भारत के पूर्वी हिस्से में स्थित एक खूबसूरत और आकर्षक राज्य है झारखंड। जो अपनी विलक्षण खूबसूरती तथा हरे-भरे घने जंगलों के लिए पूरे देश में विख्यात है। यह राज्य समुद्र तल से कुल 651 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है तथा 79,714 स्क्वायर किलोमीटर के दायरे में विस्तृत रूप से फैला हुआ है। यह 15 नवंबर सन 2000 को 28वें राज्य के रूप में देश में शामिल हुआ। जनसंख्या की दृष्टि से देखा जाए तो यह राज्य 14वाँ स्थान प्राप्त करता है। इसकी राजधानी रांची शहर है तथा उप राजधानी के रूप में दुमका राज्य में प्रसिद्ध है।
झारखंड अपने बेहतरीन जंगल, पहाड़, झरने, विभिन्न संस्कृति और जीवनशैली के लोगों तथा बड़ी संख्या में आदिवासियों के रहने के कारण प्रसिद्ध है। इसे 'लैंड ऑफ फॉरेस्ट' के नाम से भी जाना जाता है। यह राज्य चारों तरफ से उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल तथा बिहार राज्यों से अपनी सीमाएं साझा करता है। इसके अलावा यह एक विस्तृत आदिवासी संस्कृति को बेहतरीन रूप से दर्शाता एवं इसका संरक्षण करता है। देखा जाए तो यह राज्य खनिज निर्माण उद्योग के लिए कच्चा माल देने के लिए भी काफी प्रसिद्ध माना जाता है। इसके अलावा यहां के म्यूजियम, पहाड़, जंगल, पक्षी अभयारण्य, मंदिर आदि राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने में काफी हद तक सहयोग प्रदान करते हैं।
पर्यटन की दृष्टि से झारखंड पूरी तरह से समृद्ध राज्य है और घूमने के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन वाली जगहों में से एक है। यहां पर घूमने के लिए कई सारी इतनी खूबसूरत और मशहूर जगह हैं कि पर्यटक यहां आए बिना स्वयं को खुद को रोक नहीं पाते हैं। प्रकृति प्रेमियों तथा वाइल्डलाइफ को पसंद करने वाले लोगों के लिए तो यहां पर कई सारे विकल्प मौजूद हैं। यहां की वनस्पति और विभिन्न प्रकार के जीव मानो पर्यटकों के लिए प्रकृति का उपहार हैं। यहां पर कई सारे आकर्षक झरने, विशाल पर्वत, सुंदर तथा भव्य मंदिर एवं घूमने लायक माहौल है, जो पर्यटकों को अपनी ओर बेहद आकर्षित करते हैं। आज हम आपको झारखंड के कुछ ऐसे ही आकर्षक पर्यटक स्थलों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके बारे में जानकर आप यहां आने के लिए अवश्य ही उत्साहित हो जाएंगे।
जुबली पार्क (Jubilee park)
जुबली पार्क झारखंड के लोकप्रिय स्थानों में से एक है। यह पार्क झारखंड में स्थित जमशेदपुर शहर में है। इस पार्क की स्थापना सन 1958 में हुई थी। जो जमशेदपुर शहर की स्वर्ण जयंती का शुभ अवसर था। 50 वीं सालगिरह के मौके पर शहर की जनता के लिए मुख्य रूप से इस पार्क का निर्माण किया गया था जोकि टाटा स्टील कंपनी द्वारा जमशेदपुर शहर को उपहार स्वरूप भेंट किया गया था। दरअसल जमशेदपुर शहर को टाटानगर भी कहा जाता है। इसका नाम टाटा स्टील कंपनी के संस्थापक जमशेदजी टाटा के नाम पर रखा गया है। इस पार्क को जमशेदजी टाटा के मुगल गार्डन के रूप में भी संबोधित किया जाता है।
यह खूबसूरत और विशाल पार्क पर्यटकों के लिए कई सारी बेहतरीन बाहरी गतिविधियों और खेलों का आनंद लेने के लिए बनाया गया है। यहां पर विभिन्न प्रकार के आकर्षण मौजूद हैं। इसके साथ-साथ पार्क के बीचों-बीच पानी के फव्वारे और एक चिड़िया घर भी भीतर ही स्थित है, जिससे पर्यटक यहां पर परिवार के साथ भी अपने दिन को खुशनुमा तरीके से बिता सकते हैं। इसके अलावा यहां जयंती सरोवर, वैट आईलैंड, निकको जुबली एम्यूजमेंट पार्क, चिल्ड्रन पार्क और डेली गार्डन तथा टाटा स्टील जूलॉजिकल पार्क स्थित हैं। यदि आप इस तरह से बाहरी वातावरण में शांति का अनुभव करना चाहते हैं तो इस स्थान पर आकर उस अनुभव को प्राप्त कर सकते हैं।
पारसनाथ पहाड़ी (Parasnath Hills)
पारसनाथ पहाड़ी झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले में स्थित है। यहां पर पहाड़ियों की एक विस्तृत श्रृंखला स्थित है जो जैन भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण धर्म स्थल है। इस पहाड़ी को जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पारसनाथ के नाम से जाना जाता है। इस वजह से ही पहाड़ियों का नाम पारसनाथ पहाड़ियां रखा गया है। दरअसल कहा जाता है कि इस स्थान पर 24 जैन तीर्थकरों ने निर्वाण को प्राप्त किया था। मोक्ष प्राप्त करने के बाद उन सभी 24 जैन तीर्थकरों के लिए पहाड़ी पर मंदिर भी बनाए गए हैं। प्रत्येक तीर्थकर के लिए 1-1 मंदिर (जिसे गुमटी या तुक कहा जाता है) निर्मित है। इस पहाड़ी की सबसे ऊंची चोटी 1350 मीटर ऊंची है। यहां पर उपस्थित मंदिरों में से कई मंदिर तो ऐसे हैं जो अपनी पौराणिकता के लिए विख्यात हैं। यह मंदिर 2000 वर्षों से भी पहले के बने हुए माने जाते हैं।
भले ही इस स्थान को प्राचीन काल से ही जाना जाता है परंतु यहां पर जैन तीर्थंकरों के लिए निर्मित मंदिर हाल ही के बनाए हुए मंदिर हैं। वैशाख पूर्णिमा के अवसर पर यहां पर संथाल जनजाति के लोग एक विशेष प्रकार का त्यौहार मनाते हैं जिसे एक शिकार त्योहार के रूप में जाना जाता है। संथाल जनजाति के लोग इस पहाड़ी को देवता की पहाड़ी के नाम से भी पुकारते हैं। यदि आप लोग किसी भी तरह के एडवेंचर के शौकीन हैं तो इन ऊंची पहाड़ियों पर आकर यहां से प्राकृतिक नजारों और प्रकृति की गोद में बसे इन सुंदर मंदिरों में भ्रमण के लिए आ सकते हैं।
जगन्नाथ मंदिर (Jagannath Temple)
झारखंड के रांची शहर से 10 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है जगन्नाथ मंदिर। इसका निर्माण 25 दिसंबर 1691 को पूर्ण हुआ था। यह मंदिर भरत गढ़ के राजा जगन्नाथपुर ठाकुर अर्थात नाथ शाहदेव के द्वारा निर्मित कराया गया था। यह मंदिर झारखंड में स्थित है जो कि उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर के ही जैसा दिखाई देता है। क्योंकि यह दोनों मंदिर एक जैसे ही स्थापत्य शैली में निर्मित किए गए हैं। भले ही यह मंदिर उड़ीसा पुरी के मंदिर से काफी छोटा है परंतु फिर भी पुरी में होने वाली रथयात्रा के जैसे ही इस मंदिर में भी वर्ष के आसाढ़ महीने में एक मेला आयोजित किया जाता है। इस मेले में रथयात्रा निकाली जाती है। यह मेला एक त्यौहार की तरह पूरे शहर में मनाया जाता है। इस मेले में सिर्फ रांची शहर ही नहीं बल्कि उसके आसपास के गांव और कस्बों के भी कई सारे आदिवासी एकत्रित होते हैं और मेले के विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी निभाते हैं। देखा जाए तो यह मेला एक भव्य मेला होता है जो कई सारे आदिवासी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। इसके साथ-साथ कई सारे पर्यटक भी इस तरह की संस्कृति को देखने के लिए इस जगह की ओर खिंचे चले आते हैं।
रांची की खूबसूरत पहाड़ियां (Ranchi)
झारखंड के रांची शहर से तो आप सभी वाकिफ होंगे पर क्या आप लोग यह जानते हैं कि इस रांची शहर में ही ऐसी सुंदर और खूबसूरत हिल्स हैं जो यहां की हसीन वादियों को दिखाती हैं। इन ऊंची पहाड़ियों और दृश्यों का आनंद उठाने के लिए कई सारे पर्यटक इस गंतव्य को काफी पसंद करते हैं। यह राज्य के सबसे आनंददायक और आकर्षक स्थानों में आता है। यह पहाड़ियां करीब 2140 फीट की ऊंचाई पर अवस्थित हैं। इन पहाड़ियों की सबसे दिलचस्प बात है कि यहां पर आकर आप पूरे शहर का नजारा देख सकते हैं। यहां पर एक मंदिर भी विराजित है जो कि भगवान शिव का मंदिर है। यह मंदिर इन पहाड़ियों के मुख्य आकर्षणों में शामिल है। इनके अलावा यहां पर निर्मित एक आकर्षक पहाड़ी झील भी है। इस झील में पर्यटकों को आनंददायक नौका विहार की सुविधा दी जाती है। देखा जाए तो प्रकृति में आनंद ढूंढने वाले लोगों के लिए यह जगह किसी जन्नत से कम नहीं है, जो समुद्र तल से करीब 700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस जगह के प्रमुख आकर्षणों में हतिया संग्रहालय, हिल स्टेशन रांची, टैगोर हिल्स आदि शामिल हैं जो पर्यटकों को अपनी ओर दृढ़ता से आकर्षित करते हैं।
हजारीबाग (Hazaribagh)
झारखंड का यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रांची से 95 किलोमीटर की दूरी पर उपस्थित है। यह स्थान अपने खूबसूरत पहाड़ियों और सुहावने मौसम के लिए पूरे राज्य में विख्यात है। हजारीबाग शहर 2019 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह कई वनस्पतियों, विभिन्न प्रकार के जीवों तथा उद्यानों के होने से राज्य के पर्यटन में काफी हद तक अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराता है। इस प्रसिद्ध स्थान की जलवायु इतनी सुरम्य है कि इसे स्वास्थ्यवर्धक भी माना जाता है। हजारीबाग शहर के नाम से ही इसका अर्थ जाना जा सकता है। हजारीबाग का अर्थ है 'हजार बाग' अर्थात हजार उद्यानों का शहर। इस शहर में सिर्फ उद्यान ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, खूबसूरत पहाड़ियां और कई भव्य मंदिर उपस्थित हैं। सुंदर प्राकृतिक आकर्षण, घने जंगल तथा विभिन्न प्रकार की पहाड़ियां पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं। इसके अलावा यहां पर कनेरी हिल्स, रजरप्पा मंदिर आदि स्थित हैं। अतः आप प्रकृति के गोद में शांति पूर्ण समय बिताना चाहते हैं तो इस जगह पर आकर आपको मन की शांति अवश्य मिल सकती है।
नेतरहाट (Netarhat)
नेतरहाट झारखंड के रांची से 156 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र अपनी पहाड़ी खूबसूरती के लिए राज्य में मशहूर है। देखा जाए तो यह एक सुंदर हिल स्टेशन है, जहां पर दूर-दूर से कई पर्यटक बड़ी संख्या में प्राकृतिक नजारों को देखने के लिए आते हैं। इस स्थान की दूरी समुद्र तल से 428 मीटर की ऊंचाई पर है। नेतरहाट को झारखंड में 'छोटा नागपुर की रानी' के नाम से भी जाना जाता है। यह हिल स्टेशन झारखंड के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है। यहां पर शांत और मंत्रमुग्ध कर देने वाला वातावरण तथा विशुद्ध प्राकृतिक दृश्य मन को छू लेते हैं, जो पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र होते हैं। इस खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र से सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारे भी काफी अद्भुत दिखाई देते हैं। छठ त्यौहार के समय श्रद्धालुओं की भीड़ इस क्षेत्र में देखी जा सकती है। यदि आप भी इस तरह की प्राकृतिक समृद्धि देखने के शौकीन हैं और प्रकृति में रुचि रखते हैं तो इस स्थान पर आकर आप बिल्कुल भी निराश नहीं होंगे।
देवघर (Deoghar)
देवघर जैसे कि अपने नाम के अनुसार ही जाना जा सकता है कि यह देवताओं का घर है। यानी कि इस राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां पर भगवान शिव का एक विश्व विख्यात प्राचीन मंदिर उपस्थित है जिसे बैद्यनाथ धाम के नाम से जाना जाता है। यहां पर उपस्थित यह मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में शामिल है। इस स्थान पर देश भर से आने वाले कई भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। देश भर में प्रसिद्ध इस बैद्यनाथ धाम के मंदिर की ऊंचाई लगभग 72 फीट है और इसका आकार पिरामिड के समान है। यह मंदिर शिव जी को समर्पित है तथा इसके उत्तरी भाग में एक बरामदा है। जहां पर शिव जी के शिवलिंग को दूध तथा पानी चढ़ाया जाता है। यहां पर आकर हर भक्त निश्चय ही भक्ति भावना से परिपूर्ण हो जाता है। इस स्थान के अन्य आकर्षणों में शिवगंगा, सत्संग आश्रम, त्रिकूट हिल्स, कुंडेश्वरी, नंदन पर्वत आदि प्रमुख हैं। अतः इस स्थान पर आकर आपको दिव्य अनुभूति के साथ-साथ सुंदरता भरे कई सारे पर्वत तथा अन्य आकर्षण देखने को मिलते हैं।
दशम जलप्रपात (Dasam Fall)
भारत के झारखंड राज्य के रांची जिले में उपस्थित बंडू थाने के तैमारा गांव से कुछ ही दूरी पर स्थित है एक जलप्रपात, जिसे दशम जलप्रपात या 'दसम घाघ' के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यह एक विशाल झरना है जो रांची से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जलप्रपात स्वर्ण रेखा नदी की सहायक नदी पर बनता है, जो 144 फीट की ऊंचाई से नीचे की ओर गिरता है। इस जलप्रपात के साथ-साथ यह स्थान पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण पिकनिक स्पाॅट भी माना जाता है। यहां पर हजारों की संख्या में पर्यटक घूमने और चट्टानी ढलानों पर निर्मित इस खूबसूरत वाटरफॉल का मजा लेने के लिए आते हैं। यदि आप भी ऐसे झरनों को देखने के शौकीन हैं तो इस स्थान पर आकर आपको अवश्य ही बेहद सुकून मिलेगा।
बेतला राष्ट्रीय पार्क (Betla National Park)
विभिन्न जंगलों, वन्यजीवों तथा अलग-अलग संस्कृतियों के साथ-साथ झारखंड अपने खूबसूरत उद्यानों के लिए भी जाना जाता है। यहां पर पर्यटन का एक बेहद ही खूबसूरत क्षेत्र मौजूद है इसे बेतला राष्ट्रीय उद्यान के नाम से जाना जाता है। यह क्षेत्र सबसे अधिक जंगली हाथियों के लिए प्रसिद्ध है। इस स्थान पर एक बड़ा गर्म पानी का झरना उपस्थित है। इसके साथ-साथ पलामू किले भी यहां के खूबसूरत इतिहास को बयां करते हैं, जो ऐतिहासिक होने के साथ-साथ काफी रोचक भी हैं। यह स्थान सन 1974 के सबसे पुराने टाइगर रिजर्व के रूप में नामित है। दरअसल 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिजर्व बनने वाला यह पहला पार्क है। यहां के प्रमुख आकर्षणों में तेंदुए, बाघ, हाथी, डोगरा चील, उल्लू, तीतर, कोयल, मोर, छपका तथा लाल जंगली मुर्गी आदि प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा यहां पर अत्यधिक विषैले सांप तथा अजगर भी मुख्य रूप से पाए जाते हैं। अतः आप वन्य जीव के बारे में जानने में रुचि रखते हैं तो इस स्थान पर आप आना आपका व्यर्थ नहीं जाएगा।
बोकारो स्टील सिटी (Bokaro Steel City)
पूरे झारखंड राज्य में अपने इस्पात और कोयला उद्योगों के लिए मुख्य रूप से विख्यात है बोकारो सिटी। यह शहर एक खूबसूरत पर्यटन स्थल भी है। यहां पर कई सारे प्राकृतिक संसाधनों का भंडार हैं। यह प्राकृतिक स्थान पर्यटकों को शांति एवं बेहतर स्वास्थ्य के भरपूर अवसर प्रदान करते हैं। इस स्थान को 'स्टील कैपिटल ऑफ इंडिया' के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यहां पर प्राकृतिक स्थलों की वजह से पर्यटकों का जमावड़ा वर्ष भर लगा रहता है। यह स्थान स्टील सिटी की औद्योगिक क्रांति के रूप में भी चर्चित रहा है। यहां के अन्य पर्यटक आकर्षण स्थल काली मंदिर, राम मंदिर, गर्गा बांध, जवाहर नेहरू जैविक उद्यान आदि हैं, जो राज्य के इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल बनाते हैं। यदि आप झारखंड में घूमने का मन बना रहे हैं तो इस स्थान पर अवश्य आएं।
झारखंड राज्य की यात्रा के लिए सबसे अच्छा वक्त अक्टूबर से मार्च तक का वक्त माना जाता है क्योंकि इस वक्त गर्मियां नहीं होती और परिवहन की दृष्टि से यह सबसे अच्छा समय माना जाता है।
झारखंड का प्रसिद्ध भोजन (Famous Food of Jharkhand)
जिस तरह से झारखंड राज्य अपने आप में पर्यटन की दृष्टि से मशहूर है उसी तरह से यहां का खानपान भी स्वादिष्ट होने के साथ-साथ प्रसिद्ध है। झारखंड के स्थानीय भोजन में रोटी, दाल, सब्जी, मिठाइयां चावल आदि शामिल होता है। इसके अलावा मुख्य व्यंजन अरसा रोटी, ठेकुआ, लिट्टी, धुस्का, मीठा खाजा आदि सम्मिलित हैं।
झारखंड कैसे पहुंचे
झारखंड पहुंचने के लिए यात्रा मार्गो में से परिवहन के किसी भी मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- हवाई मार्ग- यदि आप हवाई मार्ग से झारखंड जाना चाहते हैं तो आसानी से यहां पहुंच सकते हैं। झारखंड राज्य में छह प्रमुख हवाई अड्डों के साथ-साथ चाकुलिया हवाई अड्डा, रांची का बिरसा मुंडा हवाई अड्डा, देवघर टर्मिनल आदि प्रमुख हैं। आप अपनी मंजिल के हिसाब से इन हवाई अड्डों का चुनाव कर सकते हैं।
- ट्रेन- यदि आप ट्रेन के सफर का मजा लेते हुए झारखंड जाना चाहते हैं तो परिवहन के इस मार्ग से भी सरलता से यहां पहुंचा जा सकता है। क्योंकि झारखंड में काफी रेलवे स्टेशन बनाए गए हैं जो यहां के बड़े-बड़े शहरों में स्थित हैं।
- बस- यदि आप सड़क मार्ग से झारखंड की यात्रा करना चाहते हैं तो जान लें कि झारखंड सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह से सभी महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है। इसके अलावा ये मार्ग झारखंड के पड़ोसी राज्यों से भी अच्छी तरह से आवागमन की सुविधा प्रदान करते हैं।