truths and myth about Corona vaccine
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Covid-19 Vaccine - जानिए कोरोना वैक्सीन से जुड़े मिथकों और उनके सत्य को

साल 2020 के शुरुआती दौर में भारत में कोरोना के मामले मिलने लगे थे। उसके कुछ समय बाद ही देश में संपूर्ण लॉकडाउन लगा दिया गया था। इस महामारी से लाखों लोगों की मृत्यु तो वहीं करोड़ों लोग संक्रमित हुए तथा लोगों से उनका रोजगार भी छूट गया। संक्रमण के दौरान ही हमारे वैज्ञानिकों ने इसके वैक्सीन निर्माण के लिए अपनी मेहनत व कार्य शुरू कर लिया था। आज भारत में वैक्सीन प्रोडक्शन के साथ ही वैक्सीनेशन भी शुरू हो गया है। अपने देशवासियों के साथ ही भारत ने अपने पड़ोसी देशों को भी वैक्सीन सप्लाई की, जिससे पड़ोसी देश भी कोरोना महामारी से लड़ पाए। एक ओर जहां वैज्ञानिकों और मेडिकल विशेषज्ञों ने कोरोना मरीज और इसके प्रसार पर रोक लगाने के लिए वैक्सीन बनाने में कड़ी मेहनत की तो वहीं दूसरी ओर लोग वैक्सीन से जुड़े मिथकों को सच मानकर अविश्वास बढ़ा रहे हैं। इसी मिथकों को दूर करने के लिए आज हम कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े सत्य को आपके समक्ष प्रस्तुत करेंगे।


कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित नहीं 


लोग इस बात पर ज्यादा विश्वास करते हैं कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और इसके अधिकांश टीके तीव्र गति से बनाए गए हैं। हम आपको बता देते हैं कि किसी भी टीके के निर्माण में स्थापित सुरक्षा और परीक्षण प्रोटोकॉल को बिल्कुल दरकिनार नहीं किया गया है। टीका निर्माताओं को स्थापित विकास प्रक्रिया से गुजर कर व्यापक नैदानिक परीक्षण से गुजरना पड़ता है जिससे टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं।


वैक्सीन से शरीर में गंभीर प्रतिक्रिया 


वैक्सीनेशन से मांसपेशियों में दर्द, थकान या बुखार, सिर दर्द, ठंड लगना जैसी अल्पकालिक हल्के या मध्यम प्रतिक्रिया हो सकती हैं। चिकित्सा शोधकर्ताओं के मुताबिक, एक सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 वैक्सीन से स्वस्थ लोगों में गंभीर प्रतिक्रिया की संभावना नहीं है।


टीकाकरण के बाद मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत नहीं 


वैक्सीन किसी दूसरे विकल्प का स्थान नहीं लेता है बल्कि उनका पूरक बनकर हमें सुरक्षित रखने का काम करता है। वैक्सीनेशन के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना और हाथों की निरंतर सफाई करना भी जारी रखें।


टीका मनुष्य में इनफर्टिलिटी का कारण 


हाल ही में यह अफवाह भी काफी उड़ाई गई थी कि विशिष्ट कंपनियों द्वारा विकसित कोविड-19 वैक्सीन महिलाओं व पुरूषों में बांझपन का कारण बन सकता है। यह पूरी तरीके से गलत है चिकित्सा शोधकर्ताओं ने इस बात को पूरी तरीके से नकार दिया है।


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इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकती है वैक्सीन 


वैक्सीन इस खतरनाक वायरस जो कि इम्यून सिस्टम को कमजोर कर रहा है उससे लड़कर आपके इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करेगी।‌ वैक्सीन इम्यून सिस्टम को कमजोर नहीं बनाती है।


टीका आपके शरीर में चिप लगाता है 


कई अफवाहों के साथ ही यह अफवाह भी उड़कर आई थी कि कुछ व्यक्तियों और सरकारों ने निगरानी और अन्य कारणों के उद्देश्य के लिए लोगों के शरीर में माइक्रोचिप को लगाने के लिए टीके के उपयोग की योजना बनाई है। जबकि किसी भी वैक्सीन से शरीर में चिप लगाना संभव नहीं है यह पूरी तरीके से मिथक है।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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