवार संत अपने शाही अंदाज में स्नान के लिए ब्रह्म कुंड पर निकलेंगे। कहा जा रहा है कि शाही स्नान के लिए अवतरित इन संतों के रथों पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प वर्षा का शानदार नजारा भी आज देखने को मिलेगा।


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शाही स्नान का समय


शाही स्नान के लिए कुंभ के सभी अखाड़ों को तकरीबन 20 से 30 मिनट का समय दिया जाएगा। मेला प्रशासन का कहना है कि शाही स्नान के शुभ मुहूर्त पर 8:30 बजे से अखाड़ों की पेशवाई शुरू की जाएगी। शंकराचार्य चौक से चंडी घाट होते हुए साधु संत हर की पौड़ी पर स्नान करने पहुंचेंगे। सर्वप्रथम श्री निरंजनी अखाड़ा शाही स्नान के लिए ब्रह्मकुंड पर पहुंचेगा। स्नान करने के उपरांत सभी अखाड़े के संतों द्वारा गंगा पूजन कर मां गंगे की आरती की जाएगी।


निरंजनी अखाड़े के साथ आनंद अखाड़े से जुड़े संतों का शाही स्नान।


जूना अखाड़ा -10:50 से 11:20 तक। जूना अखाड़े के साथ अग्नि और आह्वान अखाड़े तथा किन्नर अखाड़े से जुड़े संतों का शाही स्नान होगा।


महानिर्वाणी अखाड़ा -11:50 से 12:20 तक महानिर्वाणी अखाड़े का शाही स्नान होगा।


निर्मोही अखाड़ा -2:50 से 4:55 तक दिगंबर और निर्वाणी अणि अखाड़े के संतों का शाही स्नान एक साथ होगा।


पंचायती उदासीन अखाड़ा- 5:00 से 5:30 तक पंचायती उदासीन अखाड़े के साथ पंचायती नए अखाड़े का शाही स्नान होगा।


निर्मल अखाड़ा- 5:30 बजे सिक्ख संतों का यह निर्मल अखाड़ा ब्रह्म कुंड में स्नान के लिए प्रस्थान करेगा।

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