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टिड्डी दल के प्रकोप से बचने के लिए महत्वपूर्ण उपाय | Tiddi Dal Attack

हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है यहां की 70% जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, हमारे देश की फसल हमार देश के  किसानों की मेहनत से ही फलती फूलती है, परंतु किसानों की मेहनत कीट पतंगे नुकसान में तब्दील कर देते हैं इन्हीं कीट पतंगों में से एक है टिड्डा। यह टिड्डा अपने दलों में रहते हैं तथा यह दल 1 किलोमीटर से 3 किलोमीटर तक बड़े होते हैं, टिड्डे का सामान्यता आकार 5 सेंटीमीटर तक का होता है, परंतु जब यह दल एक साथ मिल जाता है तो यह करोड़ों की फसल 1 दिन में चट कर जाता है। 


आइए जानते हैं टिड्डी दल कैसे बढ़ते हैं


बीबीसी से बात करते हुए कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर गुर्जर जी का कहना है कि, तापमान और मौसम टिड्डी दलो के यदि पक्ष में हो तो इनका नियंत्रण सबसे चुनौती भरा हो जाता है, तापमान और हवाओं के मुताबिक यह टिड्डी दल एक जगह से दूसरी जगह प्रस्थान करते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि राजस्थान, गुजरात ,महाराष्ट्र, पंजाब और यूपी में टिड्डी दलों के हमलों के कारण करोड़ों की फसल की बर्बादी हुई है।


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बताया जा रहा है कि टिड्डी दलों का प्रकोप इसी प्रकार बना रहा तो देश में आठ हजार करोड़ रुपए की फसल बर्बाद हो सकती है।

दक्षिण अफ्रीका में अधिक बारिश के कारण बड़ी संख्या में टिड्डियों ने प्रजनन किया , जिससे यह फैलने लगे इसके पश्चात यह बलूचिस्तान, पाकिस्तान, ईरान, में फैल गए! इस वर्ष अनुकूल परिस्थितियों के कारण टिड्डों के  प्रजनन में बढ़ोतरी हुई है, 

जिस कारण Tiddi Dal Attack फसलों पर निरंतर बढ़ता गया, और इसी वर्ष या समस्या ज्यादा व्यापक हो गई है।


टिड्डी दलों से फसलों की रक्षा के लिए उपाय 


पारंपरिक उपाय 

टिड्डी दलों को भगाने के लिए किसान अक्सर अपने खेत में धुआं करते हैं, जिससे टिड्डी दल फसल के आस पास नहीं आते। खेत में पानी भर कर खत्म किया जा सकता है टिड्डियों के अण्डों  को खत्म किया जा सकता, टिड्डी दल अपने अंडे खेतों में ही देते हैं, यदि खेत में  पानी भर दिया जाए इससे टिड्डों के अण्डे मर जाएंगे।

यदि डीजे में जोर जोर से गाने लगाए जाए तो इससे भी टिड्डे भाग जाएंगे क्योंकि टिड्डी दल कंपन ध्वनी से दूर भागते हैं।

 

रसायनिक उपाय 

खड़ी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक का छिड़काव करना आवश्यक है कीटनाशक के छिड़काव से ही टिड्डे मरेंगे ।

टिड्डी दल फसल ही नहीं बल्कि पेड़ पौधों को भी खोखला कर जाते हैं ,यह फसलों को कुछ ही घंटों में चट करने के पश्चात बड़े-बड़े वृक्षों की पत्तियों पर टूट पड़ते हैं। टिड्डे पर्यावरण असंतुलन के लिए  हानिकारक सिद्ध हुए हैं, क्योंकि यह पेड़ पौधों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं।

यह टिड्डी दल पेड़ पौधों को खोखला कर देती हैं ।

यदि आप की फसल पर टिड्डियों का कहर बरस गया है तो आप कृषि विभाग से रसायन लेकर अपनी फसल पर तुरंत छिड़काव कर सकते हैं।


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