नमस्कार दोस्तों!
विश्व में जितने भी धर्म है, वह सभी शांति व विश्वास का प्रतीक है।
इन सभी धर्मों में एक धर्म है, 'हिंदू धर्म' हिंदू शब्द मूलतः "फारसी" भाषा का है, इसका अर्थ उन भारतीयों से है जो भारतवर्ष के प्राचीन ग्रंथों वेद, पुराणों 'में वर्णित भारतवर्ष की सीमा के मूल एवं पैदाइशी प्राचीन निवासी है'।
वेद वेदांगों में हिंदू धर्म की परिभाषा कुछ इस प्रकार से है!
'गोपू भक्ति र्भवैद्यस्य प्रणवेन्ध दृढ़ मति। पुर्नजन्मानिःविश्वाससःसःवै हिन्दुरितिस्मृत:' ।।
अर्थात 'गौमाता 'में जिसकी भक्ति हो 'प्रणव 'जिसका पूज्य मंत्र हो 'पुनर्जन्म 'में जिसका विश्वास हो वही हिंदू है।
हिंदू धर्म के परिपेक्ष्य में सुप्रीम कोर्ट का फैसला 'सुप्रीम कोर्ट 'ने 'हिंदू धर्म 'को जीने का एक तरीका बताया, 'सुप्रीम कोर्ट 'ने 'हिंदू धर्म 'को जीने का एक तरीका बताया,1995 में लिए गए इस फैसले में कहा गया कि , हिंदू धर्म नहीं बल्कि जीवन जीने का एक सलीका है।
हिंदू धर्म के बारे में कुछ महत्वपूर्ण रोचक तथ्य | Amazing Facts of Hindu Dharm
ईश्वर एक- नाम अनेक हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार ईश्वर एक है ,तथा उसके रूप अनेक है इसलिए हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी-देवताओं का वर्णन मिलता है।
प्रकृति को ईश्वर के रूप में पूजना।
हिंदू धर्म में प्रकृति को देवता समान पूजा जाता है ,जैसे - नदी (गंगा ,यमुना , सरस्वती ,कृष्णा , कावेरी ), पर्वत (कैलाश, ऊँ पर्वत, गोवर्धन पर्वत आदि।) ,वृक्ष (तुलसी, पीपल, आम , केला आदि।) की पूजा हिंदू धर्म में की जाती है।
नास्तिकता भी हिंदू धर्म का हिस्सा है।
जहां हिंदू धर्म में 33 कोटि देवी देवता को माना जाता है वही नास्तिकता भी इसी का अंग है जो लोग भगवान में विश्वास नहीं रखते वह कहीं ना कहीं आत्मा को मानते हैं नास्तिकता को भी हिंदू धर्म का ही हिस्सा माना जाता है ।
हर कण में भगवान।
हिंदू धर्म के मान्यता अनुसार हर छोटे से छोटे कण में ईश्वर विराजमान है ,इसलिए हर कदम पर सजग रहने को कहा जाता है, ताकि किसी भी जीव को ठेस ना पहुंचे ।
रीति-रिवाजों की खान है हिंदू धर्म।
हिंदू धर्म में जातियों का विभाजन 4 वर्गों में किया गया है जिसमें हर जाति के अपने -अपने रीति -रिवाज होते हैं, तथा इस विविधता के कारण हिंदू धर्म को रीति-रिवाजों की खान कहा जाता है।
परोपकार ही पुण्य है।
हिंदू धर्म में आप यदि किसी जरूरतमंद पर दया या कोई परोपकार वाला कार्य करते हैं, तो उसे यहां पर पुण्य माना गया है। जितना आप दान दक्षिणा धर्म-कर्म के काम करते हैं उसे ही पुण्य का दर्जा हिंदू धर्म के अनुसार दिया गया है ।
हिंदू धर्म कर्मकांड का घर।
हिन्दू धर्म में हजारों प्रकार के कर्म कांड किए जाते हैं, जिन्हें संस्कार कहा जाता है। यह संस्कार 16 प्रकार के होते हैं ,इन्हें व्यक्ति के गर्भधारण काल से लेकर मृत्यु तक की क्रियाओं को शामिल किया जाता है।
हिंदू धर्म की कुछ प्रमुख अनसुलझी गुथ्थियाँ:
- हिंदू धर्म में जहां कामाख्या देवी की पूजा की जाती है ,वही मासिक धर्म को अपवित्र माना जाता है।
- नवरात्रों में कन्या पूजन को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है अर्थात कन्याओं को दुर्गा मां के समान माना जाता है ,परंतु वही बहुत सारे मंदिरों में नारियों के लिए प्रवेश निषेध है।
- हिंदू धर्म पितृसत्तात्मक को ज्यादा महत्व देता है तथा कन्या दान को सर्वश्रेष्ठ मानता है।
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