वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से जहां देश कई साल पीछे चला गया तो वहीं इससे अर्थव्यवस्था भी बुरी तरह से लड़खड़ा गई है। पिछले एक साल से ज्यादा हो गया और देश अभी भी लॉकडाउन कोविड-19 जैसी स्थितियों से गुजर रहा है। भारत इस वक्त कोरोना वायरस की लहर से लड़ रहा है अब जब देश में दूसरी लहर से राहत मिलने लग गई और चरणबद्ध तरीके से लॉकडाउन हटाया जा रहा है तो वहीं अभी भी कई राज्यों में कोरोना को लेकर शर्तों के साथ ढील देने की शुरुआत हो गई है। लॉकडाउन हटाने को लेकर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर कहा कि लॉकडाउन सावधानी से हटाएं और गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाएं। इसी बीच देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेस (एम्स) के निदेशक ने चेताया कि अगले छह से आठ हफ्तों में कोरोना महामारी की तीसरी वेव दस्तक दे सकती है जिसे रोकना संभव नहीं है।
कई लोगों के मन में यह सवाल न जाने कब से था कि कोरोना की तीसरी लहर कब आ सकती है? तो इस बात को लेकर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने अलर्ट कर दिया है कि अगले छह से आठ हफ्तों में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लोग कोरोना की जरूरी गाइडलाइन जैसे कि मास्क पहनना व सोशल डिस्टेंसिंग आदि का पालन नहीं करेंगे तो हालात काफी मुश्किल हो सकते हैं और इस लहर से बचा नहीं जा सकता। एम्स निदेशक डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कोरोना केस बढ़ने पर सर्विलांस और जिस क्षेत्र में केस बढ़ते हैं उस क्षेत्र की पहचान कर वहां लॉकडाउन लगाने की जरूरत पड़ सकती है। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि कोविड-19 में नियमों का पालन नहीं किया गया तो अगले 6-8 हफ्तों में तीसरी लहर आ सकती है। जरूरत है कि वैक्सीनेशन होने तक हम आक्रामक तरीके से अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
महाराष्ट्र पर ज्यादा खतरा
यह खबर सामने आ रही थी कि महाराष्ट्र में अनुमानित समय से पहले तीसरी लहर देखने को मिल सकती है और यह बात स्वयं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से गठित की गई विशेषज्ञों की टीम ने कही। एक्सपर्ट्स ने कहा कि राज्यों के कई हिस्सों में छूट मिलने के बाद भीड़ देखी गई और जिसमें लोग बिल्कुल भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना केसों की में जल्दी बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक विशेषज्ञों ने चेताया कि तीसरी लहर के चरम पर राज्य में 8 लाख सक्रिय मामले हो सकते हैं।
अक्टूबर तक आ सकती तीसरी लहर
जहां एम्स निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने छह से आठ हफ्तों में तीसरी लहर आने की बात कही तो वही हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के रायटर्स के सर्वे के हवाले से बताया गया कि देश में तीसरी लहर अक्टूबर तक आ सकती है। इस सर्वे में विश्वभर से 40 विशेषज्ञ, डॉक्टर्स, वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, वैज्ञानिक और प्रोफेसर से जानकारी प्राप्त की गई थी। अध्ययन में कहा गया कि जब तक तीसरी लहर आती है तब तक अधिक से अधिक लोगों का वैक्सीनेशन करके इस लहर को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि दूसरी लहर की तुलना में कम मामले तीसरी लहर में देखने को मिल सकते हैं।
बच्चों पर नहीं होगा असर
कोरोना की आने वाली तीसरी लहर को देखते हुए सरकार और नागरिक अलर्ट मोड़ पर आ चुके हैं। इस लहर को देखते हुए सबसे ज्यादा लोग बच्चों को लेकर चिंतित थे लेकिन राहत देने वाली खबर है कि एम्स और विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से किए गए अध्ययन में हाई सीरो-पॉजिटिविटी होने के बाद जानकारी मिली है। इसके मुताबिक कहा जा रहा है कि तीसरी लहर से बच्चों में कुछ खास असर देखने को नहीं मिलेगा।