What are Symptoms of Brain Stroke in Hindi
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घातक बिमारी ब्रेन स्ट्रोक के क्या लक्षण हैं और क्या हैं मुख्य कारण | What are Symptoms of Brain Stroke in Hindi

गलत खानपान और लाइफस्टाइल के कारण शरीर को कई बीमारियां घेर लेती हैं। इन बीमारियों में से हार्ट अटैक जैसी बीमारी को लेकर तो सभी सचेत रहते हैं क्योंकि इसके बारे में लोग ज्यादा जागरूक हैं, परंतु ब्रेन स्ट्रोक जैसी बीमारी के बारे में नई-नई जानकारियां मिलती रहती हैं। जिसके कारण लोग इसे लेकर अभी ज्यादा सचेत नहीं हैं। पहले तो उम्र दराज के लोगों को ही इस तरह की बीमारी का खतरा होता था लेकिन अब युवा वर्ग भी इसकी चपेट में आने लगा है। 

अचानक होने वाली इस बीमारी का समय पर उपचार ना मिलने के चलते शरीर में किसी भी अंग की दिव्यांगता का कारण भी बन सकती है और इस बीमारी से कई तरह की परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैं। आज इस लेख के माध्यम से हम ब्रेन स्ट्रोक, इसके लक्षण, कारण तथा बचने के उपायों की जानकारी लेते हैं।


ब्रेन स्ट्रोक आखिर है क्या (What is Brain Stroke)


डॉक्टर के अनुसार जब दिमाग या मस्तिष्क की कोई नस जिसे हम आर्टरी का नाम देते हैं, वह अचानक ब्लॉक हो जाए या फिर फट जाए स्थिति को ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं। जिस प्रकार हार्टअटैक में हार्ट तक ब्लड नहीं पहुंच पाता (जिस वजह से हार्ट अटैक आता है), उसी तरह मस्तिष्क में रक्त के न पहुंच पाने से ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन अटैक होता है।

इसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है और इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। वैसे तो यह स्ट्रोक किसी भी वक्त हो सकता है, परंतु इसके ज्यादातर मामले सुबह के समय के सुनाई देते हैं क्योंकि उस समय रक्तचाप भी अधिकतम होता है।


ब्रेन स्ट्रोक दो प्रकार का होता है (Types Of Brain Stroke)


माइनर स्ट्रोक (Minor Brain Stroke)


इसमें मरीज को बोलने में परेशानी होती है तथा यह क्षमता पूरी तरह से खत्म भी हो सकती है। दरअसल शरीर का एक हिस्सा काम करना बंद कर देता है। इसमें मस्तिष्क के किसी भी हिस्से में रक्त का थक्का बनने लगता है, जिससे आवश्यक मात्रा में रक्त मस्तिष्क तक नहीं पहुंच पाता और मिनी स्ट्रोक आ जाता है।


मेजर स्ट्रोक या फुल फ्रेंड स्ट्रोक (Major Brain Stroke or Full Friend Stroke)


इसमें मरीज के शरीर का एक भाग पूरी तरह से काम नहीं कर पाता, चेहरा टेढ़ा हो जाता है और कई मामलों में मरीज की रिकवरी बहुत कम हो पाती है। इसमें आर्टिलरी या फिर नस के फटने से अत्यधिक रक्त का स्त्राव होता है, जिससे मेजर स्ट्रोक आता है।


समझें ब्रेन स्ट्रोक, ब्रेन हेमरेज तथा मुंह पर लकवा में अंतर (Difference Among Brain Stroke, Brain Hemorrhage and Paralysis on the Mouth)


दरअसल ब्रेन हेमरेज ब्रेन स्ट्रोक जैसा ही होता है। जब मस्तिष्क में जाने वाली किसी भी आर्टिलरी में खून की सप्लाई कम हो जाती है (जिसका कारण खून का थक्का बनना हो सकता है) उसे टीपीए यानी कि ट्रांसिट इस्केमिक स्ट्रोक कहा जाता है।

दूसरी ओर जब नस ब्लॉक हो जाए तो उसे इस्केमिक स्ट्रोक कहा जाता है। यदि किसी भी प्रकार की नस ब्लॉक होने की वजह पूरी तरह से फट जाए तो उसे ब्रेन हेमरेज कहा जाता है। ऐसी अवस्था होने पर लगभग 80% मामले स्ट्रोक के होते हैं तथा 20% ब्रेन हेमरेज होने के हो सकते हैं।

मुंह पर लकवा एक तरह का नर्व इंफेक्शन है। इसे हम किसी भी प्रकार का स्ट्रोक या हेमरेज नहीं कह सकते क्योंकि इसमें नस या आर्टिलरी में सूजन आ जाती है।


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ये हो सकती हैं वजहें (Reasons for Brain Stroke)


ब्रेन स्ट्रोक कई कारणों से हो सकता है। दिमाग या गले की किसी भी नस में गांठ बन जाना, जो थ्रोम्बोसिस कहलाता है। ब्रेन स्ट्रोक की फैमिली हिस्ट्री हो, स्मोकिंग करने वाले व्यक्तियों, दिल से संबंधित बीमारियों के मरीज, शुगर तथा कोलेस्ट्रोल के मरीज, ब्लड प्रेशर से पीड़ित एवं उम्रदराज लोगों को यह समस्या मुख्य रूप से हो सकती है।

गौरतलब है कि उम्र बढ़ने पर आर्टरी पतली हो जाती हैं। इस वजह से वह कई बार बंद भी हो सकती हैं, जिससे ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। बदलती हुई और गलत लाइफस्टाइल से भी इस प्रकार का खतरा हो सकता है।


इस तरह के हो सकते हैं लक्षण (Symptoms of Brain Stroke)


ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण निम्न प्रकार से देखे जा सकते हैं।

  • चेहरा टेढ़ा होना
  • देखने में परेशानी का अनुभव करना
  • हाथ पैर सुन्न हो जाना 
  • बोलने में भी समस्या होना 
  • चक्कर आना
  • काफी तेज सर दर्द होना
  • शरीर का एक तरफ का हिस्सा लकवा ग्रसित हो जाना, जिसे पैरालिसिस भी कहते हैं।
  • लगातार उल्टियां होना आदि।


कैसे होता है निदान (Brain Stroke Diagnosis Procedure)


इस समस्या और बीमारी के निदान के लिए एम.आर.आई, सी टी स्कैन, एंजियोग्राफी आदि तकनीकों का प्रयोग किया जाता है।


बचाव है जरूरी (How to be Safe from Brain Stroke)


ब्रेन स्ट्रोक के कारण एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो सकती है, इसलिए इसका बचाव अत्यंत आवश्यक है। 

  • इसके बचाव के लिए तनाव कम से कम होना चाहिए।
  • नियमित व्यायाम करें।
  • फल और हरी सब्जियों का खूब सेवन करें।
  • रक्त में शुगर की मात्रा और कोलेस्ट्रॉल को का स्तर नियंत्रित रखें। 
  • ब्लड प्रेशर बढ़ाने वाली चीजें कम खाएं, जिससे यह भी नियंत्रित रहे।
  • फैट वाली चीजें और जंक फूड बिल्कुल भी ना खाएं।
  • प्रदूषण से स्वयं को बचाए रखें।
  • कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें
  • लगातार योग करते रहें। योगा करने से लाइफ़स्टाइल हेल्थी रहती है और तन एवं मन दोनों प्रसन्न रहते हैं।

इस तरह के योगा इफेक्टिव हो सकते हैं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम, भ्रामरी, डीप ब्रीदिंग, ओम का जाप, ध्यान लगाना, शवासन, हास्यआसन आदि।

ये सभी प्राणायाम शरीर को स्वस्थ रखने के साथ-साथ मानसिक बीमारियों को भी दूर रखने में मदद करते हैं। इनसे स्ट्रोक से बचना आसान होता है।

डिस्क्लेमर: यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं, इन्हे किसी डॉक्टर या फिर स्वस्थ्य स्पेशलिस्ट की सलाह के तौर पर न लें, बिमारी या किसी संक्रमण की स्थिति में डॉक्टर की सलाह से ही अपना इलाज करवाएं।

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