दिल्ली में अधिकारों को लेकर एक बार फिर से केजरीवाल और केंद्र सरकार आमने-सामने आ गए हैं, इससे पहले पिछले साल केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दिल्ली सरकार के अधिकारों को स्पष्ट वर्णन मांगा था, लेकिन अब फिर से इस नए बिल से जुबानी जंग तेज होने वाली है। दरअसल दिल्ली में LG की शक्तियां बढ़ाने वाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार संशोधन विधेयक 2021(NCT) बुधवार को राज्यसभा से भी पास हो गया इससे दो दिन पहले यह बिल लोकसभा से पास किया गया था। बिल के राज्यसभा में पेश होते ही कांग्रेस सहित चार विपक्षी दलों ने बिल का विरोध करते हुए सदन की कार्यवाही से वाकआउट किया परंतु बिल के पक्ष में बहुमत होने के बाद सभापति ने बिल के पास होने की मंजूरी प्रदान की। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह बिल अब महामहिम राष्ट्रपति महोदय के पास जायेगा, जिसमें राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद से यह बिल कानून का रूप ले लेगा।
संजय सिंह ने की 130 करोड़ भारतीयों से अपील
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि "मैं दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए, देश के 130 करोड़ भारतीयों के लिए, संविधान को बचाने के लिए सभी सदस्यों से न्याय मांगता हूं। मैं सभी सदस्यों से कहता हूं कि हम यहां तभी आयेंगे जब संविधान होगा।"
इस बिल को उन्होंने पूरी तरीके से अलोकतांत्रिक करार दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इससे यह साबित हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से डरते हैं जिससे घबराकर उन्होंने यह बिल संसद में पेश किया है।
SP सांसद ने की बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग
समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद विश्वंभर प्रसाद निषाद ने बिल के विरोध में संसद की कार्यवाही से वाकआउट किया। उन्होंने कहा कि यह बिल पूरी तरीके से असंवैधानिक है, बिल को सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने भी राज्यसभा की कार्यवाही से वाकआउट किया।
LG को कामकाज के बारे में जानने का हक
रेडी ने कहा- 1996 से केंद्र और दिल्ली के सरकारों के बीच अच्छे संबंध रहे हैं। सभी मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाया गया है लेकिन 2015 के बाद से कुछ मुद्दों को लेकर मतभेद सामने आए हैं। कई बार कोर्ट में याचिका दाखिल कर फैसला किया गया, कोर्ट ने यह भी फैसला दिया है कि सिटी गवर्नमेंट के एग्जीक्यूटिव इश्यू पर LG को सूचना दी जानी चाहिए।
क्या संशोधन किया NCT एक्ट में ?
NCT यानी कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र संशोधन विधेयक 2021 को लाया गया है जिसके तहत दिल्ली के उपराज्यपाल (LG) को कुछ अतिरिक्त शक्तियां प्रदान की जाएंगी। इस एक्ट के बाद से दिल्ली सरकार को कुछ मामलों में LG से मंजूरी लेनी अनिवार्य हो जाएगी। संशोधन बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को विधायिका से जुड़े फैसलों पर 15 दिन पहले और प्रशासनिक मामलों में 7 दिन पहले उपराज्यपाल की मंजूरी लेनी होगी। इस संशोधन को लेकर आप आपत्ति जता रही है और बिल का विरोध कर रही है। फिलहाल यह बिल संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है जो कि अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए उनके पास आएगा। बिल में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह कानून के रुप में लागू हो जाएगा।